नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने वीजा नियमों तथा सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर राष्ट्रीय राजधानी में निजामुद्दीन में धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए 12 देशों के 46 विदेशी नागरिकों के खिलाफ 12 आरोपपत्र दाखिल किया है. इसके साथ पुलिस ने 36 देशों से जुड़े 956 विदेशी नागरिकों के खिलाफ अब तक 59 आरोपपत्र दाखिल किए हैं.
केंद्र ने इन लोगों का वीजा रद्द कर दिया है और उनके नाम को काली सूची में डाल दिया गया है. विदेशी नागरिकों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और फिलहाल वे दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मंजूर विभिन्न स्थानों पर रह रहे हैं.
दिल्ली पुलिस की अपराधा शाखा ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर के सामने एक मुख्य आरोपपत्र और 11 पूरक आरोपपत्र दाखिल किया.
शुक्रवार को दाखिल आरोपपत्र में आरोपी के तौर पर विदेशी नागरिकों के नाम हैं. इनमें इथियोपिया के एक, सूडान-बांग्लादेश और थाइलैंड के दो-दो, मलेशिया, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया, कजाकिस्तान और फ्रांस के एक-एक नागरिक, म्यामां के चार, श्रीलंका के तीन और इंडोनेशिया के 27 नागरिकों के नाम हैं.
विभिन्न अपराधों के लिए दंड प्रावधान के तहत छह महीने से आठ साल की सजा हो सकती है.
आरोपपत्र के मुताबिक सभी विदेशी नागरिकों पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा-निर्देश, महामारी कानून, आपदा प्रबंधन कानून और निषेधाज्ञा से जुड़े नियमों के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पढ़ें : कोरोना संक्रमण को रोक सकते हैं शरीर के नैनो स्पंज : अध्ययन
भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (सरकारी सेवक का आदेश नहीं मानने), 269 (संक्रमण फैलाने के लिए लापरवाह कृत्य), 270 (संक्रमण फैलाते हुए किसी की जान को खतरे में डालना) और 271 (अलग रहने के नियमों का पालन नहीं करना) तथा विदेशी कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने पूर्व में मामले में 915 विदेशियों के खिलाफ 47 आरोपपत्र दाखिल किया था.
मामले में 541 विदेशियों के खिलाफ 27 मई को 12 आरोपपत्र और 26 मई को 14 देशों के 294 नागरिकों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.