नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूदा आर्थिक हालातों पर प्रेस वार्ता कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हम पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
निर्मला सीतारमण की प्रेस वार्ता:
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय से देश में बैंकों की संख्या अब 12 हो जाएगी. वर्ष 2017 में इनकी संख्या 27 थी.
- बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय के बाद किसी भी प्रकार की छटनी नहीं की गई है, एक बैंक के अच्छे कार्यों को दूसरे बैंकों में भी लागू किया गया है.
- बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप बने रहेंगे.
- इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय से 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ सार्वजनिक क्षेत्र का 7वां बड़ा बैंक बनेगा.
- यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक के विलय की घोषणा की गई है. इससे यह 14.59 लाख करोड़ करोड़ के व्यवसाय के साथ पांचवा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा.
- सरकार ने सिंडिकेट बैंक और केनरा बैंक के भी विलय की घोषणा की. इससे यह 15.20 लाख करोड़ के व्यवसाय के साथ देश का चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा.
- सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाईटेड बैंक के विलय की घोषणा की. इससे यह 17.95 लाख करोड़ के व्यवसाय के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन जाएगा.उसकी 11,437 शाखाएं होंगी.
- लोन रिकवरी का रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया है, 1.21 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी की गई है. सकल एनपीए 7.90 लाख करोड़ रुपये तक कम हो गया है.
- बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने पर जोर है. ग्रास एनपीएम में कमी आई है.
- आठ पीएसयू बैंकों ने रेपो रेट को ब्याज दर से जोड़ा जा चुका है.
- तीन लाख फर्जी कंपनियां बंद कर दी गई हैं.
- बैंकिंग व्यवस्था में सुधार का काम जारी है.
- पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं
- चार NBFC लिक्विडिटी मामले पर काम शुरू कर चुके हैं.
- भगोड़ों की संपत्ति जब्त की जाएगी.
- 250 करोड़ रूपये के ज्यादा कर्ज पर नजर रखी जाएगी. इसके लिए एजेंसियां बनाई गई हैं.
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इससे पहले भी उन्होंने अर्थव्यवस्था की बिगड़ी हालत पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है. उन्होंने कहा था कि वैश्विक विकास दर भी नीचे जा रही है और अब दुनिया की संशोधित विकास दर 3.2 फीसदी है. सीतारमण ने कहा था कि वैश्विक व्यापार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है, जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है.
उन्होंने बताया था कि आर्थिक सुधार एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है और हमने अपनी गति अभी खोई नहीं है.
उन्होंने उद्योग जगत को दिलासा देते हुए कहा था कि सरकार वेल्थ क्रियेटर्स (पूंजीपतियों) का सम्मान करती है और हड़बड़ी में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा, जिससे उनको नुकसान हो.