नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान को अपने नौसैनिक विदेशी गतिविधियों पर अंकुश लगाने कि लिए मजबूर होना पड़ा है. रक्षा मामलों के जानकार सुबिमल भट्टाचार्जी ने कहा की पाकिस्तान की नौसेना में भय पैदा हो गया.
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान की नौसेना ने 24 अप्रैल को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नौसेना की 70 वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल होने के लिए अपनी निर्धारित भागीदारी को रद्द कर दिया था.
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी शिप पीएनएस सैफ और पीएनएस मौओविन इस समारोह में शामिल होने वाले थे, मगर बाद में इसको रद्द कर दिया. अब इस कार्यक्रम में पाकिस्तानी नेवी चीफ हिस्सा लेने वाले हैं.
रक्षा और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्जी ने कहा कि भारतीय नौसेना के 60 युद्धपोत, अन्य लागत के 12 जहाज पूरे जल क्षेत्र में तैनात किए गए थे. इसने स्वचालित रूप से पाकिस्तान की नौसेना में भय पैदा किया. वास्तव में उनके रक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि कोई भी भारतीय नौसैनिक हमला उन्हें अपंग कर सकता है और उन्होंने चीन में अपनी भागीदारी भी रद्द कर दी है.
भट्टाचार्जी अमेरिकी रक्षा निगम जनरल डायनेमिक्स (जीडी) के पूर्व देश प्रमुख हैं जो दुनिया की शीर्ष रक्षा कंपनियों में से एक है.
वास्तव में, भारतीय नौसेना की उत्तरी अरब सागर में भारी उपस्थिति ने पाकिस्तानी नौसेना की विदेशी तैनाती योजनाओं को मजबूर कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारतीय नौसेना को भी पाकिस्तानी नौसैनिक संपत्तियों की आवाजाही को रोकने के लिए एक परिचालन मोड में डाल दिया गया था.