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सिख संगत की भावनाओं का अपमान कर रहा पाकिस्तान : हरसिमरत

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं पर 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क लगाने को लेकर पाकिस्तान की निंदा की है. उन्होने ट्वीट कर कहा है कि पाकिस्तान ऐसा कर आस्था का व्यापार कर रहा है.

हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्री भजपा
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Published : Oct 21, 2019, 6:19 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 12:24 PM IST

चंडीगढ़ : केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं पर थोपे गये 20 डॉलर सेवा शुल्क के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आस्था का व्यापार शुरू कर दिया है.

हरसिमरत ने ट्वीट कर कहा कि 'करतारपुर साहिब दर्शन के लिए पाक द्वारा लगाया जाने वाला 20 अमेरिकी डॉलर का शुल्क अत्याचारपूर्ण है. एक गरीब भक्त इस राशि का भुगतान कैसे करेगा? पाकिस्तान ने आस्था का व्यवसाय किया है . इमरान खान का कथन है कि यह शुल्क विदेशी मुद्रा अर्जित कर पाक की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, जो कि बेहद शर्मनाक है.'

हरसिमरत कौर बादल ने की पाकिस्तान की निंदा

हरसिमरत ने ट्वीट में लिखा, 'करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान द्वारा लगाया जाने वाला शुल्क सिख संगत की भावनाओं का अपमान है. मैं अपने समाज के साथ मांग करती हूं कि यह जजिया कर तत्काल वापस लिया जाए.'

इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी पाकिस्तान द्वारा 20 अमेरिकी डॉलर सर्विस चार्ज को लेकर कहा था कि यह ऐतिहासिक गुरुद्वारे में जाने पर 'टिकट लगाना' है.

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हरसिमरत कौर बादल का ट्वीट

पिछले महीने दोनों राष्ट्रों के बीच तीसरे दौर की बैठक के दौरान, भारत ने पाकिस्तान द्वारा लगाये गये 20 अमेरिकी डॉलर के शुल्क पर निराशा व्यक्त की थी और इसपर पुर्नविचार की मांग की थी.

पिछले साल नवम्बर में भारत और पाकिस्तान ने एक बड़ी पहल की, जिसके तहत दोनो देशों के बीच करतारपुर कॉरिडोर बनाने पर सहमती बनी थी.

यह भी पढ़ें - करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं पर जजिया कर न लगाए पाकिस्तान : आरपी सिंह

यह गलियारा करतारपुर में दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर के साथ जोड़ेगा.

करतारपुर कॉरिडोर का उद्देश्य भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करना है, लेकिन करतारपुर साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को अनुमति लेनी होगी.

करतारपुर साहिब डेरा बाबा नानक मंदिर से लगभग चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है.

करतारपुर कॉरिडोर का आधा हिस्सा पाकिस्तान द्वारा गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर से भारत के बॉर्डर तक बनाया जा रहा है. इसके दूसरे हिस्से को भारत द्वारा पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा से बॉर्डर तक बनाया जा रहा है.

करतारपुर कॉरिडोर के जीरो प्वॉइंट को राष्ट्रीय राजमार्ग -354 तक जोड़ने वाले चार-लेन राजमार्ग का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है.

करतारपुर कॉरिडोर को शुरू किये जाने को लेकर इमरान खान ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि करतारपुर परियोजना पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और 9 नवम्बर, 2019 को इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.

पाक पीएम ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर 12 नवम्बर को यह कॉरिडोर खुला रहेगा.

चंडीगढ़ : केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं पर थोपे गये 20 डॉलर सेवा शुल्क के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आस्था का व्यापार शुरू कर दिया है.

हरसिमरत ने ट्वीट कर कहा कि 'करतारपुर साहिब दर्शन के लिए पाक द्वारा लगाया जाने वाला 20 अमेरिकी डॉलर का शुल्क अत्याचारपूर्ण है. एक गरीब भक्त इस राशि का भुगतान कैसे करेगा? पाकिस्तान ने आस्था का व्यवसाय किया है . इमरान खान का कथन है कि यह शुल्क विदेशी मुद्रा अर्जित कर पाक की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, जो कि बेहद शर्मनाक है.'

