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कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा का हथियार बन रहा टेलीमेडिसिन

कोरोना संकट काल के दौरान अस्पताल के ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में भले ही कमी आई है, लेकिन टेलीमेडिसिन द्वारा बाहर के डॉक्टरों से परामर्श लेने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे टेलीमेडिसिन ने व्यापक लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया है. जानें विस्तार से..

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Published : May 13, 2020, 4:48 PM IST

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कॉन्सेप्ट इमेज.

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है. लॉकडाउन की वजह सभी को घरों में रहना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद लोगों को एक जगह एकत्रित होने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है. कोरोना संकट के इस दौर में टेलीमेडिसिन ने व्यापक लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया है, क्योंकि यह रोगियों को दूरसंचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से डॉक्टरों से जुड़ने में मदद कर रहा है.

एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के अनुसार मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में सेंटर फॉर टेलीहेल्थ के निदेशक लीएच श्वामम और पार्टनर्स हेल्थकेयर में वर्चुअल केयर के उपाध्यक्ष और उनके सहयोगियों का मानना ​​है कि वर्चुअल केयर समय और दूरी की बाधाओं को दूर करके देखभाल प्रदान करने के लिए बहुत उपयोगी है. देखभाल प्रदान करने के लिए पारंपरिक तरीकों से अधिक सुविधाजनक, कम लागत, विशेष रूप से एक महामारी के दौरान.

लीएच श्वामम सुझाव देते हैं कि स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह इस डिजिटल इनोवेशन के लाभों को अभी और निकट भविष्य में इन-पेशेंट और एंबुलेटरी केयर डिलीवरी को फिर से डिजाइन करें.

पत्रिका पार्टनर्स हेल्थकेयर में पेश किए गए वर्चुअल केयर इनोवेशन के दायरे और पहुंच का वर्णन करती है और वर्चुअल केयर टूल्स को लागू करने पर अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मार्गदर्शन भी प्रदान करती है. यह महामारी के दौरान और बाद में उनके उपयोग के लिए चुनौतियों का सामना करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है.

लांसेट डिजिटल हेल्थ में डॉ श्वामम और सह-लेखकों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए वर्चुअल केयर डिलीवरी में दो नवाचारों का उल्लेख किया है. यह हैं वर्चुअल राउंड और एक वर्चुअल इंटरकॉम संचार प्रणाली.

वर्चुअल राउंड
वर्चुअल राउंड के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को फिर से डिजाइन करना चाहते हैं. पारंपरिक चिकित्सा में स्वास्थ्यकर्मियों को चिकित्सा संबंधी चर्चा के लिए एकत्रित होना पड़ता था, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी इसके माध्यम से बिना एकत्रित हुए एक साथ कंप्यूटर पर चर्चा कर सकेंगे.

वर्चुअल इंटरकॉम संचार प्रणाली
वर्चुअल इंटरकॉम संचार प्रणाली के माध्यम से चिकित्सक कहीं से भी अस्पताल के रोगियों की निगरानी कर सकेंगे. इतना ही नहीं वह उनके साथ बात भी कर सकेंगे.

डॉ श्वामम ने कहते हैं कि इन दृष्टिकोणों से कोरोना के इस दौर में हम बड़े पैमाने पर सोशल डिस्टेसिंग को पालन को कर पाएंगे और कोरोना वायरस को फैलने का खतरा भी कम रहेगा.

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है. लॉकडाउन की वजह सभी को घरों में रहना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद लोगों को एक जगह एकत्रित होने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है. कोरोना संकट के इस दौर में टेलीमेडिसिन ने व्यापक लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया है, क्योंकि यह रोगियों को दूरसंचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से डॉक्टरों से जुड़ने में मदद कर रहा है.

एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के अनुसार मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में सेंटर फॉर टेलीहेल्थ के निदेशक लीएच श्वामम और पार्टनर्स हेल्थकेयर में वर्चुअल केयर के उपाध्यक्ष और उनके सहयोगियों का मानना ​​है कि वर्चुअल केयर समय और दूरी की बाधाओं को दूर करके देखभाल प्रदान करने के लिए बहुत उपयोगी है. देखभाल प्रदान करने के लिए पारंपरिक तरीकों से अधिक सुविधाजनक, कम लागत, विशेष रूप से एक महामारी के दौरान.

लीएच श्वामम सुझाव देते हैं कि स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह इस डिजिटल इनोवेशन के लाभों को अभी और निकट भविष्य में इन-पेशेंट और एंबुलेटरी केयर डिलीवरी को फिर से डिजाइन करें.

पत्रिका पार्टनर्स हेल्थकेयर में पेश किए गए वर्चुअल केयर इनोवेशन के दायरे और पहुंच का वर्णन करती है और वर्चुअल केयर टूल्स को लागू करने पर अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मार्गदर्शन भी प्रदान करती है. यह महामारी के दौरान और बाद में उनके उपयोग के लिए चुनौतियों का सामना करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है.

लांसेट डिजिटल हेल्थ में डॉ श्वामम और सह-लेखकों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए वर्चुअल केयर डिलीवरी में दो नवाचारों का उल्लेख किया है. यह हैं वर्चुअल राउंड और एक वर्चुअल इंटरकॉम संचार प्रणाली.

वर्चुअल राउंड
वर्चुअल राउंड के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को फिर से डिजाइन करना चाहते हैं. पारंपरिक चिकित्सा में स्वास्थ्यकर्मियों को चिकित्सा संबंधी चर्चा के लिए एकत्रित होना पड़ता था, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी इसके माध्यम से बिना एकत्रित हुए एक साथ कंप्यूटर पर चर्चा कर सकेंगे.

वर्चुअल इंटरकॉम संचार प्रणाली
वर्चुअल इंटरकॉम संचार प्रणाली के माध्यम से चिकित्सक कहीं से भी अस्पताल के रोगियों की निगरानी कर सकेंगे. इतना ही नहीं वह उनके साथ बात भी कर सकेंगे.

डॉ श्वामम ने कहते हैं कि इन दृष्टिकोणों से कोरोना के इस दौर में हम बड़े पैमाने पर सोशल डिस्टेसिंग को पालन को कर पाएंगे और कोरोना वायरस को फैलने का खतरा भी कम रहेगा.

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