ETV Bharat / bharat

BJP से नाराज पंकजा मुंडे 12 दिसंबर को ले सकती हैं बड़ा फैसला - pankaja munde allegedly unhappy with bjp in maharashtra

राकांपा नेता और चचेरे भाई धनंजय मुंडे के हाथ मराठवाड़ा की परली विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद से पंकजा मुंडे भाजपा की गतिविधियों में पहले की तरह सक्रिय नहीं दिख रहीं हैं. पंकजा ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. जानें, क्या कहा है उन्होंने.

ETV BHARAT
पंकजा मुंडे ( फाइल फोटो)
author img

By

Published : Dec 2, 2019, 1:35 PM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चचेरे भाई के हाथों परली विधानसभा सीट चुनाव हारने के पीछे भितरघात की आशंकाओं के बाद से पंकजा मुंडे भाजपा से नाराज बताई जाती हैं. उनके ट्विटर प्रोफाइल से बीजेपी का टैग हटाए जाने और रविवार को लिखे एक फेसबुक पोस्ट से इस बात के संकेत मिलते हैं.

महाराष्ट्र की पिछली देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री रह चुकीं पंकजा ने पिता गोपीनाथ मुंडे की जयंती 12 दिसंबर को समर्थकों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें वह कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं. समर्थकों का आरोप है कि ओबीसी वर्ग और पार्टी में नेतृत्व खत्म करने के लिए भाजपा के कुछ नेताओं ने ही पंकजा को चुनाव में हराया.

राकांपा नेता और चचेरे भाई धनंजय मुंडे के हाथ मराठवाड़ा की परली विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद से पंकजा भाजपा की गतिविधियों में पहले की तरह हाल-फिलहाल सक्रिय नहीं दिख रहीं. पंकजा ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. मराठी में लिखे इस पोस्ट मे उन्होंने कहा है, "बदले राजनीतिक माहौल को देखते हुए यह सोचने की जरूरत है कि आगे क्या किया जाए? अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है. मुझे स्वयं से बात करने के लिए 8-10 दिनों की जरूरत है."

पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से 12 दिसंबर को गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर बीड के गोपीनाथगढ़ में आयोजित बैठक में पहुंचने की अपील की है. माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे इस बैठक के जरिए शक्ति प्रदर्शन करना चाहती हैं. अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर वह कोई घोषणा भी कर सकती हैं.

पढ़ें- '40 हजार करोड़ के लिए बने थे सीएम', फडणवीस ने दिया ऐसा जवाब

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने ट्वीट कर आशा जताई थी कि राज्य का भविष्य उज्‍जवल होगा.

भाजपा के अंदरखाने इसे पंकजा मुंडे की दबाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि ओबीसी का प्रमुख चेहरा होने के कारण वह पार्टी में कोई बड़ी भूमिका चाहती हैं. सूत्र बताते हैं कि 2014 में मोदी-शाह की पसंद से मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा में देवेंद्र फडणवीस के बेहद मजबूत होने पर जिन स्थानीय नेताओं में असंतोष पनपा, उनमें पंकजा भी एक हैं. ट्विटर प्रोफाइल से भाजपा का टैग हटाने और फेसबुक पोस्ट से असंतोष जताने के बाद माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे राजनीति की नई राह चुनने पर विचार कर रही हैं.

नई दिल्ली : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चचेरे भाई के हाथों परली विधानसभा सीट चुनाव हारने के पीछे भितरघात की आशंकाओं के बाद से पंकजा मुंडे भाजपा से नाराज बताई जाती हैं. उनके ट्विटर प्रोफाइल से बीजेपी का टैग हटाए जाने और रविवार को लिखे एक फेसबुक पोस्ट से इस बात के संकेत मिलते हैं.

महाराष्ट्र की पिछली देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री रह चुकीं पंकजा ने पिता गोपीनाथ मुंडे की जयंती 12 दिसंबर को समर्थकों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें वह कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं. समर्थकों का आरोप है कि ओबीसी वर्ग और पार्टी में नेतृत्व खत्म करने के लिए भाजपा के कुछ नेताओं ने ही पंकजा को चुनाव में हराया.

राकांपा नेता और चचेरे भाई धनंजय मुंडे के हाथ मराठवाड़ा की परली विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद से पंकजा भाजपा की गतिविधियों में पहले की तरह हाल-फिलहाल सक्रिय नहीं दिख रहीं. पंकजा ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. मराठी में लिखे इस पोस्ट मे उन्होंने कहा है, "बदले राजनीतिक माहौल को देखते हुए यह सोचने की जरूरत है कि आगे क्या किया जाए? अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है. मुझे स्वयं से बात करने के लिए 8-10 दिनों की जरूरत है."

पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से 12 दिसंबर को गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर बीड के गोपीनाथगढ़ में आयोजित बैठक में पहुंचने की अपील की है. माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे इस बैठक के जरिए शक्ति प्रदर्शन करना चाहती हैं. अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर वह कोई घोषणा भी कर सकती हैं.

पढ़ें- '40 हजार करोड़ के लिए बने थे सीएम', फडणवीस ने दिया ऐसा जवाब

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने ट्वीट कर आशा जताई थी कि राज्य का भविष्य उज्‍जवल होगा.

भाजपा के अंदरखाने इसे पंकजा मुंडे की दबाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि ओबीसी का प्रमुख चेहरा होने के कारण वह पार्टी में कोई बड़ी भूमिका चाहती हैं. सूत्र बताते हैं कि 2014 में मोदी-शाह की पसंद से मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा में देवेंद्र फडणवीस के बेहद मजबूत होने पर जिन स्थानीय नेताओं में असंतोष पनपा, उनमें पंकजा भी एक हैं. ट्विटर प्रोफाइल से भाजपा का टैग हटाने और फेसबुक पोस्ट से असंतोष जताने के बाद माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे राजनीति की नई राह चुनने पर विचार कर रही हैं.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.