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मध्य प्रदेश : भोपाल के बड़ा तालाब में जैविक खेती से रोका जाएगा जल प्रदूषण - कैचमेंट एरिया में जैविक खेती

भोपाल के बड़े तालाब में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन ने इसके कैचमेंट एरिया में जैविक खेती करने का फैसला लिया है. इसके लिए गांव-गांव में चौपाल लगाकर किसानों को प्रेरित किया जा रहा है.

Organic farming near bhopal lake
बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया में होगी जैविक खेती
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Published : Feb 3, 2020, 8:31 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 1:30 AM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी में स्थित बड़ा तालाब को दूषित होने से बचाने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जिला प्रशासन ने बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया में अब जैविक खेती करने का फैसला लिया है. इसके लिए गांवों में चौपाल लगाकर इसके बारे में किसानों को जानकारी भी दी जाएगी और जो किसान ये काम कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा.

बताया जा रहा है कि 361 वर्ग किलोमीटर में फैले बड़ा तालाब के 200 वर्ग किलोमीटर एरिया में जैविक खेती की जाएगी. प्रशासन ने जैविक खेती की जिम्मेदारी कृषि विभाग को सौंपी है. बड़ा तालाब के पानी में रसायनों की मात्रा ज्यादा होने के बाद ये फैसला लिया गया है.

पढ़ें : गुरुग्राम : ऑर्गेनिक खेती के प्रति बढ़ा लोगों का क्रेज, उगा रहे मनपसंद सब्जियां

कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने बताया कि प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि बड़ा तालाब में खाद और फर्टिलाइजर ना जाए. इसे लेकर गांवों में चौपाल लगाई जा रही है और किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी में स्थित बड़ा तालाब को दूषित होने से बचाने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जिला प्रशासन ने बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया में अब जैविक खेती करने का फैसला लिया है. इसके लिए गांवों में चौपाल लगाकर इसके बारे में किसानों को जानकारी भी दी जाएगी और जो किसान ये काम कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा.

बताया जा रहा है कि 361 वर्ग किलोमीटर में फैले बड़ा तालाब के 200 वर्ग किलोमीटर एरिया में जैविक खेती की जाएगी. प्रशासन ने जैविक खेती की जिम्मेदारी कृषि विभाग को सौंपी है. बड़ा तालाब के पानी में रसायनों की मात्रा ज्यादा होने के बाद ये फैसला लिया गया है.

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कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने बताया कि प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि बड़ा तालाब में खाद और फर्टिलाइजर ना जाए. इसे लेकर गांवों में चौपाल लगाई जा रही है और किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

Intro:भोपाल के बड़े तालाब को दूषित होने से बचाने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है... जिला प्रशासन ने बड़े तालाब के केचमेंट एरिया में अब जैविक खेती करने का फैसला लिया है... इसके लिए गांवों में चौपाल लगाकर जानकारी भी दी जाएगी....


Body:361 वर्ग किलोमीटर एरिया में से 200 वर्ग किलोमीटर एरिया में जैविक खेती की जाएगी... प्रशासन ने जैविक खेती की जिम्मेदारी कृषि विभाग को सौंपी है....बड़ा तालाब के पानी में कॉलीफॉर्म की मात्रा ज्यादा होने के बाद यह फैसला लिया गया है... कॉलीफॉर्म की मात्रा पानी में शून्य ग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए लेकिन कॉलीफॉर्म की मात्रा बढ़ गई है....


Conclusion:कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने बताया कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि.... बड़े तालाब में खाद और फर्टिलाइजर ना जाए इस को लेकर गांव में चौपाल लगाई जा रही है जिसे और बढ़ाया जाएगा जिसमें किसानों को खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे... साथ ही जिन किसानों ने जैविक खेती की ओर काम किया है उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा... बता दें शहर के 4 लाख लोग बड़े तालाब के पानी पर निर्भर है...

बाइट तरुण कुमार पिथोड़े, कलेक्टर भोपाल
Last Updated : Feb 29, 2020, 1:30 AM IST
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