कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सुदूर सुंदरवन में दो दशक से भी अधिक समय से मरीजों का मुफ्त इलाज करने को लेकर पद्म श्री पुरस्कार के लिए चुने गए पश्चिम बंगाल के एक चिकित्सक ने कहा है कि इस पहचान के बावजूद वह बिना किसी सरकारी सहायता के लोगों की सेवा करते रहेंगे.
कोलकाता के लेक टाउन निवासी डॉ. अरूणोदय मंडल (67) ने कहा कि भारत- बांग्लादेश सीमा के समीप सुंदरवन के हिंगलगंज क्षेत्र में उनके द्वारा स्थापित परमार्थ अस्पताल में वह हर साल करीब 12000 मरीजों का उपचार करते हैं और उन्हें मुफ्त दवाइयां देते हैं.
डॉ मंडल सरकारी अस्पतालों के उपचारों में खामियों को पाटने के लिए सप्ताह में दो बार अपने कोलकाता निवास से करीब 90 किलोमीटर दूर सफर कर हिंगलगंज पहुंचते हैं.
मंडल ने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि लोगों की आकांक्षाएं बढ़ सकती हैं क्योंकि अब मैं पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया हूं एवं मुझे कई और मरीज मिल सकते हैं. पंरतु मैं अपने सामर्थ्य के हिसाब से यथासंभव उनकी सेवा करता रहूंगा.'
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जब उनसे पूछा गया कि क्या इस पहचान के बाद वह किसी सरकारी सहायता की उम्मीद करते हैं तो उन्होंने कहा, ' मैं 20 साल से भी अधिक समय से बिना किसी सरकारी सहायता के अकेले ही लोगों की सेवा करता आ रहा हूं. पद्म श्री पुरस्कार से कुछ नहीं बदलेगा.'
कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल से एमबीबीएस करने के उपरांत मंडल ने किसी सरकारी नौकरी के लिए कोशिश नहीं की और उन्होंने निजी प्रैक्टिस शुरू कर दी .