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प्रधानमंत्री जन-धन योजना में खुले खातों में जमा हुए एक लाख करोड़

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Published : Aug 17, 2019, 8:19 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 6:23 AM IST

प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत 2014 में हुई थी. इसके तहत जीरो बैलेंस पर खाते खोले जाते हैं. एक आरटीआई के मुताबिक इन खातों में लगभग एक लाख करोड़ से ज्यादा की धनराशि जमा हुई है. पढ़ें पूरी खबर....

प्रधानमंत्री जन धन योजना

नई दिल्ली/भोपालः प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत जीरो बैलेंस पर बैंक खाते खोले जाते हैं, मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस योजना के तहत खोले गए खातों में एक लाख करोड़ से ज्यादा की रकम जमा है. यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद अपने पहले (2014) स्वतंत्रता दिवस संबोधन पर देश के नाम दिए संदेश में आम नागरिकों को बैंकों से जोड़ने एवं समेकित विकास के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना की घोषणा की थी.

इस योजना का मकसद आम आदमी को बैंक से जोड़ना था. इसकी औपचारिक शुरुआत 28 अगस्त, 2014 को हुई थी. इस योजना में जीरो बैंलेंस पर खाते खोलने का प्रावधान है.

प्रधानमंत्री जन-धन योजना का मकसद समाज के उस हिस्से को जोड़ने का है, जो आर्थिक विपन्नता के चलते बैंकों में खाते नहीं खोल पाया था. साथ ही सरकार की योजनाओं के तहत दिए जाने वाले अनुदान की राशि सीधे बैंक खाते में पहुंचाना इसका मकसद रहा.

मध्यप्रदेश के नीमच जिले के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने सूचना के अधिकार के तहत वित्त मंत्रालय से प्रधानमंत्री जनधन योजना का ब्योरा मांगा तो पता चला कि 17 जुलाई, 2019 तक की स्थिति के अनुसार इस योजना के तहत 36. 25 करोड़ खाते खुले हैं, जिनमें 1,00,831 करोड़ रुपये जमा हैं.

इसी आरटीआई में मिली जानकारी से पता चलता है कि इस योजना के पांच वर्ष पूरा होने पर भी प्रधानमंत्री जनान योजना के 4. 99 करोड़ खातों में जीरो बैलेंस हैं .

पढ़ेंः कौसानी में महात्मा गांधी: यहां का लाल बंगला क्यों है खास, जानें सबकुछ

इस तरह आरटीआई से मिली जानकारी इस बात का खुलासा करती है कि बैंकों में खाता खुलवाने वाले गरीबों में लगभग 14 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनके खातों में एक रुपया तक नहीं है. इस योजना के तहत खोले जाने वाले बैंकों में खातों में मिनिमम बैंलेंस की बाध्यता नहीं होती है. जीरो बैलेंस पर भी खाते जीवित रहते हैं.

नई दिल्ली/भोपालः प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत जीरो बैलेंस पर बैंक खाते खोले जाते हैं, मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस योजना के तहत खोले गए खातों में एक लाख करोड़ से ज्यादा की रकम जमा है. यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद अपने पहले (2014) स्वतंत्रता दिवस संबोधन पर देश के नाम दिए संदेश में आम नागरिकों को बैंकों से जोड़ने एवं समेकित विकास के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना की घोषणा की थी.

इस योजना का मकसद आम आदमी को बैंक से जोड़ना था. इसकी औपचारिक शुरुआत 28 अगस्त, 2014 को हुई थी. इस योजना में जीरो बैंलेंस पर खाते खोलने का प्रावधान है.

प्रधानमंत्री जन-धन योजना का मकसद समाज के उस हिस्से को जोड़ने का है, जो आर्थिक विपन्नता के चलते बैंकों में खाते नहीं खोल पाया था. साथ ही सरकार की योजनाओं के तहत दिए जाने वाले अनुदान की राशि सीधे बैंक खाते में पहुंचाना इसका मकसद रहा.

मध्यप्रदेश के नीमच जिले के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने सूचना के अधिकार के तहत वित्त मंत्रालय से प्रधानमंत्री जनधन योजना का ब्योरा मांगा तो पता चला कि 17 जुलाई, 2019 तक की स्थिति के अनुसार इस योजना के तहत 36. 25 करोड़ खाते खुले हैं, जिनमें 1,00,831 करोड़ रुपये जमा हैं.

इसी आरटीआई में मिली जानकारी से पता चलता है कि इस योजना के पांच वर्ष पूरा होने पर भी प्रधानमंत्री जनान योजना के 4. 99 करोड़ खातों में जीरो बैलेंस हैं .

पढ़ेंः कौसानी में महात्मा गांधी: यहां का लाल बंगला क्यों है खास, जानें सबकुछ

इस तरह आरटीआई से मिली जानकारी इस बात का खुलासा करती है कि बैंकों में खाता खुलवाने वाले गरीबों में लगभग 14 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनके खातों में एक रुपया तक नहीं है. इस योजना के तहत खोले जाने वाले बैंकों में खातों में मिनिमम बैंलेंस की बाध्यता नहीं होती है. जीरो बैलेंस पर भी खाते जीवित रहते हैं.

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Last Updated : Sep 27, 2019, 6:23 AM IST
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