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राज्यों की पुलिस में 5.31 लाख और केंद्रीय बलों में 1.27 लाख पद खाली

राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में पद खाली पड़े हैं. पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है.

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बीपीआर एंड डी की रिपोर्ट
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Published : Jan 1, 2021, 11:04 PM IST

नई दिल्ली : अलग-अलग राज्यों के पुलिस बल में कुल 5.31 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. इसी तरह सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भी 1.27 लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं.

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) ने बताया कि भारत में विभिन्न पुलिस बलों में 2019 में 1,19,069 कर्मियों को भर्ती किया गया है.

आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों में कुल 26,23,225 पद स्वीकृत हैं जबकि सेवा में 20,91,488 पुलिस कर्मी हैं. लिहाजा विभिन्न राज्यों के पुलिस बल में एक जनवरी 2020 तक 5,31,737 पद खाली पड़े थे.

इन आंकड़ों में नागरिक पुलिस, जिला सशस्त्र पुलिस, विशेष सशस्त्र पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन के पद शामिल हैं.

महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ी
केंद्र गृह मंत्रालय की इकाई बीपीआर एंड डी ने बताया कि पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या 2,15,504 है जो भारत में कुल पुलिस बल का 10.30 फीसदी है. पिछले वर्ष की तुलना में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में 16.05 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

सीएपीएफ में 1,27,120 कर्मियों की कमी
आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ) में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 11,09,511 है, लेकिन एक जनवरी 2020 तक सीएपीएफ में कुल 9,82,391 कर्मी काम कर रहे थे, यानी 1,27,120 कर्मियों की कमी है. बीपीआर एंड डी ने बताया कि सीएपीएफ में महिला कर्मियों की संख्या 29,249 है जो कुल क्षमता का 2.98 प्रतिशत है.

सीएपीएफ में ये शामिल

  • केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)
  • सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ)
  • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, (सीआईएसएफ)
  • भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)
  • सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)
  • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स

जनसंख्या के लिहाज से ये है स्थिति
प्रति पुलिस कर्मी अनुमन्य आबादी (पीपीपी) 511.81 है और जनसंख्या के लिहाज से स्वीकृत पुलिस अनुपात (पीपीआर) प्रति एक लाख की आबादी पर 195.39 पुलिसकर्मी हैं. पुलिस क्षेत्र अनुपात (पीएआर) प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर 79.80 पुलिसकर्मी है.

आंकड़ों के मुताबिक, देश में 800 पुलिस जिले हैं और स्वीकृत थानों की संख्या 16,955 है. कुल राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन 318 हैं और पुलिस आयुक्तालयों की संख्या 63 है.

दो लाख से ज्यादा पुलिस वाहन
बीपीआर एंड डी ने बताया कि राज्यों एवं केंद्र शासित पुलिस के पास कुल 2,02,925 पुलिस वाहन हैं. इसके अलावा 4,60,220 सीसीटीवी कैमरे हैं. सरकार ने 2019-20 में व्यय और पुलिस प्रशिक्षण में 1,566.85 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

वार्षिक आधार पर जारी होते हैं आंकड़े
बीपीआर एंड डी ने बताया कि उसने पुलिस संगठनों से जुड़े एक जनवरी 2020 तक के आंकड़े जारी किए हैं. उसने कहा कि बीपीआर एंड डी 1986 से वार्षिक आधार पर ‘पुलिस संगठनों से जुड़े आंकड़े‘ (डीओपीओ) प्रकाशित करता रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जनवरी 2020 को एक जनवरी 2019 तक का डीओपीओ जारी किया था.

पढ़ें- 58 साल बाद आईटीबीपी को दिल्ली में मुख्यालय बनाने के लिए मिली जमीन

उसने एक बयान में बताया कि बीपीआर एंड डी के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि किसी खास वर्ष का डीओपीओ उसी साल के दौरान जारी किया गया है. आंकड़ों के सत्यापन के लिए खासे प्रयास किए गए हैं.

नई दिल्ली : अलग-अलग राज्यों के पुलिस बल में कुल 5.31 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. इसी तरह सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भी 1.27 लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं.

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) ने बताया कि भारत में विभिन्न पुलिस बलों में 2019 में 1,19,069 कर्मियों को भर्ती किया गया है.

आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों में कुल 26,23,225 पद स्वीकृत हैं जबकि सेवा में 20,91,488 पुलिस कर्मी हैं. लिहाजा विभिन्न राज्यों के पुलिस बल में एक जनवरी 2020 तक 5,31,737 पद खाली पड़े थे.

इन आंकड़ों में नागरिक पुलिस, जिला सशस्त्र पुलिस, विशेष सशस्त्र पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन के पद शामिल हैं.

महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ी
केंद्र गृह मंत्रालय की इकाई बीपीआर एंड डी ने बताया कि पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या 2,15,504 है जो भारत में कुल पुलिस बल का 10.30 फीसदी है. पिछले वर्ष की तुलना में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में 16.05 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

सीएपीएफ में 1,27,120 कर्मियों की कमी
आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ) में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 11,09,511 है, लेकिन एक जनवरी 2020 तक सीएपीएफ में कुल 9,82,391 कर्मी काम कर रहे थे, यानी 1,27,120 कर्मियों की कमी है. बीपीआर एंड डी ने बताया कि सीएपीएफ में महिला कर्मियों की संख्या 29,249 है जो कुल क्षमता का 2.98 प्रतिशत है.

सीएपीएफ में ये शामिल

  • केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)
  • सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ)
  • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, (सीआईएसएफ)
  • भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)
  • सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)
  • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स

जनसंख्या के लिहाज से ये है स्थिति
प्रति पुलिस कर्मी अनुमन्य आबादी (पीपीपी) 511.81 है और जनसंख्या के लिहाज से स्वीकृत पुलिस अनुपात (पीपीआर) प्रति एक लाख की आबादी पर 195.39 पुलिसकर्मी हैं. पुलिस क्षेत्र अनुपात (पीएआर) प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर 79.80 पुलिसकर्मी है.

आंकड़ों के मुताबिक, देश में 800 पुलिस जिले हैं और स्वीकृत थानों की संख्या 16,955 है. कुल राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन 318 हैं और पुलिस आयुक्तालयों की संख्या 63 है.

दो लाख से ज्यादा पुलिस वाहन
बीपीआर एंड डी ने बताया कि राज्यों एवं केंद्र शासित पुलिस के पास कुल 2,02,925 पुलिस वाहन हैं. इसके अलावा 4,60,220 सीसीटीवी कैमरे हैं. सरकार ने 2019-20 में व्यय और पुलिस प्रशिक्षण में 1,566.85 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

वार्षिक आधार पर जारी होते हैं आंकड़े
बीपीआर एंड डी ने बताया कि उसने पुलिस संगठनों से जुड़े एक जनवरी 2020 तक के आंकड़े जारी किए हैं. उसने कहा कि बीपीआर एंड डी 1986 से वार्षिक आधार पर ‘पुलिस संगठनों से जुड़े आंकड़े‘ (डीओपीओ) प्रकाशित करता रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जनवरी 2020 को एक जनवरी 2019 तक का डीओपीओ जारी किया था.

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उसने एक बयान में बताया कि बीपीआर एंड डी के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि किसी खास वर्ष का डीओपीओ उसी साल के दौरान जारी किया गया है. आंकड़ों के सत्यापन के लिए खासे प्रयास किए गए हैं.

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