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पंजाब : कड़ी सुरक्षा के बीच मनाई गई ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36वीं बरसी

पंजाब के अमृतसर में आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36वीं बरसी मनाई गई. इस दौरान स्वर्ण मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. पढ़े पूरी खबर...

36th Anniversary of Operation Blue Star
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36 वीं वर्षगांठ
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Published : Jun 6, 2020, 5:27 PM IST

अमृतसर : पंजाब के अमृतसर में आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36 वीं वर्षगांठ मनाई गई. कोविड -19 महामारी के कारण इस साल स्वर्ण मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इसके साथ ही यहां धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.

जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस अवसर पर मीडिया को संबोधित किया. जत्थेदार ने सुझाव दिया कि 1984 की घटनाओं के जो लोग साक्षी रहे हैं, उनसे परामर्श के बाद एक विस्तृत दस्तावेज तैयार किया जाएगा.

ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36 वीं वर्षगांठ

एसजीपीसी के अध्यक्ष भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल ने संगत को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस दिन को घर पर शांतिपूर्वक मनाया.

पढ़ें- आज का इतिहास : स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार, दिल्ली की गद्दी पर बैठा औरंगजेब

इसके पूर्व सुबह पुलिस और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) समर्थकों के बीच हाथापाई हुई और दो घंटे के बाद उन्हें स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई. स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा पिछले तीन दिनों से कड़ी कर दी गई थी.

गौरतलब है कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश के सबसे खुशहाल राज्य पंजाब को उग्रवाद के दंश से छुटकारा दिलाना चाहती थीं, लिहाजा उन्होंने यह सख्त कदम उठाया और खालिस्तान के प्रबल समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले का खात्मा करने और सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थल स्वर्ण मंदिर को उग्रवादियों से मुक्त करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था.

समूचे सिख समुदाय ने इसे हरमंदिर साहिब की बेअदबी माना और इंदिरा गांधी को अपने इस कदम की कीमत अपने सिख अंगरक्षक के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी थी.

अमृतसर : पंजाब के अमृतसर में आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36 वीं वर्षगांठ मनाई गई. कोविड -19 महामारी के कारण इस साल स्वर्ण मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इसके साथ ही यहां धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.

जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस अवसर पर मीडिया को संबोधित किया. जत्थेदार ने सुझाव दिया कि 1984 की घटनाओं के जो लोग साक्षी रहे हैं, उनसे परामर्श के बाद एक विस्तृत दस्तावेज तैयार किया जाएगा.

ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36 वीं वर्षगांठ

एसजीपीसी के अध्यक्ष भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल ने संगत को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस दिन को घर पर शांतिपूर्वक मनाया.

पढ़ें- आज का इतिहास : स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार, दिल्ली की गद्दी पर बैठा औरंगजेब

इसके पूर्व सुबह पुलिस और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) समर्थकों के बीच हाथापाई हुई और दो घंटे के बाद उन्हें स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई. स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा पिछले तीन दिनों से कड़ी कर दी गई थी.

गौरतलब है कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश के सबसे खुशहाल राज्य पंजाब को उग्रवाद के दंश से छुटकारा दिलाना चाहती थीं, लिहाजा उन्होंने यह सख्त कदम उठाया और खालिस्तान के प्रबल समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले का खात्मा करने और सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थल स्वर्ण मंदिर को उग्रवादियों से मुक्त करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था.

समूचे सिख समुदाय ने इसे हरमंदिर साहिब की बेअदबी माना और इंदिरा गांधी को अपने इस कदम की कीमत अपने सिख अंगरक्षक के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी थी.

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