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पिछले पांच वर्षों में KVIC ने सृजित की 20 लाख से अधिक नौकरियां - kvic

केवीआईसी ने पिछले पांच वर्षों में 20 लाख से अधिक नौकरियां सृजित की हैं. आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने इस बारे में क्या कहा जानिये..

पीटीआई से बात करते हुए विनय कुमार सक्सेना
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Published : Apr 14, 2019, 8:17 PM IST

नई दिल्ली: खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत पिछले पांच वित्त वर्षों में 20 लाख से अधिक नई नौकरियां पैदा की है.

आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि आयोग ने पीएमईजीपी को लागू करने में हमेशा 100 फीसदी की सफलता दर हासिल की है.

सक्सेना ने कहा, ‘यह सुनने में अजीब लग सकता है, देश में नौकरी संकट पर काफी बहस के बीच खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने अपनी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत पिछले पांच वित्त वर्षों में 20,63,152 नई नौकरियां और 2,67,226 नई परियोजनाएं सृजित की.’

देखें: एक महीने में मोदी सरकार की रेटिंग में आई 12 अंकों की गिरावट

उन्होंने आगे कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि केवीआईसी ने इस प्रक्रिया में 105.05 प्रतिशत सफलता हासिल की. उसने 73,408 नयी परियोजनाएं शुरू की, 2068.31 करोड़ रुपये मार्जिन मनी वितरित की और 5,84,264 नए रोजगार सृजित किए.’

साल 2014-15 में इसकी सफलता दर 102.70 प्रतिशत, 2016-17 में 118.29 प्रतिशत और 2017-18 में 112.17 प्रतिशत रही.

उन्होंने कहा कि एक जुलाई 2016 को केवीआईसी ने ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया. ऑनलाइन पोर्टल के कारण पारदर्शिता आयी और मार्जिन मनी सब्सिडी के वितरण की प्रक्रिया में तेजी आई.

नई दिल्ली: खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत पिछले पांच वित्त वर्षों में 20 लाख से अधिक नई नौकरियां पैदा की है.

आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि आयोग ने पीएमईजीपी को लागू करने में हमेशा 100 फीसदी की सफलता दर हासिल की है.

सक्सेना ने कहा, ‘यह सुनने में अजीब लग सकता है, देश में नौकरी संकट पर काफी बहस के बीच खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने अपनी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत पिछले पांच वित्त वर्षों में 20,63,152 नई नौकरियां और 2,67,226 नई परियोजनाएं सृजित की.’

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उन्होंने आगे कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि केवीआईसी ने इस प्रक्रिया में 105.05 प्रतिशत सफलता हासिल की. उसने 73,408 नयी परियोजनाएं शुरू की, 2068.31 करोड़ रुपये मार्जिन मनी वितरित की और 5,84,264 नए रोजगार सृजित किए.’

साल 2014-15 में इसकी सफलता दर 102.70 प्रतिशत, 2016-17 में 118.29 प्रतिशत और 2017-18 में 112.17 प्रतिशत रही.

उन्होंने कहा कि एक जुलाई 2016 को केवीआईसी ने ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया. ऑनलाइन पोर्टल के कारण पारदर्शिता आयी और मार्जिन मनी सब्सिडी के वितरण की प्रक्रिया में तेजी आई.

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KVIC-JOBS
KVIC created over 20 lakh new jobs in last five years under PMEGP
         New Delhi, Apr 14 (PTI) The Khadi and Village Industries Commission has created over 20 lakh new jobs in the last five fiscals under the ambitious Prime Minister Employment Generation Programme (PMEGP), the commission's top official has said.
         KVIC chairman Vinai Kumar Saxena said the Commission has always achieved more than 100 per cent success rate in execution of the PMEGP.
         He said that prior to 2014-15, the achievement rate was never over the stipulated target. But in the last five fiscals, due to the push given by Prime Minister Narendra Modi, to digital India, the KVIC succeeded in surpassing the targets.
         "Incredible it may sound, amid much debate about job crisis in the nation, the Khadi and Village Industries Commission, leading from the front, has created 20,63,152 new jobs and set up 2,67,226 new projects under its ambitious Prime Minister Employment Generation Programme (PMEGP) in the last five fiscals, i.e. between 2014-15 to 2018-19," Saxena told PTI.
         In 2018-19, the KVIC, the nodal agency of PMEGP, had been given a target of setting up 70,386 new PMEGP projects disbursing margin money of Rs 1,968.80 crore for creating 5,62,351 employments, he said.
         "Surprisingly, the KVIC achieved 105.05 percent success in this process as it had set up 73,408 new projects, disbursing margin money of Rs 2068.31 crore and creating 5,87,264 new employments," He said.
         "Surpassing the target, however, is not a new phenomenon for KVIC in the last five financial year. Barring 2015-16, it has always achieved more than 100 percent success in execution of PMEGP," He said.
         While in the 2014-15 the achievement percent was 102.70 per cent, it was 118.29 and 112.17 per cent in 2016-17 and 2017-18 respectively.
         "Success in PMEGP is manifestation of Prime Minister Narendra Modi's vision of Digital India. The KVIC as the nodal agency of the PMEGP scheme, had taken various steps of digitalisation to increase organisational capacity to meet the various requirements towards implementation of this scheme.
         "Earlier PMEGP was implemented off-line. But from July 1 2016, KVIC launched online portal. The software used for digitalisation of PMEGP was developed in-house by the IT team of the KVIC, saving approximately Rs 20 crore of the government exchequers as some external agency could have charged this for it," Saxena said.
         He said The online portal has brought transparency and expedited disbursement of margin money subsidy under the PMEGP.
         "The KVIC has introduced online submission of application by the prospective beneficiaries and the payment of Margin Money subsidy is directly made into the beneficiary account through Direct Benefit Transfer (DBT). With the digitalization of the whole process, not only the applicants can now track the status of their applications at any point of time, it had also taken out even the minor chance for middlemen to bluff the applicants," he said. PTI RKS
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