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एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्राथमिक सुरक्षा स्तंभ है SCO : राजनाथ सिंह

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Published : Sep 12, 2019, 3:03 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 8:30 AM IST

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) द्वारा आयोजित पहला सैन्य चिकित्सा सम्मेलन दिल्ली में हो रहा है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया. सम्मेलन में पाकिस्तान को भी अपना प्रतिनिधिमंडल भेजना था, लेकिन कोई भी पाकिस्तानी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. जानें पूरा विवरण...

सैन्य सम्मेलन में नही पहुंचा पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की सभा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि एससीओ का सदस्य बनने के बाद से भारत ने एससीओ में लगाातार सकारात्मक योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने सैन्य स्तर पर रूस के शांति मिशन में शक्रिय भागीदारी निभाई है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'इस एससीओ सम्मेलन का उद्देश्य युद्ध चिकित्सा सहायता, मानवीय सहायता और रोगी सुरक्षा का है और आज की आधुनिक दुनिया में ये विषय बहुत प्रासंगिक हैं.'

राजनाथ ने कहा कि यह पूर्वी देशों की संधि है. यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्राथमिक सुरक्षा स्तंभ रहा है. भौगोलिक रूप से और जनसंख्या के आधार पर यह दुनिया भर में सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है.

एससीओ के बारे में बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों का विश्व और जनसंख्या में 22 प्रतिशत का हिस्सा, दुनिया की आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा शामिल है, साथ ही यह देश की जीडीपी में 20 प्रतिशत का योगदान देता है.

सैन्य सम्मेलन को संबोधित करते गृह मंत्री राजनाथ सिंह

गृहमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि हताहत प्रबंधन रणनीति सैन्य चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण पहलू है. आकस्मिक प्रबंधन रणनीतियों के संबंध में चिकित्सा सहायता के प्रदाताओं पर निर्भर है, कि प्रोटोकॉल स्पष्ट, प्रभावी हो और उसका पूर्वाभ्यास किया गया हो.

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह का ट्वीट

सैन्य चिकित्सा सम्मेलन के उद्देश्य शंघाई सहयोग सदस्य राज्यों द्वारा सामना की जाने वाली समान चुनौतियों को दूर करने के लिए बेहतरीन तकनीक और ज्ञान साझा करना है. सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ सैन्य चिकित्सा चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा .

शंघाई सहयोग संगठन द्वारा आयोजित पहला सैन्य चिकित्सा सम्मेलन में पाकिस्तान की तरफ से कोई भी प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं हुआ है.

इस सम्मेलन का आयोजन आज दिल्ली में किया जा रहा है. इस सम्मेलन में पाकिस्तान को बतौर शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य होने के नाते अपना प्रतिनिधिमंडल भेजना था. लेकिन पाकिस्तान की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि नही पहुंचा है.

सैन्य सम्मेलन में नही पहुंचा पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल

रक्षा कर्मचारी मुख्यालय के अधिकारी ने बताया, 'आज के आयोजन के संबंध में पाकिस्तान को एक आधिकारिक निमंत्रण भेजा गया था और हम इसमें आने वाले डेलीगेट्स को पूरी सुविधा प्रदान करेंगे.'

पढ़ें- मुहाजिर नेता ने खोली पाक की पोल, PoK में सेना पर लगाया अत्याचार का आरोप

गौरतलब हो की जून 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल होने के बाद भारत द्वारा आयोजित यह पहला प्रमुख सैन्य सहयोग कार्यक्रम है.

कार्यक्रम की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. कार्यक्रम के दौरान एससीओ सदस्यों के साथ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी मौजूद रहे.

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन का उद्घाटन किया

नई दिल्ली: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की सभा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि एससीओ का सदस्य बनने के बाद से भारत ने एससीओ में लगाातार सकारात्मक योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने सैन्य स्तर पर रूस के शांति मिशन में शक्रिय भागीदारी निभाई है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'इस एससीओ सम्मेलन का उद्देश्य युद्ध चिकित्सा सहायता, मानवीय सहायता और रोगी सुरक्षा का है और आज की आधुनिक दुनिया में ये विषय बहुत प्रासंगिक हैं.'

राजनाथ ने कहा कि यह पूर्वी देशों की संधि है. यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्राथमिक सुरक्षा स्तंभ रहा है. भौगोलिक रूप से और जनसंख्या के आधार पर यह दुनिया भर में सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है.

एससीओ के बारे में बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों का विश्व और जनसंख्या में 22 प्रतिशत का हिस्सा, दुनिया की आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा शामिल है, साथ ही यह देश की जीडीपी में 20 प्रतिशत का योगदान देता है.

सैन्य सम्मेलन को संबोधित करते गृह मंत्री राजनाथ सिंह

गृहमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि हताहत प्रबंधन रणनीति सैन्य चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण पहलू है. आकस्मिक प्रबंधन रणनीतियों के संबंध में चिकित्सा सहायता के प्रदाताओं पर निर्भर है, कि प्रोटोकॉल स्पष्ट, प्रभावी हो और उसका पूर्वाभ्यास किया गया हो.

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह का ट्वीट

सैन्य चिकित्सा सम्मेलन के उद्देश्य शंघाई सहयोग सदस्य राज्यों द्वारा सामना की जाने वाली समान चुनौतियों को दूर करने के लिए बेहतरीन तकनीक और ज्ञान साझा करना है. सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ सैन्य चिकित्सा चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा .

शंघाई सहयोग संगठन द्वारा आयोजित पहला सैन्य चिकित्सा सम्मेलन में पाकिस्तान की तरफ से कोई भी प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं हुआ है.

इस सम्मेलन का आयोजन आज दिल्ली में किया जा रहा है. इस सम्मेलन में पाकिस्तान को बतौर शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य होने के नाते अपना प्रतिनिधिमंडल भेजना था. लेकिन पाकिस्तान की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि नही पहुंचा है.

सैन्य सम्मेलन में नही पहुंचा पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल

रक्षा कर्मचारी मुख्यालय के अधिकारी ने बताया, 'आज के आयोजन के संबंध में पाकिस्तान को एक आधिकारिक निमंत्रण भेजा गया था और हम इसमें आने वाले डेलीगेट्स को पूरी सुविधा प्रदान करेंगे.'

पढ़ें- मुहाजिर नेता ने खोली पाक की पोल, PoK में सेना पर लगाया अत्याचार का आरोप

गौरतलब हो की जून 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल होने के बाद भारत द्वारा आयोजित यह पहला प्रमुख सैन्य सहयोग कार्यक्रम है.

कार्यक्रम की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. कार्यक्रम के दौरान एससीओ सदस्यों के साथ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी मौजूद रहे.

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन का उद्घाटन किया
Intro:New Delhi: Pakistan delegation on Thursday did not turn up for first military medicine conference for the Shanghai cooperation organisation member states.

"An official invitation has been sent to Pakistan regarding the today's event and we will facilitate the entry of the delgates it they arrive." said an official of headquarters of Integrated Defence staff.

This is the first major military cooperation event hosted by India after joining SCO in June 2017. The event started today with Defence Minister Rajnath Singh inaugurating it. Air chief marshal B S Dhanoa along with SCO members were also present during the event.


Body:kindly use.


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 8:30 AM IST
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