ETV Bharat / bharat

'कश्मीर के युवाओं को सही इतिहास बताया जाना जरूरी' - youth of kashmir

जम्मू-कश्मीर के युवाओं में क्यों बढ़ रही है भारत के प्रति नफरत और हिंसक प्रवृत्ति. घाटी को भारत से अलग क्यों मानती है यहां की युवा आबादी. जानें राज्य में काम कर चुके भारतीय सेना के अधिकारी से.

लेफ्टिनेंट जनरल निर्भय शर्मा (वीडियो ग्रैब)
author img

By

Published : Apr 12, 2019, 4:55 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के युवाओं का गुमराह होना, चरमपंथ और हिंसा का रास्ता अपना लेना एक गंभीर चुनौती है. हिंसा और आतंक के खात्मे के लिए भारतीय सेना लगातार काम कर रही है. इस संबंध में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल निर्भय शर्मा (सेवानिवृत्त) का कहना है कि वहां के युवाओं को सही इतिहास बताया जाना जरूरी है.

बता दें कि निर्भय शर्मा भारतीय सेना के सम्मानित अधिकारी रहने के अलावा मिजोरम और अरुणाचल के राज्यपाल भी रह चुके हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर के युवाओं के बीच गलत कहानी और धारणा का प्रसार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अनेक कारणों में से एक है, जिसके कारण वे भारत सरकार से घृणा और नफरत करते हैं.

निर्भय शर्मा ने 2004 का वाकया याद करते हुए कहा 'मैं बारामूला में पदस्थापित था. एक बार मुझे एक कॉलेज में रुककर वहां के युवाओं से संवाद करना था. मैंने उनसे 1947 में हुई मार-काट का जिक्र किया. उनसे पूछा- क्या उन्हें पता है कि 1947 में क्या हुआ था?'

बकौल शर्मा 'युवाओं में से एक ने जवाब दिया. हां, हमें पता है कि भारतीय सेना आई, लूटपाट की, डाका डाला और हमारी महिलाओं के साथ दुष्कर्म किए. वो पाकिस्तानी थे, जिन्होंने आकर हमें बचाया.'

इस वाकये के बारे में निर्भय शर्मा ने आगे कहा 'उन्हें सही कहानी बताने के लिए मुझे एक डॉक्यूमेंट्री बनानी पड़ी. वहां के स्थानीय केबल ऑपरेटर इसे प्रसारित करने के लिए तैयार नहीं थे. उन्हें डर था कि डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने पर आतंकी उनकी हत्या कर देंगे.'

शर्मा ने बताया कि उन्होंने केबल ऑपरेटर्स को कहा कि या तो वे आतंकियों का सामना करें या उनका सामना करें. उन्होंने कहा कि कश्मीरी युवाओं का खुद को भारत से अलग महसूस करने का एक अहम कारण भौगोलिक स्थिति है.

ये भी पढ़ें:

निर्भय शर्मा ने कहा 'आपको समझना होगा कि इस जगह की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, जिससे यहां के लोग खुद को भारत से अलग मानते हैं. ऐसे में यहां के लोग आंतरिक रुप से देखते हैं, खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं.'

शर्मा ने बताया कि भौगोलिक रुप से अलग होने के कारण, कश्मीर छोड़कर भारत के किसी दूसरे हिस्से में जाने के बाद यहां के काफी लोग ऐसा कहते हैं कि 'वे भारत जा रहे हैं.' उनके लिए घाटी भारत से अलग जगह है.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के युवाओं का गुमराह होना, चरमपंथ और हिंसा का रास्ता अपना लेना एक गंभीर चुनौती है. हिंसा और आतंक के खात्मे के लिए भारतीय सेना लगातार काम कर रही है. इस संबंध में सेना के लेफ्टिनेंट जनरल निर्भय शर्मा (सेवानिवृत्त) का कहना है कि वहां के युवाओं को सही इतिहास बताया जाना जरूरी है.

बता दें कि निर्भय शर्मा भारतीय सेना के सम्मानित अधिकारी रहने के अलावा मिजोरम और अरुणाचल के राज्यपाल भी रह चुके हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर के युवाओं के बीच गलत कहानी और धारणा का प्रसार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अनेक कारणों में से एक है, जिसके कारण वे भारत सरकार से घृणा और नफरत करते हैं.

निर्भय शर्मा ने 2004 का वाकया याद करते हुए कहा 'मैं बारामूला में पदस्थापित था. एक बार मुझे एक कॉलेज में रुककर वहां के युवाओं से संवाद करना था. मैंने उनसे 1947 में हुई मार-काट का जिक्र किया. उनसे पूछा- क्या उन्हें पता है कि 1947 में क्या हुआ था?'

बकौल शर्मा 'युवाओं में से एक ने जवाब दिया. हां, हमें पता है कि भारतीय सेना आई, लूटपाट की, डाका डाला और हमारी महिलाओं के साथ दुष्कर्म किए. वो पाकिस्तानी थे, जिन्होंने आकर हमें बचाया.'

इस वाकये के बारे में निर्भय शर्मा ने आगे कहा 'उन्हें सही कहानी बताने के लिए मुझे एक डॉक्यूमेंट्री बनानी पड़ी. वहां के स्थानीय केबल ऑपरेटर इसे प्रसारित करने के लिए तैयार नहीं थे. उन्हें डर था कि डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने पर आतंकी उनकी हत्या कर देंगे.'

शर्मा ने बताया कि उन्होंने केबल ऑपरेटर्स को कहा कि या तो वे आतंकियों का सामना करें या उनका सामना करें. उन्होंने कहा कि कश्मीरी युवाओं का खुद को भारत से अलग महसूस करने का एक अहम कारण भौगोलिक स्थिति है.

ये भी पढ़ें:

निर्भय शर्मा ने कहा 'आपको समझना होगा कि इस जगह की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, जिससे यहां के लोग खुद को भारत से अलग मानते हैं. ऐसे में यहां के लोग आंतरिक रुप से देखते हैं, खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं.'

शर्मा ने बताया कि भौगोलिक रुप से अलग होने के कारण, कश्मीर छोड़कर भारत के किसी दूसरे हिस्से में जाने के बाद यहां के काफी लोग ऐसा कहते हैं कि 'वे भारत जा रहे हैं.' उनके लिए घाटी भारत से अलग जगह है.

The youth of Kashmir need to be taught the right history : Lieutenant General Nirbhay Sharma
-----------------------------------
Lieutenant General Nirbhay Sharma who has been a decorated officer of the Indian army and has served as a Governor of Mizoram and Arunachal Pradesh believes that the Kashmiri youth are being fed with false narratives and that is one of the reasons for their hate towards the Indian government. "I remember back in the year 2004, when I was posted in Baramulla. I once happened to stop at a a collage and talk to the youths over there. I asked them do you know what happened in the Carnage 1947? One of them replied finally that yes we know the Indian Army came , looted and plundered us and raped our women. It was the Pakistanis who came and saved us". Telling about the incident further Lt Gen Sharma added " to tell them the right narrative I had to get a documentary made and the local cable operators were not willing to play it. They were scared that the militants would kill them if they play the documentary. I had to tell them the choice is yours either you face the militants or you face us".
The former governor of Mizoram and Arunachal Pradesh also mentioned that one of the prime reasons for the Kashmiri population to feel alienated from India is the geography. " you need to understand that the geography of the place is such that it is a bit isolated from mainland India and it makes the people in the valley look inward and make them feel insecure. Due to being geographical segregated from the mainland a lot of people when they come over to the mainland say " we are going to India". For them the valley happens to be a separate place than India" Sharma said.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.