हरसिमरत कौर बादल ने की पाकिस्तान की निंदा

हरसिमरत ने ट्वीट में लिखा, 'करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान द्वारा लगाया जाने वाला शुल्क सिख संगत की भावनाओं का अपमान है. मैं अपने समाज के साथ मांग करती हूं कि यह जजिया कर तत्काल वापस लिया जाए.'

इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी पाकिस्तान द्वारा 20 अमेरिकी डॉलर सर्विस चार्ज को लेकर कहा था कि यह ऐतिहासिक गुरुद्वारे में जाने पर 'टिकट लगाना' है.

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हरसिमरत कौर बादल का ट्वीट

पिछले महीने दोनों राष्ट्रों के बीच तीसरे दौर की बैठक के दौरान, भारत ने पाकिस्तान द्वारा लगाये गये 20 अमेरिकी डॉलर के शुल्क पर निराशा व्यक्त की थी और इसपर पुर्नविचार की मांग की थी.

पिछले साल नवम्बर में भारत और पाकिस्तान ने एक बड़ी पहल की, जिसके तहत दोनो देशों के बीच करतारपुर कॉरिडोर बनाने पर सहमती बनी थी.

यह भी पढ़ें - करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं पर जजिया कर न लगाए पाकिस्तान : आरपी सिंह

यह गलियारा करतारपुर में दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर के साथ जोड़ेगा.

करतारपुर कॉरिडोर का उद्देश्य भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करना है, लेकिन करतारपुर साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को अनुमति लेनी होगी.

करतारपुर साहिब डेरा बाबा नानक मंदिर से लगभग चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है.

करतारपुर कॉरिडोर का आधा हिस्सा पाकिस्तान द्वारा गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर से भारत के बॉर्डर तक बनाया जा रहा है. इसके दूसरे हिस्से को भारत द्वारा पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा से बॉर्डर तक बनाया जा रहा है.

करतारपुर कॉरिडोर के जीरो प्वॉइंट को राष्ट्रीय राजमार्ग -354 तक जोड़ने वाले चार-लेन राजमार्ग का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है.

करतारपुर कॉरिडोर को शुरू किये जाने को लेकर इमरान खान ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि करतारपुर परियोजना पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और 9 नवम्बर, 2019 को इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.

पाक पीएम ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर 12 नवम्बर को यह कॉरिडोर खुला रहेगा.

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PB-HARSIMRAT-CORRIDOR
Pakistan making 'business out of faith', Harsimrat on Kartarpur service charge
          Chandigarh, Oct 21 (PTI) Union Minister Harsimrat Kaur Badal has slammed Pakistan for its insistence of charging USD 20 as service fee from Indian devotees for visiting Kartarpur Sahib Gurdwara, saying that the neighbouring country has made a "business out of faith".
          "The $20 fee each charged by Pak for Kartarpur Sahib darshan is atrocious. How will a poor devotee pay this amount? Pakistan has made a business out of faith. @ImranKhanPTI's statement that this fee will boost Pak's economy & result in earning foreign exchange is highly shameful," Harsimrat said a tweet.
          Earlier, Punjab Chief Minister Amarinder Singh had also lashed out at Pakistan for demanding the USD 20 service charge, saying it was tantamount to "putting a ticket" on visiting the historic gurdwara.
          During third round of meeting between both nations last month, India had expressed disappointment over Pakistan's "persistent inflexibility" on USD 20 service fee issue and had asked it to reconsider it.
          In a major initiative last November, both India and Pakistan had agreed to set up the Kartarpur corridor.
          The corridor will connect Darbar Sahib in Pakistan'sKartarpurwith Dera Baba Nanak shrine in Gurdaspur district in Punjab and facilitate visa-free movement of Indian pilgrims, who will have to just obtain a permit to visit KartarpurSahib, which is located in Pakistan's Narowal district across the Ravi river.
          Kartarpur Sahib is located in Pakistan's Narowal district across the Ravi river, about four kilometres from the Dera Baba Nanak shrine.
          Pakistan is building the corridor from the Indian border to the Gurdwara Darbar Sahib in Kartarpur, while the other part from Dera Baba Nanak in Gurdaspur up to the border is being built by India.
          The four-lane highway connecting the Zero Point of the Kartarpur Corridor up to National Highway-354 is being constructed by the National Highways Authority of India (NHAI).
          The corridor will be opened in November in the wake of the 550th birth anniversary of Guru Nanak Dev. PTI CHS VSD
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Last Updated : Oct 23, 2019, 12:24 PM IST
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