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आईएनएस विक्रांत से हार्ड डिस्क चुराने वालों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल - हार्ड डिस्क चुराने वाले लोगों के खिलाफ आरोपतत्र दाखिल

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएनएस विक्रांत से हार्ड डिस्क चुराने वाले दो लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें सुमित कुमार सिंह और दया राम पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा लगाई गई है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

INS Vikrant
आईएनएस विक्रांत
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Published : Sep 5, 2020, 6:10 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि उसने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन आईएनएस विक्रांत से कंप्यूटर उपकरणों को चोरी करने के मामले में दो लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने शुक्रवार को केरल में विशेष एनआईए अदालत में आरोपपत्र दायर किया, जिसमें सुमित कुमार सिंह और दया राम पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा लगाई गई है.

बीते साल सितंबर में आईएनएस विक्रांत में चोरी का खुलासा हुआ था. केरल पुलिस ने कोचीन शिपयार्ड अधिकारियों की शिकायत के बाद इंडिजेनस एयरक्राफ्ट करियर (आईएसी) में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपराधिक चोरी का मामला दर्ज किया था.

एनआईए ने 26 सितंबर, 2019 को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर जांच को अपने हाथों में ले लिया, क्योंकि इन हार्ड डिस्क में संवेदनशील सुरक्षा जानकारी थी.

प्रवक्ता ने कहा कि नौ महीने की अवधि में कई राज्यों में फैली सावधानीपूर्वक, व्यापक और वैज्ञानिक जांच के बाद, एनआईए ने बिहार के मुंगेर के निवासी सिंह और राजस्थान के हनुमानगढ़ में रहने वाले राम को पकड़ लिया.

अधिकारी ने कहा, 'पूछताछ के बाद उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया.'

एनआईए की एक जांच से पता चला की सुमित कुमार सिंह और दया राम साल 2019 में फरवरी और सितंबर के बीच आईएसी में पेंटिंग के काम के लिए संविदा कर्मचारी के रूप में लगे हुए थे.

अधिकारी ने कहा, 'आईएसी में काम करते समय उन्होंने देखा कि निर्माणाधीन युद्धपोत में कंप्यूटर सिस्टम काम कर रहे थे और उन्होंने उपरकरणों का अवलोकन भी किया. इसके बाद मई 2019 में पैसे की लालच में उन्होंने कंप्यूटर हार्डवेयर उपकरणों की चोरी करने की साजिश रची.'

अधिकारी ने कहा कि, 2019 के जुलाई के दूसरे सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह के दौरान सुमित और दया राम ने आईएसी के उन स्थानों पर हाथ साफ किया, जहां महत्वपूर्ण कंप्यूटर संसाधनों को लगाया गया था और महत्वपूर्ण कंप्यूटर हार्डवेयर को चुरा ले गए.

यह भी पढ़ें- 12 सितंबर से चलेंगी 80 नई स्पेशल ट्रेन, 10 सितंबर से रिजर्वेशन

इसमें डेटा के साथ प्रोसेसर, रैम और एसएसडी शामिल थे. वह यह जानते थे कि उपकरण राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित है और यह स्थान उनके लिए प्रतिबंधित है. सितंबर 2019 के दौरान आरोपी ने चोरी की घटना का पता चलने और मामला दर्ज होने से पहले ही चोरी किए गए प्रोसेसर को पैसों के लिए बेच दिया.

चोरी के बाद सितंबर 2019 के अंत में दोनों ने अपने मूल निवास स्थान जाने के लिए एर्नाकुलम छोड़ दिया और बाकी चोरी की संपत्ति को अपने साथ ले गए. हालांकि उन्हें इस साल 10 जून को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया और उपकरणों को बरामद भी कर लिया.

आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि उसने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन आईएनएस विक्रांत से कंप्यूटर उपकरणों को चोरी करने के मामले में दो लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने शुक्रवार को केरल में विशेष एनआईए अदालत में आरोपपत्र दायर किया, जिसमें सुमित कुमार सिंह और दया राम पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा लगाई गई है.

बीते साल सितंबर में आईएनएस विक्रांत में चोरी का खुलासा हुआ था. केरल पुलिस ने कोचीन शिपयार्ड अधिकारियों की शिकायत के बाद इंडिजेनस एयरक्राफ्ट करियर (आईएसी) में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपराधिक चोरी का मामला दर्ज किया था.

एनआईए ने 26 सितंबर, 2019 को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर जांच को अपने हाथों में ले लिया, क्योंकि इन हार्ड डिस्क में संवेदनशील सुरक्षा जानकारी थी.

प्रवक्ता ने कहा कि नौ महीने की अवधि में कई राज्यों में फैली सावधानीपूर्वक, व्यापक और वैज्ञानिक जांच के बाद, एनआईए ने बिहार के मुंगेर के निवासी सिंह और राजस्थान के हनुमानगढ़ में रहने वाले राम को पकड़ लिया.

अधिकारी ने कहा, 'पूछताछ के बाद उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया.'

एनआईए की एक जांच से पता चला की सुमित कुमार सिंह और दया राम साल 2019 में फरवरी और सितंबर के बीच आईएसी में पेंटिंग के काम के लिए संविदा कर्मचारी के रूप में लगे हुए थे.

अधिकारी ने कहा, 'आईएसी में काम करते समय उन्होंने देखा कि निर्माणाधीन युद्धपोत में कंप्यूटर सिस्टम काम कर रहे थे और उन्होंने उपरकरणों का अवलोकन भी किया. इसके बाद मई 2019 में पैसे की लालच में उन्होंने कंप्यूटर हार्डवेयर उपकरणों की चोरी करने की साजिश रची.'

अधिकारी ने कहा कि, 2019 के जुलाई के दूसरे सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह के दौरान सुमित और दया राम ने आईएसी के उन स्थानों पर हाथ साफ किया, जहां महत्वपूर्ण कंप्यूटर संसाधनों को लगाया गया था और महत्वपूर्ण कंप्यूटर हार्डवेयर को चुरा ले गए.

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इसमें डेटा के साथ प्रोसेसर, रैम और एसएसडी शामिल थे. वह यह जानते थे कि उपकरण राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित है और यह स्थान उनके लिए प्रतिबंधित है. सितंबर 2019 के दौरान आरोपी ने चोरी की घटना का पता चलने और मामला दर्ज होने से पहले ही चोरी किए गए प्रोसेसर को पैसों के लिए बेच दिया.

चोरी के बाद सितंबर 2019 के अंत में दोनों ने अपने मूल निवास स्थान जाने के लिए एर्नाकुलम छोड़ दिया और बाकी चोरी की संपत्ति को अपने साथ ले गए. हालांकि उन्हें इस साल 10 जून को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया और उपकरणों को बरामद भी कर लिया.

आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है.

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