कोलकाता : दुर्गा पूजा पंडालों के अंदर किसी भी आगंतुक को जाने की अनुमति नहीं होगी. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पूर्व में दिए गए आदेश को बनाए रखा है. हालांकि न्यायालय ने बड़े पूजा पंडाल की समितियों से कहा है कि वह 60 लोगों की सूची तैयार करें, जिन्हें पंडाल में जाने की अनुमति होगी.
इससे पहले न्यायालय ने आदेश दिया था कि दुर्गा पूजा पंडाल नो-एंट्री जोन होंगे. न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका की सुनवाई का आज पहला दिन था.
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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया था कि कोविड-19 के प्रसार पर काबू के लिए राज्य भर के सभी दुर्गा पूजा पंडालों को प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित किया जाए. बता दें कि पश्चिम बंगाल में अब तक कोरोना वायरस के 3.2 लाख मामले सामने आ चुके हैं और इस बीमारी के कारण 6,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी आगंतुक को पंडाल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पीठ ने यह आदेश सौरव चटर्जी नामक एक व्यक्ति की जनहित याचिका पर दिया था.