नासिक : परिजनों की तलाश कर रही गीता आज नासिक क्षेत्र में पहुंची. नासिक के इकलाहरा इलाके में रहने वाले रमेश ने दावा किया कि गीता उनकी बेटी है. उन्होंने कहा कि जब वह छोटी थी तो उसकी मां ने उसे ट्रेन में छोड़ दिया था.
रमेश ने दावा किया है कि नासिक मार्ग से वह दिल्ली पहुंची होगी और शायद इसके बाद पाकिस्तान के लाहौर पहुंच गई होगी. उन्होंने अपने दावे को साबित करने के लिए जन्म प्रमाणपत्र भी दिखाया. हालांकि, गीता रमेश के दावे से संतुष्ट नहीं हुई.
गीता ने सांकेतिक भाषा में बताया कि मेरा घर रेलवे स्टेशन, मंदिर और नदी की चट्टानों के पास है. गीता कहती हैं कि ग्राउंड नट और गन्ने की फसल उसके गृहनगर क्षेत्र में थी.
रमेश ने अपने दावे के समर्थन में डीएनए नमूने भी दिए हैं. हालांकि, डीएनए के नमूने गीता से मेल नहीं खाते. रमेश ने अपनी पत्नी के डीएनए और गीता के डीएनए के कॉस टेस्ट कराने का फैसला लिया है.
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इसके पहले गीता तेलंगाना में बासर तहसील में पहुंचकर गीता के साथ गए अधिकारी स्थानीय अधिकारियों से बात कर रहे हैं और गीता के परिवार को खोजने के प्रयास कर रही थीं. ईटीवी भारत ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में गीता के परिवार की तलाश के दौरान गीता की मदद कर रहे साइन लैंग्वैज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र से बात की थी. उन्होंने बताया कि गीता को कई जगहों पर ले जाकर कोशिश की जा रही है कि उसे कुछ पुरानी बातें याद आएं, जिससे उसके परिवार को खोजने में मदद मिलेगी.
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इस मुहिम में मध्य प्रदेश सरकार का निर्देश मिलने के बाद एक गैर सरकारी संगठन भी उसकी मदद कर रहा है. ईटीवी भारत ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में गीता के परिवार की तलाश के दौरान गीता की मदद कर रहे साइन लैंग्वैज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र ने बताया है कि गीता को अलग-अलग स्थानों पर ले जाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि दिव्यांगों की मदद के लिए इंदौर में चलाई जा रही आनंद सर्विस सोसायटी गीता की देख-रेख कर रही है. मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा इस गैर सरकारी संगठन को मूक-बधिर युवती के बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा भी सौंपा गया है.