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पूर्वोत्तर राज्यों से ममता की अपील- न लें एनपीआर की प्रक्रिया में हिस्सा - mamata on npr

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से अपील की है कि वे एनपीआर की प्रकिया को अच्छे से समझ लें और इसमें हिस्सा न लें. भाजपा नेता सौमित्र खान के बयान पर कहा कि इसपर कुछ भी न कहना बेहतर होगा. बता दें कि वह उत्तर बंगाल में अगले चार दिन तक संशोधित नागरिकता कानून विरोधी रैलियों का नेतृत्व करेंगी.

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ममता बनर्जी
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Published : Jan 20, 2020, 4:43 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 5:53 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से अपील की है कि वे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले उसे अच्छे से समझ लें.

बनर्जी ने एनपीआर की कवायद को 'खतरनाक खेल' करार देते हुए कहा कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के क्रियान्वयन का पूर्व संकेत है.

उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा शासित पूर्वोत्तर-त्रिपुरा, असम, मणिपुर और अरुणाचल तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करूंगी कि वे निर्णय पर पहुंचने से पहले कानून को ठीक तरह से पढ़ें और एनपीआर फॉर्म के विवरण खंडों का संज्ञान लें.'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं उनसे इस कवायद में शामिल न होने का आग्रह करती हूं क्योंकि स्थिति बहुत बुरी है.'

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जल्द ही प्रस्ताव पारित करेगी.

बनर्जी ने कहा कि उन्हें मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि माता-पिता के एनपीआर फॉर्म में जन्मस्थान से जुड़ा कॉलम भरना अनिवार्य नहीं है.

उन्होंने कहा कि यदि यह अनिवार्य नहीं है तो फिर इस कॉलम को फॉर्म में क्यों रखा गया है? इन सवालों को हटाने का प्रयास किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने सिलीगुड़ी के लिए रवाना होने से पहले दावा किया, 'यदि यह कॉलम फॉर्म में बरकरार रहता है तो इसे न भरने वाले अपने आप बाहर हो जाएंगे. ऐसी आशंका है....'

इसके बाद सिलीगुड़ी में एक जनसभा के संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि 22 जनवरी को वह दार्जीलिंग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ रैली का आयोजन करेंगी. उन्होंने लोगो को आश्वासन देते हुए कहा कि वह सीएए और एनआरसी को लेकर चिंतित न हों, वह (ममता) उनके साथ हैं.

इससे पहले भाजपा नेता सौमित्र खान ने अपने एक विवादित बयान में कहा था कि जो लोग संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं, वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कुत्ते हैं.

पढ़ें-दिल्ली विधानसभा चुनाव : वक्त पर नहीं पहुंचे सीएम केजरीवाल, अब कल होगा नामांकन

खान के बयान का जवाब देते हुए ममता ने कहा कि बेहतर होगा कि वह (ममता) इसपर कुछ न कहें क्योंकि उनको खुद नहीं पता कि वह क्या बोल रहे हैं.

बता दें कि खान 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

नागरिकता कानून में किए गए संशोधन, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ देश के हर कोने से लोग प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं. इनमें बड़ी-बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से अपील की है कि वे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले उसे अच्छे से समझ लें.

बनर्जी ने एनपीआर की कवायद को 'खतरनाक खेल' करार देते हुए कहा कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के क्रियान्वयन का पूर्व संकेत है.

उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा शासित पूर्वोत्तर-त्रिपुरा, असम, मणिपुर और अरुणाचल तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करूंगी कि वे निर्णय पर पहुंचने से पहले कानून को ठीक तरह से पढ़ें और एनपीआर फॉर्म के विवरण खंडों का संज्ञान लें.'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं उनसे इस कवायद में शामिल न होने का आग्रह करती हूं क्योंकि स्थिति बहुत बुरी है.'

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जल्द ही प्रस्ताव पारित करेगी.

बनर्जी ने कहा कि उन्हें मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि माता-पिता के एनपीआर फॉर्म में जन्मस्थान से जुड़ा कॉलम भरना अनिवार्य नहीं है.

