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केरल में निपाह वायरस : हर्षवर्धन ने कहा, स्थिति नियंत्रण में

केरल में निपाह वायरस का मामला सामने आने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों को घबराने के जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार स्थिति के हल के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

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Published : Jun 6, 2019, 8:56 AM IST

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नई दिल्ली: केरल में एक छात्र के निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद जन स्वास्थ्य के लिए किए उपायों की समीक्षा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है.

केरल में 21 वर्षीय कॉलेज छात्र का मामला इस साल का पहला है. पिछले साल निपाह वायरस से राज्य में 17 लोगों की मौत हो गई थी.

हर्षवर्धन ने कहा, 'मैं लोगों ने न घबराने की अपील करता हूं क्योंकि सरकार स्थिति के हल के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. मैं केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा के साथ स्थिति की निजी तौर पर समीक्षा कर रहा हूं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार की समीक्षा बैठक पर मुख्य ध्यान संपर्क में आने वाले लोगों की सूची अद्यतन करना, लक्षणों के लिए रोज निगरानी रखना और स्व: निगरानी रहा.

पढ़ें: मोदी ने निवेश और रोजगार बढ़ाने दो मंत्रिमंडल समितियां गठित कीं

केंद्र ने संदिग्धों का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने के लिए संपर्क में आए लोगों का पता लगाने तथा रोगी को अलग रखने की सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए महामारी विशेषज्ञ समेत छह सदस्यीय टीम मंगलवार को केरल भेजी थी.

बयान में कहा गया है कि जिलाधीश के कार्यालय पर एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है और सरकारी मेडिकल कॉलेज एर्नाकुलम में अलग से एक वार्ड बनाया गया है.

कालीकट, त्रिशूर और कोट्टायम के मेडिकल कॉलेजों में भी वार्ड बनाए गए हैं.

बयान में कहा गया है कि पारावूर निवासी कॉलेज छात्र की हालत अब स्थिर है और उसके संपर्क में आए 314 लोगों की नियमित आधार पर निगरानी की जा रही है.

उसके संपर्क में आए पांच लोगों में ऐसे ही लक्षण पाए जाने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है और उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं.

नई दिल्ली: केरल में एक छात्र के निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद जन स्वास्थ्य के लिए किए उपायों की समीक्षा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है.

केरल में 21 वर्षीय कॉलेज छात्र का मामला इस साल का पहला है. पिछले साल निपाह वायरस से राज्य में 17 लोगों की मौत हो गई थी.

हर्षवर्धन ने कहा, 'मैं लोगों ने न घबराने की अपील करता हूं क्योंकि सरकार स्थिति के हल के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. मैं केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा के साथ स्थिति की निजी तौर पर समीक्षा कर रहा हूं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार की समीक्षा बैठक पर मुख्य ध्यान संपर्क में आने वाले लोगों की सूची अद्यतन करना, लक्षणों के लिए रोज निगरानी रखना और स्व: निगरानी रहा.

पढ़ें: मोदी ने निवेश और रोजगार बढ़ाने दो मंत्रिमंडल समितियां गठित कीं

केंद्र ने संदिग्धों का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने के लिए संपर्क में आए लोगों का पता लगाने तथा रोगी को अलग रखने की सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए महामारी विशेषज्ञ समेत छह सदस्यीय टीम मंगलवार को केरल भेजी थी.

बयान में कहा गया है कि जिलाधीश के कार्यालय पर एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है और सरकारी मेडिकल कॉलेज एर्नाकुलम में अलग से एक वार्ड बनाया गया है.

कालीकट, त्रिशूर और कोट्टायम के मेडिकल कॉलेजों में भी वार्ड बनाए गए हैं.

बयान में कहा गया है कि पारावूर निवासी कॉलेज छात्र की हालत अब स्थिर है और उसके संपर्क में आए 314 लोगों की नियमित आधार पर निगरानी की जा रही है.

उसके संपर्क में आए पांच लोगों में ऐसे ही लक्षण पाए जाने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है और उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 22:35 HRS IST




             
  • केरल में निपाह वायरस : हर्षवर्धन ने कहा, स्थिति नियंत्रण में



नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) केरल में एक छात्र के निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद जन स्वास्थ्य के लिए किए उपायों की समीक्षा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है।







केरल में 21 वर्षीय कॉलेज छात्र का मामला इस साल का पहला है। पिछले साल निपाह वायरस से राज्य में 17 लोगों की मौत हो गई थी।







हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘मैं लोगों ने न घबराने की अपील करता हूं क्योंकि सरकार स्थिति के हल के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मैं केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा के साथ स्थिति की निजी तौर पर समीक्षा कर रहा हूं।’’ 







स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार की समीक्षा बैठक पर मुख्य ध्यान संपर्क में आने वाले लोगों की सूची अद्यतन करना, लक्षणों के लिए रोज निगरानी रखना और स्व: निगरानी रहा।







केंद्र ने संदिग्धों का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने के लिए संपर्क में आए लोगों का पता लगाने तथा रोगी को अलग रखने की सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए महामारी विशेषज्ञ समेत छह सदस्यीय टीम मंगलवार को केरल भेजी थी।







बयान में कहा गया है कि जिलाधीश के कार्यालय पर एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है और सरकारी मेडिकल कॉलेज एर्नाकुलम में अलग से एक वार्ड बनाया गया है। 







कालीकट, त्रिशूर और कोट्टायम के मेडिकल कॉलेजों में भी वार्ड बनाए गए हैं। 







बयान में कहा गया है कि पारावूर निवासी कॉलेज छात्र की हालत अब स्थिर है और उसके संपर्क में आए 314 लोगों की नियमित आधार पर निगरानी की जा रही है।







उसके संपर्क में आए पांच लोगों में ऐसे ही लक्षण पाए जाने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है और उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। 


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