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पाकिस्तान सरकार ने सिख समुदाय को सौंपा 200 साल पुराना गुरुद्वारा

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सरकार ने 73 साल बाद 200 साल पुराने गुरुद्वारे को सिख समुदाय को सौंप दिया है. सरकार के इस फैसले पर यहां के सिख समुदाय में खुशी जाहिर की है. पढ़ें पूरी खबर...

200 साल पुराने गुरुद्वारे को सिख समुदाय को सौंपा
200 साल पुराने गुरुद्वारे को सिख समुदाय को सौंपा
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Published : Jul 23, 2020, 5:37 PM IST

Updated : Jul 25, 2020, 2:26 PM IST

क्वेटा : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सरकार ने 73 साल बाद 200 साल पुराने गुरुद्वारे को सिख समुदाय को सौंप दिया है. पाक मीडिया के मुताबिक, क्वेटा शहर के केंद्र में मस्जिद रोड पर स्थित सीरी गुरु सिंह गुरुद्वारा को 1947 से APWA गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. जो छात्राएं इस स्कूल में पढ़ रही थीं, उन्हें पास के स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए कहा गया है.

प्रांतीय संसदीय सचिव और मुख्यमंत्री के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार दिनेश कुमार ने कहा, 'सिख समुदाय के लिए गुरुद्वारे को बहाल करना बलूचिस्तान सरकार का ऐतिहासिक फैसला है.'

बलूचिस्तान में सिख समुदाय समिति के अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह ने इस कदम का स्वागत किया और इसे बलूचिस्तान सरकार की ओर से प्रांत में रहने वाले सिख समुदाय के लिए सौगात बताया.

सिख समुदाय ने जाहिर की खुशी

उन्होंने कहा कि सूबे का सिख समुदाय इस बात से बहुत प्रसन्न है कि हमारे प्राचीन गुरुद्वारे को पाकिस्तान की सरकार और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ने 73 साल बाद हमें सौंप दिया है और अब हम वहां अपनी पूजा-प्रार्थना जारी रख सकते हैं.

बलूचिस्तान में लगभग 2,000 सिख परिवार रहते हैं.

इससे पहले इसी साल फरवरी में, बलूचिस्तान सरकार ने झोउ में 200 साल पुराने मंदिर को हिंदू समुदाय को सौंप दिया था. इस मंदिर को सरकारी स्कूल में बदल दिया गया था, जिसे अब दूसरी इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया है.

क्वेटा : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सरकार ने 73 साल बाद 200 साल पुराने गुरुद्वारे को सिख समुदाय को सौंप दिया है. पाक मीडिया के मुताबिक, क्वेटा शहर के केंद्र में मस्जिद रोड पर स्थित सीरी गुरु सिंह गुरुद्वारा को 1947 से APWA गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. जो छात्राएं इस स्कूल में पढ़ रही थीं, उन्हें पास के स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए कहा गया है.

प्रांतीय संसदीय सचिव और मुख्यमंत्री के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार दिनेश कुमार ने कहा, 'सिख समुदाय के लिए गुरुद्वारे को बहाल करना बलूचिस्तान सरकार का ऐतिहासिक फैसला है.'

बलूचिस्तान में सिख समुदाय समिति के अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह ने इस कदम का स्वागत किया और इसे बलूचिस्तान सरकार की ओर से प्रांत में रहने वाले सिख समुदाय के लिए सौगात बताया.

सिख समुदाय ने जाहिर की खुशी

उन्होंने कहा कि सूबे का सिख समुदाय इस बात से बहुत प्रसन्न है कि हमारे प्राचीन गुरुद्वारे को पाकिस्तान की सरकार और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ने 73 साल बाद हमें सौंप दिया है और अब हम वहां अपनी पूजा-प्रार्थना जारी रख सकते हैं.

बलूचिस्तान में लगभग 2,000 सिख परिवार रहते हैं.

इससे पहले इसी साल फरवरी में, बलूचिस्तान सरकार ने झोउ में 200 साल पुराने मंदिर को हिंदू समुदाय को सौंप दिया था. इस मंदिर को सरकारी स्कूल में बदल दिया गया था, जिसे अब दूसरी इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया है.

Last Updated : Jul 25, 2020, 2:26 PM IST
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