उन्होंने कहा कि यदि यह अनिवार्य नहीं है तो फिर इस कॉलम को फॉर्म में क्यों रखा गया है? इन सवालों को हटाने का प्रयास किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने सिलीगुड़ी के लिए रवाना होने से पहले दावा किया, 'यदि यह कॉलम फॉर्म में बरकरार रहता है तो इसे न भरने वाले अपने आप बाहर हो जाएंगे. ऐसी आशंका है....'

इसके बाद सिलीगुड़ी में एक जनसभा के संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि 22 जनवरी को वह दार्जीलिंग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ रैली का आयोजन करेंगी. उन्होंने लोगो को आश्वासन देते हुए कहा कि वह सीएए और एनआरसी को लेकर चिंतित न हों, वह (ममता) उनके साथ हैं.

इससे पहले भाजपा नेता सौमित्र खान ने अपने एक विवादित बयान में कहा था कि जो लोग संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं, वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कुत्ते हैं.

पढ़ें-दिल्ली विधानसभा चुनाव : वक्त पर नहीं पहुंचे सीएम केजरीवाल, अब कल होगा नामांकन

खान के बयान का जवाब देते हुए ममता ने कहा कि बेहतर होगा कि वह (ममता) इसपर कुछ न कहें क्योंकि उनको खुद नहीं पता कि वह क्या बोल रहे हैं.

बता दें कि खान 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

नागरिकता कानून में किए गए संशोधन, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ देश के हर कोने से लोग प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं. इनमें बड़ी-बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं.

Intro:উত্তরপূর্বের রাজ্যগুলিকে NPR এ অংশ না নেওয়ার আহ্বান জানালেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। আজ দমদম বিমানবন্দরে মুখ্যমন্ত্রী বলেন, " NPR NRC র সঙ্গে যুক্ত। উত্তরপূর্বের রাজ্যগুলিকে বিজেপি যেমন আছে তেমন বিজেপি বিরোধীরাও আছে। ওদের আহবান করব যাতে তারা NPR এ অংশ না নেয়। তাদের NRC CAA র বিরুদ্ধে রিজলিউশন পাশ করতে বলব। আজ দমদম বিমানবন্দরে উত্তরবঙ্গ যাওয়ার আগে একথা বলেন মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়।

Body:উত্তরবঙ্গ সফর সম্পর্কে তিনি বলেন, " উত্তরবঙ্গ উত্সবের উদ্বোধন রয়েছে। যেমন বাংলায় বঙ্গবিভূষণ পুরস্কার হয় তেমনি উত্তরবঙ্গে বঙ্গরত্ন হয়। ৬ টি জেলা নিয়ে বঙ্গরত্ন সম্মান হবে। পরশু দিন আমার মিছিল রয়েছে NRC CAA র প্রতিবাদে। প্রসঙ্গত আজ সোমবার উত্তরবঙ্গ সফরে যাচ্ছেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। শিলিগুড়ির উত্তরবঙ্গ বিশ্ববিদ্যালয় লাগোয়া শিবমন্দিরে একটি খেলার মাঠে উত্তরবঙ্গ উৎসবের উদ্বোধন করবেন মুখ্যমন্ত্রী। বাগডোগরা বিমানবন্দরে নেমে সোজা শিবমন্দিরে বিকেল সাড়ে তিনটায় যাবেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। উত্তরবঙ্গ উৎসবের সূচনা ছাড়াও উত্তরবঙ্গের ৯ জন বিশিষ্টকে বঙ্গরত্ন দেবেন মুখ্যমন্ত্রী। মঞ্চ থেকেই উদ্বোধন করবেন কাওয়াখালি এলাকায় তৈরি হওয়া শিলিগুড়ি জার্নালিস্ট ক্লাবের নতুন বহুতল ভবন ‘উত্তরীয়া’র। তারপর পাহাড়ে চলে যাবেন। ২২ জানুয়ারি এনআরসি, সিএএ বিরুদ্ধে পাহাড়ে মিছিল করার কথা মুখ্যমন্ত্রীর। ২৩ জানুয়ারি তিনি সুভাষচন্দ্র বসুর জন্মদিন পালন করবেন। আপাতত মঙ্গলবার কোনও অনুষ্ঠান সূচি নেই মুখ্যমন্ত্রীর। তবে বিনয় তামাং, অনীত থাপাদের সঙ্গে তাঁর বৈঠকের সম্ভাবনা রয়েছে।

Conclusion:
Last Updated : Feb 17, 2020, 5:53 PM IST
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