ETV Bharat / bharat

एनएसए अजीत डोभाल के बयान पर लगीं अटकलें, अधिकारियों ने दी सफाई

author img

By

Published : Oct 25, 2020, 9:10 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 7:56 PM IST

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के कल ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में दिए गए बयान पर आज सरकार के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया है. अधिकारियों ने कहा कि एनएसए के बयान को एक आध्यात्मिक संदर्भ में लेना चाहिए.

एनएसए अजीत डोभाल

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के दिए गए बयान को चीन या पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी संघर्ष से जोड़ने पर आज सरकार के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया है. अधिकारियों ने कहा कि एनएसए के बयान को एक आध्यात्मिक संदर्भ में लेना चाहिए. वह शुद्ध रूप से एक सभ्यता और आध्यात्मिक संदर्भ में बोल रहे थे.

शनिवार को ऋषिकेश में एनएसए किसी भी देश या विशिष्ट स्थिति का जिक्र नहीं कर रहे थे. वह चीन या पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी संघर्ष के बारे में नहीं बोल रहे थे. सरकार के अधिकारियों का स्पष्टीकरण कुछ मीडिया रिपोर्टों को देखने के बाद आया. कुछ मीडिया रिपोर्टों में एनएसए के बयान को चीन और लद्दाख से जोड़ा गया था. डोभाल 24 अक्टूबर को ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में थे. वहां उन्होंने भारत के आध्यात्मिक शक्ति के बारे में भक्तों को संबोधित किया था. उन्होंने स्वामी विवेकानंद का भी उल्लेख किया था.

यह दिया था अजीत डोभाल ने बयान

अजीत डोभाल ने ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में कहा था हमने कभी किसी पर हमला नहीं किया है. इसके बारे में कई विचार हैं. अगर देश के लिए कोई खतरा है, तो हमें हमला करना चाहिए, क्योंकि देश को बचाना महत्वपूर्ण है. हम लड़ेंगे, जहां आप हमसे लड़ना चाहते हैं, यह भी अनिवार्य नहीं है. हम लड़ेंगे, जहां हमें लगता है कि खतरा आ रहा है. हमने स्वार्थी कारणों से ऐसा कभी नहीं किया है. हम अपनी जमीन और दूसरों की जमीन पर भी युद्ध लड़ेंगे, लेकिन हमारे स्वार्थी कारणों से नहीं, बल्कि दूसरों के सर्वोच्च भलाई के लिए.

एनएसए ने सुझाव दिया कि राज्य भौतिक आयामों से बंधे हैं, लेकिन राष्ट्र एक भावनात्मक बंधन है, जो आध्यात्मिकता और संस्कृति के सामान्य धागे से बंधा है, जिसमें हमारे गुरुओं और आध्यात्मिक केंद्रों की गर्व की भावना है और आध्यात्मिक केंद्र इस बड़े लक्ष्य की रक्षा करते हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के दिए गए बयान को चीन या पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी संघर्ष से जोड़ने पर आज सरकार के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया है. अधिकारियों ने कहा कि एनएसए के बयान को एक आध्यात्मिक संदर्भ में लेना चाहिए. वह शुद्ध रूप से एक सभ्यता और आध्यात्मिक संदर्भ में बोल रहे थे.

शनिवार को ऋषिकेश में एनएसए किसी भी देश या विशिष्ट स्थिति का जिक्र नहीं कर रहे थे. वह चीन या पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी संघर्ष के बारे में नहीं बोल रहे थे. सरकार के अधिकारियों का स्पष्टीकरण कुछ मीडिया रिपोर्टों को देखने के बाद आया. कुछ मीडिया रिपोर्टों में एनएसए के बयान को चीन और लद्दाख से जोड़ा गया था. डोभाल 24 अक्टूबर को ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में थे. वहां उन्होंने भारत के आध्यात्मिक शक्ति के बारे में भक्तों को संबोधित किया था. उन्होंने स्वामी विवेकानंद का भी उल्लेख किया था.

यह दिया था अजीत डोभाल ने बयान

अजीत डोभाल ने ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में कहा था हमने कभी किसी पर हमला नहीं किया है. इसके बारे में कई विचार हैं. अगर देश के लिए कोई खतरा है, तो हमें हमला करना चाहिए, क्योंकि देश को बचाना महत्वपूर्ण है. हम लड़ेंगे, जहां आप हमसे लड़ना चाहते हैं, यह भी अनिवार्य नहीं है. हम लड़ेंगे, जहां हमें लगता है कि खतरा आ रहा है. हमने स्वार्थी कारणों से ऐसा कभी नहीं किया है. हम अपनी जमीन और दूसरों की जमीन पर भी युद्ध लड़ेंगे, लेकिन हमारे स्वार्थी कारणों से नहीं, बल्कि दूसरों के सर्वोच्च भलाई के लिए.

एनएसए ने सुझाव दिया कि राज्य भौतिक आयामों से बंधे हैं, लेकिन राष्ट्र एक भावनात्मक बंधन है, जो आध्यात्मिकता और संस्कृति के सामान्य धागे से बंधा है, जिसमें हमारे गुरुओं और आध्यात्मिक केंद्रों की गर्व की भावना है और आध्यात्मिक केंद्र इस बड़े लक्ष्य की रक्षा करते हैं.

Last Updated : Oct 26, 2020, 7:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.