तिरुवनंतपुरम : पिछले सप्ताह कोरोना की जांच के लिए नमूने लेने तिरुवनंतपुरम के तटीय गांव पूनथुरा पहुंची मेडिकल टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. हालांकि, बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया और रविवार को ग्रामीणों ने गलती सुधारते हुए स्वास्थ्यकर्मियों को फूल देकर उनका स्वागत किया.
ग्रामीणों ने विरोध के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों से की गई बदसूलूकी के लिए माफी भी मांगी. स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए रिसेप्शन का आयोजन किया गया था.
वलियाथुरा तटीय विशेष अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर ने एक डरावना किस्सा सुनाया. टीम की सदस्य डॉ. द्युति हरिप्रसाद कहती हैं कि उन्होंने 10 दिन पहले ही अपना मेडिकल रजिस्ट्रेशन करवाया था. डॉक्टरों के लिए ग्रामीण सेवा तीन महीने के लिए अनिवार्य है.
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डॉ द्युति कहती हैं, 'जब हम वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने चिल्लाते हुए हमारी कार पर हमला कर दिया. हमने लोगों को समझाने की कोशिश की कि हम स्वास्थ्य टीम के सदस्य हैं, जो स्वाब संग्रह के लिए आए है. इस दौरान ग्रामीणों ने अपना मास्क हटा दिया और कार के भीतर गर्दन डालकर हमारे ऊपर खांसा. हम सभी डर गए और वहां से लौटने का फैसला किया.'
बता दे कि पूनथुरा तिरुवनंतपुरम शहर की सीमा में घनी आबादी वाला तटीय गांव है. इसे राज्य का पहला कोविड 19 सुपर स्प्रेड घोषित किया गया था. हाल ही में तिरुवनंतपुरम निगम क्षेत्र में ट्रिपल लॉकडाउन लगाया गया था. पूनथुरा क्षेत्र में किए गए 1192 कोविड परीक्षण में 243 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए थे.