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देश में कोरोना की स्थिति तय करने में अगले तीन महीने निर्णायक : हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले तीन महीने में देश ने कोविड-19 से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है. साथ ही उन्होंने लोगों से आगामी त्योहारों के दौरान और सर्दियों के मौसम में पूरा एहतियात बरतने का अनुरोध किया.केंद्रीय मंत्री ने कहा यह एक सकारात्मक संकेत है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संक्रामक रोग से निपटने के लिए उपयुक्त कदम उठाये जा रहे हैं. लेकिन अगले तीन महीने देश में कोविड-19 की स्थिति को निर्धारित करने में निर्णायक होने जा रहे हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन
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Published : Oct 24, 2020, 9:45 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को निर्धारित करने में अगले तीन महीने निर्णायक होने जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने लोगों से आगामी त्योहारों के दौरान और सर्दियों के मौसम में पूरा एहतियात बरतने का अनुरोध किया.

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या सात लाख से कम है और संक्रमण के मामलों के दुगना होने में लगने वाला समय बढ़ कर 97.2 दिन हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वर्धन ने कोविड-19 को लेकर तैयारियों की उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं मेडिकल शिक्षा मंत्रियों तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की. बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले तीन महीने में देश ने कोविड-19 से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है.

बयान में उनके हवाले से कहा गया है एक दिन में कोविड-19 के 95,000 से अधिक नए मामले सामने आये थे, जो घट कर प्रतिदिन 55,000 से भी कम रह गये हैं. इस रोग से उबरने की दर 90 प्रतिशत के करीब है. इस महामारी से होने वाली मृत्यु की दर (सीएफआर) भी घट रही है. सीएफआर 1.51 प्रतिशत है और यह एक प्रतिशत से भी कम के लक्ष्य की ओर अग्रसर है. देश में कोविड-19 की जांच लिए सिर्फ एक प्रयोगशाला थी, जो अब बढ़ कर करीब 2,000 हो गई है. देशभर में की गई जांच की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा यह एक सकारात्मक संकेत है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संक्रामक रोग से निपटने के लिए उपयुक्त कदम उठाये जा रहे हैं. लेकिन अगले तीन महीने देश में कोविड-19 की स्थिति को निर्धारित करने में निर्णायक होने जा रहे हैं. यदि हमनें आने वाले त्योहारों के दौरान और सर्दियों के मौसम में पर्याप्त एहतियात बरता और कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन किया, तो हम कोरोना वायरस का मुकाबला करने में बेहतर स्थिति में होंगे.

उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि अधिकतम जोर सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, हाथ स्वच्छ रखने तथा छींकते या खांसते समय नाक-मुंह ढंकने सहित सामान्य एहतियाती उपायों पर जोर दिया जाए, जो काफी हद तक संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये कारगर उपाय हैं.वर्धन ने उन जिलों के अधिकारियों से भी बात की, जहां कोविड-19 के नए मामले सामने आये हैं या इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है.बयान के मुताबिक मंत्री ने कहा कि आज की तारीख में उत्तर प्रदेश में (कोरोना से) मृत्यु दर 1.46 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से कम है. इस रोग से राज्य में उबरने की दर (92.2 प्रतिशत) भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है.

पढ़ें : भारत को अगले कुछ महीनों में कोरोना का टीका मिलने की उम्मीद

उन्होंने देश के उत्तरी हिस्से के राज्यों में जांच, निगरानी, संपर्क में आये लोगों का पता लगाने तथा समय रहते संक्रमण का पता लगाने पर जोर दिया, ताकि इस महामारी से होने वाली मृत्यु की दर को कम रखा जा सके.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को निर्धारित करने में अगले तीन महीने निर्णायक होने जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने लोगों से आगामी त्योहारों के दौरान और सर्दियों के मौसम में पूरा एहतियात बरतने का अनुरोध किया.

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या सात लाख से कम है और संक्रमण के मामलों के दुगना होने में लगने वाला समय बढ़ कर 97.2 दिन हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वर्धन ने कोविड-19 को लेकर तैयारियों की उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं मेडिकल शिक्षा मंत्रियों तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की. बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले तीन महीने में देश ने कोविड-19 से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है.

बयान में उनके हवाले से कहा गया है एक दिन में कोविड-19 के 95,000 से अधिक नए मामले सामने आये थे, जो घट कर प्रतिदिन 55,000 से भी कम रह गये हैं. इस रोग से उबरने की दर 90 प्रतिशत के करीब है. इस महामारी से होने वाली मृत्यु की दर (सीएफआर) भी घट रही है. सीएफआर 1.51 प्रतिशत है और यह एक प्रतिशत से भी कम के लक्ष्य की ओर अग्रसर है. देश में कोविड-19 की जांच लिए सिर्फ एक प्रयोगशाला थी, जो अब बढ़ कर करीब 2,000 हो गई है. देशभर में की गई जांच की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा यह एक सकारात्मक संकेत है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संक्रामक रोग से निपटने के लिए उपयुक्त कदम उठाये जा रहे हैं. लेकिन अगले तीन महीने देश में कोविड-19 की स्थिति को निर्धारित करने में निर्णायक होने जा रहे हैं. यदि हमनें आने वाले त्योहारों के दौरान और सर्दियों के मौसम में पर्याप्त एहतियात बरता और कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन किया, तो हम कोरोना वायरस का मुकाबला करने में बेहतर स्थिति में होंगे.

उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि अधिकतम जोर सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, हाथ स्वच्छ रखने तथा छींकते या खांसते समय नाक-मुंह ढंकने सहित सामान्य एहतियाती उपायों पर जोर दिया जाए, जो काफी हद तक संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये कारगर उपाय हैं.वर्धन ने उन जिलों के अधिकारियों से भी बात की, जहां कोविड-19 के नए मामले सामने आये हैं या इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है.बयान के मुताबिक मंत्री ने कहा कि आज की तारीख में उत्तर प्रदेश में (कोरोना से) मृत्यु दर 1.46 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से कम है. इस रोग से राज्य में उबरने की दर (92.2 प्रतिशत) भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है.

पढ़ें : भारत को अगले कुछ महीनों में कोरोना का टीका मिलने की उम्मीद

उन्होंने देश के उत्तरी हिस्से के राज्यों में जांच, निगरानी, संपर्क में आये लोगों का पता लगाने तथा समय रहते संक्रमण का पता लगाने पर जोर दिया, ताकि इस महामारी से होने वाली मृत्यु की दर को कम रखा जा सके.

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