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रक्त समूह और कोरोना की गंभीरता के बीच कोई संबंध नहीं : अध्ययन - वरिष्ठ लेखक अनाहिता दुआ

वरिष्ठ लेखक अनाहिता दुआ बताते हैं कि इन्फ्लमेशन एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि प्रचलित वैज्ञानिक की सोच यह है कि कोरोना प्रणालीगत इन्फ्लमेशन के माध्यम से शरीर पर कहर बरपाती है, जिससे रुग्णता और मृत्यु हो सकती है.

No relationship between blood type and severity of COVID-
रक्त समूह और कोरोना की गंभीरता के बीच कोई संबंध न
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Published : Jul 18, 2020, 11:08 PM IST

हैदराबाद : मैसाचुसेट्स के अध्ययन के अनुसार, रक्त समूह और कोरोना की गंभीरता के बीच कोई संबंध नहीं है. अध्ययन के अनुसार, यह मानने का कोई कारण नहीं है कि एक निश्चित एबीओ (ABO) रक्त समूह होने से रोग की गंभीरता बढ़ जाएगी, जिसे हमने इंटुबैषेण (intubation) की आवश्यकता के रूप में परिभाषित किया.

एमजीएच ने बड़े पैमाने पर डेटाबेस पर ड्राइंग करके अपनी जांच शुरू की. इसमें 1,289 वयस्क लोगों पर जांच की गई, जो कोरोना से संक्रमित थे. उनके रक्त समूह का दस्तावेजीकरण किया गया.

सांख्यिकी विश्लेषण ने इन संक्रमित रोगियों की इंटुबैषेण/मृत्यु पर रक्त समूह के स्वतंत्र प्रभाव को निर्धारित किया गया.

वरिष्ठ लेखक अनाहिता दुआ बताते हैं कि इन्फ्लमेशन एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि प्रचलित वैज्ञानिक सोच यह है कि कोरोना प्रणालीगत इन्फ्लमेशन के माध्यम से शरीर पर कहर बरपाती है, जिससे रुग्णता और मृत्यु हो सकती है.

दुआ ने कहा कि हालांकि हमने पाया कि इन्फ्लमेशन के निशान उनके रक्त समूह की परवाह किए बिना संक्रमित रोगियों में समान थे.

ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पहले कोरोना वायरस रोगियों के रक्त में प्रोटीन की पहचान की थी जो रोग की गंभीरता से जुड़े हैं. प्रोटीन का नाम IL-6 है, जो इन्फ्लमेशन पैदा करने के लिए जाना जाता है, और जो पहले के अध्ययनों के अनुसार कोरोना लक्षणों से जुड़ा है.

हैदराबाद : मैसाचुसेट्स के अध्ययन के अनुसार, रक्त समूह और कोरोना की गंभीरता के बीच कोई संबंध नहीं है. अध्ययन के अनुसार, यह मानने का कोई कारण नहीं है कि एक निश्चित एबीओ (ABO) रक्त समूह होने से रोग की गंभीरता बढ़ जाएगी, जिसे हमने इंटुबैषेण (intubation) की आवश्यकता के रूप में परिभाषित किया.

एमजीएच ने बड़े पैमाने पर डेटाबेस पर ड्राइंग करके अपनी जांच शुरू की. इसमें 1,289 वयस्क लोगों पर जांच की गई, जो कोरोना से संक्रमित थे. उनके रक्त समूह का दस्तावेजीकरण किया गया.

सांख्यिकी विश्लेषण ने इन संक्रमित रोगियों की इंटुबैषेण/मृत्यु पर रक्त समूह के स्वतंत्र प्रभाव को निर्धारित किया गया.

वरिष्ठ लेखक अनाहिता दुआ बताते हैं कि इन्फ्लमेशन एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि प्रचलित वैज्ञानिक सोच यह है कि कोरोना प्रणालीगत इन्फ्लमेशन के माध्यम से शरीर पर कहर बरपाती है, जिससे रुग्णता और मृत्यु हो सकती है.

दुआ ने कहा कि हालांकि हमने पाया कि इन्फ्लमेशन के निशान उनके रक्त समूह की परवाह किए बिना संक्रमित रोगियों में समान थे.

ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पहले कोरोना वायरस रोगियों के रक्त में प्रोटीन की पहचान की थी जो रोग की गंभीरता से जुड़े हैं. प्रोटीन का नाम IL-6 है, जो इन्फ्लमेशन पैदा करने के लिए जाना जाता है, और जो पहले के अध्ययनों के अनुसार कोरोना लक्षणों से जुड़ा है.

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