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परिवार की तलाश में महाराष्ट्र के नांदेड़ पहुंची गीता, देखें विशेष रिपोर्ट - गीता नांदेड में खोज रही परिवार

पाकिस्तान से पांच साल पहले लौटी गीता अपने परिजनों की तलाश कर रही है. इस मुहिम में मध्य प्रदेश सरकार का निर्देश मिलने के बाद एक गैर सरकारी संगठन भी उसकी मदद कर रहा है. ईटीवी भारत ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में गीता के परिवार की तलाश के दौरान गीता की मदद कर रहे साइन लैंग्वैज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र से बात की. उन्होंने बताया कि गीता को कई जगहों पर ले जाकर कोशिश की जा रही है कि उसे कुछ पुरानी बातें याद आएं, जिससे उसके परिवार को खोजने में मदद मिलेगी. गीता के परिवार की तलाश के लिए ईटीवी भारत भी विशेष अपील करता है.

परिजनों की तलाश में गीता
परिजनों की तलाश में गीता
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Published : Dec 14, 2020, 11:03 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 6:31 PM IST

नांदेड़ (महाराष्ट्र) : पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के बाद 2015 में पाकिस्तान से भारत लौटी गीता को अभी तक उसका बिछड़ा हुआ परिवार नहीं मिला है. उसके परिवार को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं. पाकिस्तान से भारतीय मातृभूमि पर लौटने के बाद उसकी आंखें अपने परिवार को लगातार तलाश रही हैं जो उससे लगभग 20 साल पहले बिछड़ गया था.

बहुचर्चित घटनाक्रम में स्वदेश वापसी के पांच साल गुजर जाने के बाद भी मूक-बधिर युवती ने हालांकि उम्मीद नहीं छोड़ी है. अब वह महाराष्ट्र और इससे सटे तेलंगाना में अपने बिछड़े परिवार को खोजने निकल पड़ी है.

परिजनों की तलाश में गीता, ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अधिकारियों ने बताया कि दिव्यांगों की मदद के लिए इंदौर में चलाई जा रही आनंद सर्विस सोसायटी गीता की देख-रेख कर रही है. मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा इस गैर सरकारी संगठन को मूक-बधिर युवती के बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा भी सौंपा गया है.

संगठन के सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित गीता के परिवार की खोज के लिए रविवार से शुरू हुई यात्रा में इस मूक-बधिर युवती के साथ हैं.

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान से लौटी गीता खोज रही बिछड़ा परिवार, महाराष्ट्र व तेलंगाना में जारी तलाश

उन्होंने बताया, फिलहाल हम महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अंचल में हैं. अगले सात दिनों तक हम मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में गीता के बिछड़े परिवार को ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे.

पुरोहित ने बताया कि इशारों की जुबान में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान संकेत मिले हैं कि उसका मूल निवास स्थान मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में हो सकता है जहां वह लगभग दो दशक पहले अपने परिवार से बिछड़ कर रेल से पाकिस्तान पहुंच गई थी.

नांदेड़ (महाराष्ट्र) : पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के बाद 2015 में पाकिस्तान से भारत लौटी गीता को अभी तक उसका बिछड़ा हुआ परिवार नहीं मिला है. उसके परिवार को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं. पाकिस्तान से भारतीय मातृभूमि पर लौटने के बाद उसकी आंखें अपने परिवार को लगातार तलाश रही हैं जो उससे लगभग 20 साल पहले बिछड़ गया था.

बहुचर्चित घटनाक्रम में स्वदेश वापसी के पांच साल गुजर जाने के बाद भी मूक-बधिर युवती ने हालांकि उम्मीद नहीं छोड़ी है. अब वह महाराष्ट्र और इससे सटे तेलंगाना में अपने बिछड़े परिवार को खोजने निकल पड़ी है.

परिजनों की तलाश में गीता, ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अधिकारियों ने बताया कि दिव्यांगों की मदद के लिए इंदौर में चलाई जा रही आनंद सर्विस सोसायटी गीता की देख-रेख कर रही है. मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा इस गैर सरकारी संगठन को मूक-बधिर युवती के बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा भी सौंपा गया है.

संगठन के सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित गीता के परिवार की खोज के लिए रविवार से शुरू हुई यात्रा में इस मूक-बधिर युवती के साथ हैं.

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान से लौटी गीता खोज रही बिछड़ा परिवार, महाराष्ट्र व तेलंगाना में जारी तलाश

उन्होंने बताया, फिलहाल हम महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अंचल में हैं. अगले सात दिनों तक हम मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में गीता के बिछड़े परिवार को ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे.

पुरोहित ने बताया कि इशारों की जुबान में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान संकेत मिले हैं कि उसका मूल निवास स्थान मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में हो सकता है जहां वह लगभग दो दशक पहले अपने परिवार से बिछड़ कर रेल से पाकिस्तान पहुंच गई थी.

Last Updated : Dec 15, 2020, 6:31 PM IST
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