श्रीनगर : दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवाद के आरोप में जम्मू-कश्मीर के दो युवकों को गिरफ्तार किया है. वहीं, युवकों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चों का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है. वे निर्दोष हैं.
दोनों युवकों के परिजनों ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह से उन्हें रिहा करवाने का आग्रह किया है.
गिरफ्तार युवक मोहम्मद अशरफ खतान के पिता बशीर अहमद खतान ने दिल्ली पुलिस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनका बेटा चार नवंबर को श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना हुआ था. वह शादी की खरीदारी के लिए गया था, जो इस महीने की 11 और 12 तारीख को होने वाली थी.
उन्होंने कहा कि पांच नवंबर को आखिरी बार मेरी उससे फोन पर बातचीत हुई थी. उसने मुझे बताया कि वह छह नवंबर को घर पहुंच जाएगा, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा. उसकी गिरफ्तारी की खबर हमारे लिए अप्रत्याशित है. हम सभी हैरान हैं, वह निर्दोष है. कुपवाड़ा जिले के हट मुल्ला गांव के रहने वाले खतान ने कहा कि जब मुझे अपने बेटे की गिरफ्तारी के बारे में पता चला, तो बेटे की रिहाई की गुहार लगाने के लिए स्थानीय डिप्टी एसपी के पास गया. मैंने उनसे कहा कि मेरे बेटे का किसी आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है. वह अक्सर स्थानीय मस्जिद में नमाज पढ़ता है.
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दोनों संदिग्ध आतंकियों को राष्ट्रीय राजधानी के सराय काले खान इलाके से गिरप्तार किया था. पुलिस ने इनके पास से दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, दस जिंदा कारतूस, दो मोबाइल, कपड़े से भरा बैग, पहचान पत्र व अन्य सामान जब्त किया है.
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वहीं, बारामूला के पाल मोहल्ला निवासी सनाउल्ला मीर ने कहा कि उनका बेटा (अब्दुल लतीफ मीर) हाफिज-ए-कुरान है. वह चार नवंबर को दिल्ली गया था और छह नवंबर के बाद से उससे कोई बात नहीं हुई है.
मीर ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह से बेटे की रिहाई का अनुरोध करते हुए कहा कि मुझे एक समाचार चैनल के माध्यम से उनकी गिरफ्तारी के बारे में पता चला. मैं न केवल स्तब्ध हूं, बल्कि टूट गया हूं. मैं जानता हूं कि मेरा बेटा निर्दोष है और उसे गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है.