ETV Bharat / bharat

ओडिशा : एक हफ्ते तक शौचालय में क्वारंटाइन रहा युवक

तमिलनाडु से भुवनेश्वर लौटे एक व्यक्ति को एक सप्ताह तक शौचालय में खुद को क्वारंटाइन करना पड़ा. युवक ने क्वारंटाइन सेंटर में रहने की अपील की थी, लेकिन जगह न होने के कारण अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया. इसके बाद युवक मजबूरी में एक सप्ताह तक शौचालय में ही रहा. पढ़ें पूरी खबर...

कॉनसेप्ट इमेज
शौचालय में क्वारंटाइन रहा युवक
author img

By

Published : Jun 18, 2020, 11:21 AM IST

भुवनेश्वर : तमिलनाडु से ओडिशा लौटे 28 वर्षीय एक युवक को खुद को सात दिनों के लिए शौचालय में क्वारंटाइन करना पड़ा. दरअसल, युवक सात दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहा. इसके बाद उसे घर पर संगरोध में रहने को कहा गया. लेकिन छोटा मकान होने के कारण युवक ने सेंटर में ही रहने का अनुरोध किया, जिसके लिए मना कर दिया गया.

इस बारे में एक अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति के घर में होम क्वारंटाइन के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी और केंद्र ने क्वारंटाइन की अ‍वधि बढ़ाने से इनकार कर दिया. अधिकारी ने कहा कि युवक को सरकार द्वारा संचालित अस्थाई क्वारंटाइन सेंटर में सात दिन रहने के बाद छुट्टी दे दी गई थी.

अस्थाई चिकित्सा शिविर में सात दिन बिताने के बाद उन्हें घर में एक सप्ताह के लिए सेल्फ आइसोलेशन में रहने को कहा गया.

उसके बाद युवक ने नुआगांव ब्लॉक के जामुगांव में अपने घर के शौचालय में क्वारंटाइन रहने का फैसला किया और यहां करीब सात दिनों की अवधि बिताई.

तमिलनाडु की एक कंपनी में कार्यरत मानस पात्रा को सुदुकन्ती स्कूल में सरकार द्वारा संचालित अस्थाई चिकित्सा शिविर में रखा गया था और सात दिनों के बाद छुट्टी दे दी गई.

बता दें, राज्य सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लौटने वाले लोगों को सात दिनों के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटर पर रहना होगा. उसके बाद सात दिनों तक की आगे की अवधि के लिए घर में सेल्फ आइसोलेट होना होगा.

पढ़ें- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री कोरोना संक्रमित, मोदी-शाह, केजरीवाल सहित कई हस्तियों को खतरा

कोई विकल्प नहीं होने के कारण पात्रा ने स्वच्छ भारत शौचालय में शरण ली, जिसे उनके घर के करीब बनाया गया था. पात्रा ने कहा कि परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने शौचालय में रहने का फैसला किया.

उन्होंने नवनिर्मित शौचालय में नौ से 15 जून तक सात दिन बिताए. जमुनगांव ग्राम पंचायत के सरपंच लालतेंदु परिदा ने कहा कि मानस को टीएमसी से छुट्टी दे दी गई थी क्योंकि उनमें कोई लक्षण नहीं थे.

भुवनेश्वर : तमिलनाडु से ओडिशा लौटे 28 वर्षीय एक युवक को खुद को सात दिनों के लिए शौचालय में क्वारंटाइन करना पड़ा. दरअसल, युवक सात दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रहा. इसके बाद उसे घर पर संगरोध में रहने को कहा गया. लेकिन छोटा मकान होने के कारण युवक ने सेंटर में ही रहने का अनुरोध किया, जिसके लिए मना कर दिया गया.

इस बारे में एक अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति के घर में होम क्वारंटाइन के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी और केंद्र ने क्वारंटाइन की अ‍वधि बढ़ाने से इनकार कर दिया. अधिकारी ने कहा कि युवक को सरकार द्वारा संचालित अस्थाई क्वारंटाइन सेंटर में सात दिन रहने के बाद छुट्टी दे दी गई थी.

अस्थाई चिकित्सा शिविर में सात दिन बिताने के बाद उन्हें घर में एक सप्ताह के लिए सेल्फ आइसोलेशन में रहने को कहा गया.

उसके बाद युवक ने नुआगांव ब्लॉक के जामुगांव में अपने घर के शौचालय में क्वारंटाइन रहने का फैसला किया और यहां करीब सात दिनों की अवधि बिताई.

तमिलनाडु की एक कंपनी में कार्यरत मानस पात्रा को सुदुकन्ती स्कूल में सरकार द्वारा संचालित अस्थाई चिकित्सा शिविर में रखा गया था और सात दिनों के बाद छुट्टी दे दी गई.

बता दें, राज्य सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लौटने वाले लोगों को सात दिनों के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटर पर रहना होगा. उसके बाद सात दिनों तक की आगे की अवधि के लिए घर में सेल्फ आइसोलेट होना होगा.

पढ़ें- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री कोरोना संक्रमित, मोदी-शाह, केजरीवाल सहित कई हस्तियों को खतरा

कोई विकल्प नहीं होने के कारण पात्रा ने स्वच्छ भारत शौचालय में शरण ली, जिसे उनके घर के करीब बनाया गया था. पात्रा ने कहा कि परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने शौचालय में रहने का फैसला किया.

उन्होंने नवनिर्मित शौचालय में नौ से 15 जून तक सात दिन बिताए. जमुनगांव ग्राम पंचायत के सरपंच लालतेंदु परिदा ने कहा कि मानस को टीएमसी से छुट्टी दे दी गई थी क्योंकि उनमें कोई लक्षण नहीं थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.