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सीएए पर OIC को विश्वास दिलाने की जरूरत नहीं : पूर्व राजदूत

ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (OIC) द्वारा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध को लेकर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की है. त्रिगुणायत का कहना है कि OIC को विश्वास दिलाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका संचालन पाकिस्तान द्वारा किया जाता है. पढ़ें विस्तार से...

Trigunayat on oic
पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत
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Published : Dec 23, 2019, 11:43 PM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध सिर्फ देश में ही नहीं हो रहा वरन संयुक्त राष्ट्र व इस्लामिक सहयोग संगठन जैसे कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई है.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने इस बाबत ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (OIC) को विश्वास दिलाने की जरूरत नहीं है.

ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते अनिल त्रिगुणायत.

लीबिया और जॉर्डन में राजदूत रह चुके त्रिगुणायत ने कहा, 'भारत के खिलाफ कई लॉबी हैं. हमें ओआईसी को किसी भी तरह की विश्वसनीयता देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह अनिवार्य रूप से पाकिस्तान द्वारा संचालित है.'

पढ़ें : वाशिंगटन में CAA के खिलाफ भारतीय-अमेरिकियों का प्रदर्शन

इस्लामिक सहयोग संगठन ने रविवार को कहा था कि वह भारत में मुसलमानों को प्रभावित करने वाले हालिया घटनाक्रमों को करीब से देख रहा है. उसने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर चिंता व्यक्त की है.

57 सदस्यीय समूह ने, जिसका पाकिस्तान भी अहम हिस्सा रहा है, अतीत में कई मुद्दों को लेकर भारत की आलोचना की है. उसने कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर फिर से अंगुली उठाई है.

हालांकि इस साल की शुरुआत में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के OIC में भाषण देने से यह बात साफ हो जाती है कि चीजें काफी बदल चुकी हैं.

त्रिगुणायत ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जिसकी निर्वाचित सरकार ने यह अधिनियम पारित किया है.

उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि यह अधिनियम काफी हद तक इन देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध सिर्फ देश में ही नहीं हो रहा वरन संयुक्त राष्ट्र व इस्लामिक सहयोग संगठन जैसे कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई है.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने इस बाबत ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (OIC) को विश्वास दिलाने की जरूरत नहीं है.

ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते अनिल त्रिगुणायत.

लीबिया और जॉर्डन में राजदूत रह चुके त्रिगुणायत ने कहा, 'भारत के खिलाफ कई लॉबी हैं. हमें ओआईसी को किसी भी तरह की विश्वसनीयता देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह अनिवार्य रूप से पाकिस्तान द्वारा संचालित है.'

पढ़ें : वाशिंगटन में CAA के खिलाफ भारतीय-अमेरिकियों का प्रदर्शन

इस्लामिक सहयोग संगठन ने रविवार को कहा था कि वह भारत में मुसलमानों को प्रभावित करने वाले हालिया घटनाक्रमों को करीब से देख रहा है. उसने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर चिंता व्यक्त की है.

57 सदस्यीय समूह ने, जिसका पाकिस्तान भी अहम हिस्सा रहा है, अतीत में कई मुद्दों को लेकर भारत की आलोचना की है. उसने कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर फिर से अंगुली उठाई है.

हालांकि इस साल की शुरुआत में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के OIC में भाषण देने से यह बात साफ हो जाती है कि चीजें काफी बदल चुकी हैं.

त्रिगुणायत ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जिसकी निर्वाचित सरकार ने यह अधिनियम पारित किया है.

उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि यह अधिनियम काफी हद तक इन देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है.

Intro:New Delhi: With fire over Citizenship Amendment Act refuses to die down and many international organisations like the UN and Organisation of Islamic Cooperation have voiced their concerns against it, former ambassador Anil Trigunayat has rejected to give any credence to OIC.


Body:Talking exclusively to ETV Bharat, Anil Trigunayat who had served as an ambassador in Libya and Jordan said, "there are several lobbies against India. And, we don't need give any credence to OIC as it is essentially driven by Pakistan."

The Organisation of Islamic Cooperation on Sunday said it was closely following the recent developments affecting Muslims in India as it voiced concern over the Citizenship Amendment Act.




Conclusion:The 57 member group of which Pakistan is an important part have been critical of India on number of issues in the past. They have time and again raised fingers over human rights violation in Indian Kashmir. Though things changed earlier this year as former External Affairs Minister Sushma Swaraj delivered an addressed at the OIC.

Anil Trigunayat asserted that India is a secular nation whose elected government has passed this act. He stressed that this act is largely for the persecuted minorities of these countries.
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