ETV Bharat / bharat

इंदौर : पलायन की दर्दनाक तस्वीरें, बैल के साथ गाड़ी खींच रहा मजदूर

इंदौर के बाईपास में पलायन की एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. जहां एक व्यक्ति खुद बैल के साथ बैल गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहा है. इस तस्वीर के सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पढे़ं विस्तार से....

author img

By

Published : May 13, 2020, 10:28 AM IST

painful-pictures-of-migration-a-man-pulling-a-bullock-cart-with-a-bull-in-indore
बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

इंदौर : पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन का तीसरा दौर जारी है. इस दौरान गरीब मजदूर लगातार पलायन कर अपने घर जा रहे हैं. ऐसे ही एक दिल दहला देने वाली तस्वीर इंदौर के बाईपास पर देखने को मिली है. जहां एक व्यक्ति खुद बैल के साथ बैल गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहा है. युवक ने 15 दिन पहले अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपने एक बैल को आधी कीमत पर बेच दिया. इस तस्वीर के सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

painful-pictures-of-migration-a-man-pulling-a-bullock-cart-with-a-bull-in-indore
बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

परिवार के लिए जानवरों की तरह कर रहा काम

इंदौर में महू से निकले राहुल ने खुद को बैल की जगह बैलगाड़ी में जोत कर अपने परिवार सहित चलना शुरू कर दिया. लगातार सामने आ रही पलायन की तस्वीरों में सबसे दर्दनाक तस्वीर यह सामने आई है. जब इंसान को जानवरों की तरह काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करना पड़ रहा है.

परिवार के पोषण के लिए आधी कीमत पर बेची बैल

राहुल महू का रहने वाला है और कुछ दिनों पहले उसके पास दो बैल हुआ करते थे. जिन्हें जोतकर वह बैलगाड़ी से अपना काम करता था, लेकिन लगातार जारी लॉकडाउन के कारण राहुल का काम पूरी तरह से बंद हो गया और परिवार के भरण-पोषण के लिए उसे एक बैल बेचना पड़ा. राहुल की मजबूरी इतनी थी कि 15 हजार के बैल को उसने 5 हजार में बेच दिया. जिससे परिवार को दो वक्त की रोटी मिल सके.

painful-pictures-of-migration-a-man-pulling-a-bullock-cart-with-a-bull-in-indore
बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

खुद खींच रहा बैलगाड़ी

लॉकडाउन की समय सीमा लगातार बढ़ने के कारण राहुल के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ और उसने महू से अपने पैतृक गांव की तरफ कूच कर दिया. इस दौरान जब बैलगाड़ी खींचने के लिए एक बैल कम पड़ा, तो राहुल खुद उस बैल की जगह बैलगाड़ी को खींचने लगा.

पढे़ं : घर लौट रहे मजदूरों की हादसों में जा रही जान, सीपीएम-कांग्रेस ने उठाए सवाल

प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल

इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. जिस तरह से मजदूरों को पैदल चलकर पलायन करना पड़ रहा है. उसमें कई तस्वीरें तो सामने आ ही रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि, इस पलायन के दौरान न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी इन लोगों की मदद करने आता है, न ही कोई जनप्रतिनिधि इनकी चिंता करता है.

इंदौर : पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन का तीसरा दौर जारी है. इस दौरान गरीब मजदूर लगातार पलायन कर अपने घर जा रहे हैं. ऐसे ही एक दिल दहला देने वाली तस्वीर इंदौर के बाईपास पर देखने को मिली है. जहां एक व्यक्ति खुद बैल के साथ बैल गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहा है. युवक ने 15 दिन पहले अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपने एक बैल को आधी कीमत पर बेच दिया. इस तस्वीर के सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

painful-pictures-of-migration-a-man-pulling-a-bullock-cart-with-a-bull-in-indore
बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

परिवार के लिए जानवरों की तरह कर रहा काम

इंदौर में महू से निकले राहुल ने खुद को बैल की जगह बैलगाड़ी में जोत कर अपने परिवार सहित चलना शुरू कर दिया. लगातार सामने आ रही पलायन की तस्वीरों में सबसे दर्दनाक तस्वीर यह सामने आई है. जब इंसान को जानवरों की तरह काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करना पड़ रहा है.

परिवार के पोषण के लिए आधी कीमत पर बेची बैल

राहुल महू का रहने वाला है और कुछ दिनों पहले उसके पास दो बैल हुआ करते थे. जिन्हें जोतकर वह बैलगाड़ी से अपना काम करता था, लेकिन लगातार जारी लॉकडाउन के कारण राहुल का काम पूरी तरह से बंद हो गया और परिवार के भरण-पोषण के लिए उसे एक बैल बेचना पड़ा. राहुल की मजबूरी इतनी थी कि 15 हजार के बैल को उसने 5 हजार में बेच दिया. जिससे परिवार को दो वक्त की रोटी मिल सके.

painful-pictures-of-migration-a-man-pulling-a-bullock-cart-with-a-bull-in-indore
बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी

खुद खींच रहा बैलगाड़ी

लॉकडाउन की समय सीमा लगातार बढ़ने के कारण राहुल के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ और उसने महू से अपने पैतृक गांव की तरफ कूच कर दिया. इस दौरान जब बैलगाड़ी खींचने के लिए एक बैल कम पड़ा, तो राहुल खुद उस बैल की जगह बैलगाड़ी को खींचने लगा.

पढे़ं : घर लौट रहे मजदूरों की हादसों में जा रही जान, सीपीएम-कांग्रेस ने उठाए सवाल

प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल

इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. जिस तरह से मजदूरों को पैदल चलकर पलायन करना पड़ रहा है. उसमें कई तस्वीरें तो सामने आ ही रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि, इस पलायन के दौरान न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी इन लोगों की मदद करने आता है, न ही कोई जनप्रतिनिधि इनकी चिंता करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.