नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना ने चीन सीमा के पास अग्रिम एयरबेस पर नाइट ऑपरेशन का संचालन किया. इस संबंध में ग्रुप कैप्टन ए राठी ने बताया कि नाइट ऑपरेशन में आश्चर्य का तत्व निहित होता है. उन्होंने बताया कि वायुसेना आधुनिक प्लेटफार्मों और उत्साहित सैनिकों की मदद से किसी भी वातावरण में ऑपरेशन के पूरे स्पेक्ट्रम का संचालन कर सकती है.
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#WATCH Night operations have inherent element of surprise. IAF is fully trained&ready to undertake entire spectrum of ops in any environment with help of modern platforms&motivated personnel:Group Captain A Rathi, senior fighter pilot at a forward air base near India-China border pic.twitter.com/sCc5tJdz8Q
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राठी ने बताया कि वायुसेना इसके लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित और तैयार है. बता दें कि ग्रुप कैप्टन ए राठी भारत-चीन सीमा के पास फॉरवर्ड एयर बेस में वरिष्ठ लड़ाकू पायलट हैं.
वायुसेना के अपाचे हेलिकॉप्टर से नाइट ऑपरेशन को अंजाम दिया है. भारत-चीन सीमा के पास एक अग्रिम एयरबेस पर हेलिकॉप्टर संचालन किया गया है.
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#WATCH Indian Air Force (IAF) Apache attack helicopter at a forward airbase near India-China border carrying out night operations. pic.twitter.com/Hr5kJbED4Q
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इसके अलावा वायु सेना का मिग -29 लड़ाकू विमान भी भारत-चीन सीमा के पास नाइट ऑपरेशन में भाग लिया.
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#WATCH Indian Air Force's MiG-29 fighter aircraft conducts night operations at a forward airbase near India-China border pic.twitter.com/G9anuDelGZ
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सोमवार देर रात किए गए नाइट ऑपरेशन में चिनूक हेवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर का भी संचालन किया गया.
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#WATCH Indian Air Force (IAF) Chinook heavylift helicopter at a forward airbase near India-China border carrying out night operations. pic.twitter.com/mDBD9dmZpa
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बता दें कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ गया है. हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री के बीच हुई बातचीत के फलस्वरूप दोनों देशों की सेनाओं के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीछे हटने की खबर सामने आई थी.
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पूर्वी लद्दाख का भूगोल
गौरतलब है कि भौगोलिक चुनौतियों के कारण लद्दाख को ऊंचाई पर स्थित 'रेगिस्तान' कहा जाता है और पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र तिब्बती पठार से सटे हुए हैं. पैंगोंग त्सो झील और गैलवान नदी घाटी 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, और हॉट स्प्रिंग का क्षेत्र लगभग 15,500 फीट है. वर्तमान में इन्हीं तीन क्षेत्रों में चीन के साथ तनाव की स्थिति बनी हुई है.
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. देर रात सैन्य सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया था कि चीनी पक्ष में 43 लोग हताहत हुए हैं.
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अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से सामने आई खबरों के मुताबिक गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर समेत 35 लोग भी मारे गए थे.
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