नई दिल्ली : मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बीते 32 दिनों से जारी है. किसान और सरकार दोनों अपनी बात पर डटे हुए हैं. जहां एक तरफ सरकार कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले. ऐसे में दिल्ली को चारों ओर से घेरने वाले किसान आने वाले दिनों की तैयारी के साथ सीमाओं पर डटे हुए हैं.
किसानों की मानें, तो वे पूरे इंतजाम के साथ आंदोलन करने के लिए एकत्रित हुए हैं. फिर चाहें बात हो खाने की या फिर अपना दिन बिताने की. पूरे दिन आंदोलन पर बैठे ये किसान कभी अपना समय बिताने के नारे लगाते नजर आए, तो कभी नाचते गाते नजर आए. लेकिन हाल ही में किसानों ने 'जिसका काम उसी को साजे' वाली कहावत को सच कर दिया है. किसानों ने बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में प्याज की फसल उगाई है.
किसानों का कहना है कि उन्हें ग्राउंड में बैठे हुए एक महीना हो गया है और खाली बैठे उन्होंने प्याज की खेती कर दी. किसानों की मानें तो अगर सरकार के साथ बात नहीं बनीं, तो किसान पूरे ग्राउंड में फसल उगा देंगे. किसानों ने इस तरह का प्रदर्शन कर अपने हौसलों का लोहा मनावाया है, अब देखना ये होगा कि सरकार किसानों की बात मानती है या किसान आने वाले समय में निरंकारी मैदान में सांकेतिक फसल उगाते हैं.