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चीनी को जवाब, इंदौर के सांसद बनवा रहे एक लाख स्वदेशी राखियां - राखी का त्योहार

आत्मनिर्भर भारत को ध्यान में रखते हुए और चीनी उत्पादों पर निर्भरता खत्म करने के उद्देश्य से इंदौर के सांसद स्वदेशी राखियां बनवा रहें हैं. वह शहर में भारतीय आत्मीयता से रची-बसी हाथों से बनी राखियां बनवा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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स्वदेशी राखी
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Published : Jul 11, 2020, 6:32 PM IST

इंदौर : चीन से बढ़ती तल्खी को देखते हुए इंदौर की महिलाओं ने आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाया है और रक्षाबंधन पर चाइना की राखियों की बजाए स्वदेशी राखियां तैयार की जा रही हैं. वहीं इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि वह रक्षाबंधन के त्योहार के मद्देनजर गैर सरकारी संगठनों से एक लाख स्वदेशी राखियां बनवा रहे हैं.

यह रंग बिरंगी और तरह-तरह की राखियां भारत-चीन सीमा पर डटे सैनिकों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश पर मर मिटने वाले वीर जवानों के परिवारों को भी भेजी जाएंगी. दरअसल रक्षाबंधन पर हर साल बड़ी मात्रा में बाजार चीन की राखियों से सजते रहे हैं, लेकिन इस बार चीन की नापाक हरकत का जवाब इंदौर की सैकड़ों बहने आत्म निर्भरता की राखियां बनाकर देंगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लालवानी ने कहा कि 'भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद हम शहर के 22 गैर सरकारी संगठनों से जुड़ी महिलाओं की मदद से एक लाख स्वदेशी राखियां बनवा रहे हैं ताकि स्थानीय बाजार में चीन से आने वाली राखियों को चुनौती दी जा सके.'

उन्होंने कहा, 'अलग-अलग तरह के चीनी सामान के किफायती विकल्प तैयार करने में, हालांकि स्वदेशी निर्माताओं को थोड़ा समय लगेगा, लेकिन स्थानीय ग्राहकों के मन में चीनी सामान के बहिष्कार की भावना मजबूत हो रही है.'

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इंदौर में हाथों से बनी राखियां

लालवानी ने बताया कि स्वदेशी राखियों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए शहर के अलग-अलग स्थानों पर बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. इन राखियों को ऑनलाइन बेचने की भी योजना है. इस बिक्री से मिलने वाली रकम राखी बनाने वाले गैर सरकारी संगठनों को दी जाएगी.

पढ़ें : भारत में सर्पदंश से बीते 20 वर्षों के दौरान लगभग 12 लाख मौतें

उन्होंने यह भी बताया कि गैर सरकारी संगठनों ने प्रधानमंत्री के सम्मान में विशेष राखी बनाई है. कुछ राखियां भारतीय सेना के उन 20 बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी बनाई गई हैं जो पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से संघर्ष करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे.

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इंदौर में हाथों से बनी राखियां

खोले जाएंगे सांसद राखी बिक्री केंद्र

रक्षाबंधन तक महीने भर में डेढ़ सौ से 200 बहने एक लाख से ज्यादा राखियां तैयार करेंगी. जिन्हें राखियां तैयार करने के लिए सामान निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जो राखियां बनकर तैयार होंगी, उसके बदले में सभी बहनों को राखियों की संख्या के मुताबिक मानदेय दिया जाएगा. इनमें से जो बहने राखियां ले जाकर अपनी दुकानों पर लगाना चाहती हों, उन्हें राखियां बेचने में मदद की जाएगी. इसके लिए शहर के प्रमुख स्थान पर रक्षाबंधन के पहले सांसद राखी बिक्री केंद्र खोला जाएगा. जहां से इन राखियों की न्यूनतम दरों पर बिक्री होगी.

बता दें कि इस बार राखी का त्योहार तीन अगस्त को मनाया जाएगा.

इंदौर : चीन से बढ़ती तल्खी को देखते हुए इंदौर की महिलाओं ने आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाया है और रक्षाबंधन पर चाइना की राखियों की बजाए स्वदेशी राखियां तैयार की जा रही हैं. वहीं इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि वह रक्षाबंधन के त्योहार के मद्देनजर गैर सरकारी संगठनों से एक लाख स्वदेशी राखियां बनवा रहे हैं.

यह रंग बिरंगी और तरह-तरह की राखियां भारत-चीन सीमा पर डटे सैनिकों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश पर मर मिटने वाले वीर जवानों के परिवारों को भी भेजी जाएंगी. दरअसल रक्षाबंधन पर हर साल बड़ी मात्रा में बाजार चीन की राखियों से सजते रहे हैं, लेकिन इस बार चीन की नापाक हरकत का जवाब इंदौर की सैकड़ों बहने आत्म निर्भरता की राखियां बनाकर देंगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लालवानी ने कहा कि 'भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद हम शहर के 22 गैर सरकारी संगठनों से जुड़ी महिलाओं की मदद से एक लाख स्वदेशी राखियां बनवा रहे हैं ताकि स्थानीय बाजार में चीन से आने वाली राखियों को चुनौती दी जा सके.'

उन्होंने कहा, 'अलग-अलग तरह के चीनी सामान के किफायती विकल्प तैयार करने में, हालांकि स्वदेशी निर्माताओं को थोड़ा समय लगेगा, लेकिन स्थानीय ग्राहकों के मन में चीनी सामान के बहिष्कार की भावना मजबूत हो रही है.'

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इंदौर में हाथों से बनी राखियां

लालवानी ने बताया कि स्वदेशी राखियों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए शहर के अलग-अलग स्थानों पर बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. इन राखियों को ऑनलाइन बेचने की भी योजना है. इस बिक्री से मिलने वाली रकम राखी बनाने वाले गैर सरकारी संगठनों को दी जाएगी.

पढ़ें : भारत में सर्पदंश से बीते 20 वर्षों के दौरान लगभग 12 लाख मौतें

उन्होंने यह भी बताया कि गैर सरकारी संगठनों ने प्रधानमंत्री के सम्मान में विशेष राखी बनाई है. कुछ राखियां भारतीय सेना के उन 20 बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी बनाई गई हैं जो पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से संघर्ष करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे.

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इंदौर में हाथों से बनी राखियां

खोले जाएंगे सांसद राखी बिक्री केंद्र

रक्षाबंधन तक महीने भर में डेढ़ सौ से 200 बहने एक लाख से ज्यादा राखियां तैयार करेंगी. जिन्हें राखियां तैयार करने के लिए सामान निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जो राखियां बनकर तैयार होंगी, उसके बदले में सभी बहनों को राखियों की संख्या के मुताबिक मानदेय दिया जाएगा. इनमें से जो बहने राखियां ले जाकर अपनी दुकानों पर लगाना चाहती हों, उन्हें राखियां बेचने में मदद की जाएगी. इसके लिए शहर के प्रमुख स्थान पर रक्षाबंधन के पहले सांसद राखी बिक्री केंद्र खोला जाएगा. जहां से इन राखियों की न्यूनतम दरों पर बिक्री होगी.

बता दें कि इस बार राखी का त्योहार तीन अगस्त को मनाया जाएगा.

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