लखनऊ : देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बीच उत्तर प्रदेश के बलिया से भाजपा सासंद विरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि देश में मंदी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर मंदी होती, तो लोग कोट-जैकेट नहीं पहनते. बल्कि इसकी जगह धोती और कुर्ता पहनते.
एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली और दुनिया में मंदी को लेकर चर्चा है. अगर मंदी होती तो सभी यहां धोती कुर्ता पहनकर आते, न कि कोट और जैकेट.
मस्त ने कहा, भारत 6.5 लाख गावों का देश है, न कि केवल दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों का. महात्मा गांधी, डॉ हेडगेवार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और जय प्रकाश नारायण ने गांव के लोगों पर भरोसा जताया था और देश को आजादी दिलाई.
इससे पहले कांग्रेस और 19 विपक्षी पार्टियों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अर्थव्यवस्था के 'पूर्ण कुप्रबंधन' का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के पूर्ण कुप्रबंधन के कारण अधिकांश लोगों की आजीविका में खतरनाक गिरावट आई है.
आपको बता दें कि 13 जनवरी को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला कि खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2019 में बढ़कर 7.35 प्रतिशत हो गई, जबकि उससे पहले यह 5.54 प्रतिशत थी.
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इससे पहले अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर और भी कई नेताओं के बयान ऐसे रहे हैं, जिसने सरकार का ही उपहास उड़ाया है. केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अगर मंदी होती, तो फिल्मों का कारोबार अच्छा नहीं होता. हिंदी फिल्में सौ करोड़ से अधिक का कारोबार कर रही हैं और लोग उसे देखने जा रहे हैं, इसका मतलब है कि मंदी नहीं है.