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जम्मू-कश्मीर में हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा दे सरकार : संसदीय समिति - नागरिक उड्डयन मंत्रालय

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गठित एक संसदीय पैनल ने जम्मू-कश्मीर में निवेश बढ़ाने के लिए एक विशेष नियोजन बोर्ड व निवेश प्रोत्साहन एजेंसी की स्थापना करने और हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने का केंद्र सरकार को सुझाव दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

ईटीवी भारत से बात करते नजीर अहमद लावे
ईटीवी भारत से बात करते नजीर अहमद लावे
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Published : Mar 7, 2020, 10:43 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गठित संसदीय पैनल ने जम्मू-कश्मीर में निवेश बढ़ाने के लिए एक विशेष नियोजन बोर्ड और निवेश प्रोत्साहन एजेंसी की स्थापना करने का सुझाव दिया है.

पैनल के अनुसार, नियोजन बोर्ड अलग-अलग क्षेत्रों में उद्योग और निवेशकों को आकर्षित कर समन्वय स्थापित करेगा.गृह मंत्रालय के अनुदान की मांगों पर अपनी 224 वीं रिपोर्ट में संसदीय पैनल ने नए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए भूमि, पूंजी, भंडारण, सड़क, रेलवे, वायु संपर्क, संचार, शक्ति, कुशल कार्यबल जैसी उचित भौतिक और सामाजिक अवसंरचनाओं के लिए सुझाव दिया है.

इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर से पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे ने पार्लियामेंट्री पैनल की रिपोर्ट की सराहना की.

ईटीवी भारत से बात करते नजीर अहमद लावे.

लावे ने कहा, 'संसदीय समिति ने अच्छे सुझाव दिए हैं और अगर इन्हें लागू किया जाता है, तो मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों काफी समृद्ध होंगे.'

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के साथ विशेष व्यवहार किया जाता था, लेकिन इसे निरस्त कर दिए जाने के बाद, पार्लियामेंट्री पैनल के सुझाव बहुत सामयिक हैं और सबसे स्वागतयोग्य है.

बता दें कि कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गठित पैनल ने जम्मू और कश्मीर में हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है.

पैनल ने कहा कि गृह मंत्रालय को वित्त मंत्रालय के साथ हाथ मिलाना चाहिए और जीएसटी के कार्यान्वयन के तहत हथकरघा और हस्तशिल्प के लिए कुछ छूट की मांग करनी चाहिए ताकि हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के लिए एक बाजार सुनिश्चित किया जा सके, जो सस्ते आयात के साथ प्रतिस्पर्धा के कारण वर्तमान में पिछड़ा हुआ है.

पैनल ने यह भी सिफारिश की कि सरकार केंद्रशासित प्रदेशों के पारंपरिक हथकरघा और हस्तकला विरासत के बारे में बच्चों को शिक्षित करने के लिए पाठ्यक्रम में कुशल शिल्प पेश कर सकती है.

पढ़ें- कश्मीर घाटी में अब शांति, हनीमून मनाने वालों का गुलमर्ग में स्वागत है : राम माधव

समिति ने सिफारिश की कि जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ गृह मंत्रालय को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और भारत के हवाईअड्डा प्राधिकरण के साथ मिलकर शेख उल आलम हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन की सुविधा प्रदान करनी चाहिए. इसके अलावा श्रीनगर हवाई अड्डे पर प्रदान किए गए बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया जाना चाहिए.

समिति ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई किराए को उचित सीमा तक रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए.

नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गठित संसदीय पैनल ने जम्मू-कश्मीर में निवेश बढ़ाने के लिए एक विशेष नियोजन बोर्ड और निवेश प्रोत्साहन एजेंसी की स्थापना करने का सुझाव दिया है.

पैनल के अनुसार, नियोजन बोर्ड अलग-अलग क्षेत्रों में उद्योग और निवेशकों को आकर्षित कर समन्वय स्थापित करेगा.गृह मंत्रालय के अनुदान की मांगों पर अपनी 224 वीं रिपोर्ट में संसदीय पैनल ने नए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए भूमि, पूंजी, भंडारण, सड़क, रेलवे, वायु संपर्क, संचार, शक्ति, कुशल कार्यबल जैसी उचित भौतिक और सामाजिक अवसंरचनाओं के लिए सुझाव दिया है.

इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर से पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे ने पार्लियामेंट्री पैनल की रिपोर्ट की सराहना की.

ईटीवी भारत से बात करते नजीर अहमद लावे.

लावे ने कहा, 'संसदीय समिति ने अच्छे सुझाव दिए हैं और अगर इन्हें लागू किया जाता है, तो मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों काफी समृद्ध होंगे.'

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के साथ विशेष व्यवहार किया जाता था, लेकिन इसे निरस्त कर दिए जाने के बाद, पार्लियामेंट्री पैनल के सुझाव बहुत सामयिक हैं और सबसे स्वागतयोग्य है.

बता दें कि कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गठित पैनल ने जम्मू और कश्मीर में हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है.

पैनल ने कहा कि गृह मंत्रालय को वित्त मंत्रालय के साथ हाथ मिलाना चाहिए और जीएसटी के कार्यान्वयन के तहत हथकरघा और हस्तशिल्प के लिए कुछ छूट की मांग करनी चाहिए ताकि हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के लिए एक बाजार सुनिश्चित किया जा सके, जो सस्ते आयात के साथ प्रतिस्पर्धा के कारण वर्तमान में पिछड़ा हुआ है.

पैनल ने यह भी सिफारिश की कि सरकार केंद्रशासित प्रदेशों के पारंपरिक हथकरघा और हस्तकला विरासत के बारे में बच्चों को शिक्षित करने के लिए पाठ्यक्रम में कुशल शिल्प पेश कर सकती है.

पढ़ें- कश्मीर घाटी में अब शांति, हनीमून मनाने वालों का गुलमर्ग में स्वागत है : राम माधव

समिति ने सिफारिश की कि जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ गृह मंत्रालय को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और भारत के हवाईअड्डा प्राधिकरण के साथ मिलकर शेख उल आलम हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन की सुविधा प्रदान करनी चाहिए. इसके अलावा श्रीनगर हवाई अड्डे पर प्रदान किए गए बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया जाना चाहिए.

समिति ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई किराए को उचित सीमा तक रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए.

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