नासिक : महिलाओं को हमेशा से पीली धातु से बेहद लगाव रहा है. इसके लिए वह कुछ भी कर सकती हैं. जहां आगामी करवा चौथ के लिए महिलाएं नए-नए सोने के गहने खरीद रही हैं. वहीं, नासिक की पूर्व एमएलसी निशिगंधा मोगल ने अपने गहने बेचकर महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की है. उन्होंने अपने जीवनभर की विधायिकी निधि भारतीय सेना को दान कर दी है.
पेश किया उदाहरण
नासिक की पूर्व एमएलसी निशिगंधा मोगल ने भारतीय सेना को ₹20 लाख दान किए हैं. इन्होंने अपने सोने के गहनों को बेचकर ये रुपये भारतीय सेना को दान में दिए हैं. बता दें, निशिगंधा मोगल अपने सोने के गहनों से इतनी बड़ी रकम भेजने वाली देश की पहली महिला राजनेता हैं. भारतीय महिलाओं को सोने के गहनों से बेहद प्यार होता है, लेकिन पूर्व एमएलसी ने सोने के गहनों को बेचकर ₹20 लाख दान देकर राजनीतिक दलों के सामने एक आदर्श उदाहरण पेश किया है.
बीजेपी में कई पदों पर कर चुकी हैं काम
निशीगंधा मोगल 1996 से 2002 तक भाजपा कोटे से नासिक शहर की पूर्व एमएलसी रह चुकी हैं. नासिक से पूर्व एमएलसी निशिगंधा मोगल ने अपने कार्यकाल में महिलाओं के कल्याण के लिए अपनी सभी निधियों का उपयोग किया था. वह भाजपा में राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पदों पर काम कर चुकी हैं. वह भाजपा की महिला उपाध्यक्ष और महासचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं. पूर्व एमएलसी निशिगंधा मोगल ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यों में योगदान दिया था.
अटल और आडवाणी का भी किया था सहयोग
मोगल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी को मजबूत करने का भी काम किया था. वह वर्तमान में महिला उद्योगिनी संस्था की अध्यक्ष हैं. निशिगंधा मोगल ने अपने सभी सोने के गहनों को दान करने का फैसला किया था. मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने पति और बेटों के साथ इस मामले पर चर्चा भी की थी. उसके बाद 11 अक्टूबर को भारतीय सैनिकों को सहायता के लिए पूर्व एमएलसी निशिगंधा मोगल ने सोने के गहनों को बेचकर ₹20 लाख भेजे. जिसपर भारतीय सेना ने उन्हें धन्यवाद पत्र भेजा, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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पूर्व सैनिकों ने किया सम्मान
वहीं, पूर्व एमएलसी निशिगंधा मोगल का कहना है कि मेरा इरादा प्रचार पाने का नहीं, बल्कि भारतीय सेना की मदद करना था. ऐसा काम दूसरों को भी करना चाहिए. बता दें, भारतीय सेना सोने के रूप में दान स्वीकार नहीं करती है, इसलिए सेना को उतनी राशि भेजी गई. ऐसा करने पर रक्षा मंत्रालय ने उन्हें धन्यवाद पत्र भी भेजा है. नासिक में पूर्व सैनिकों ने भी उनका सम्मान किया.