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बंगाल में एनआरसी को कभी लागू नहीं होने देंगे : ममता बनर्जी

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को असम की तर्ज पर पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) लागू करने की बात कही, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि वह राज्य में एनआरसी को कभी लागू नहीं होने देंगी.

ममता बनर्जी
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Published : Nov 20, 2019, 10:07 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:02 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बार फिर विवादास्पद एनआरसी मुद्दे पर केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि इसे कभी राज्य में लागू नहीं होने देंगे.

गृह मंत्री अमित शाह के बुधवार को असम की तर्ज पर पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) तैयार करने की कवायद किये जाने के बयान के बाद बनर्जी ने यह टिप्पणी की है.

ममता ने असम में एनआरसी को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए असम समझौते के तहत बताते हुए कहा कि इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता.

मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी में जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, 'कुछ लोग ऐसे हैं, जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे.'

ममता ने कहा, 'कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता. आप इस देश के नागरिक हैं और हमेशा रहेंगे। धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा.'

इसे धर्म के नाम पर बंटवारे की कोशिश करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि बंगाल को साम्प्रदायिक आधार पर बांटना आसान है तो वह इंसान गलतफहमी में जी रहा है.

पढ़ें- बंगाल : ममता बनर्जी ने आतंकी हमले में मारे गए मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की

गौरतलब है कि बांग्लादेश के साथ बंगाल एक लंबी सीमा साझा करता है और राज्य की लगभग 30 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है.

असम में एनआरसी की अंतिम सूची में 19.6 लाख लोगों के नाम नहीं आने के बाद बंगाल में प्रस्तावित एनआरसी से लोगों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया, जिसमें 11 लोगों की जान चली गयी.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बार फिर विवादास्पद एनआरसी मुद्दे पर केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि इसे कभी राज्य में लागू नहीं होने देंगे.

गृह मंत्री अमित शाह के बुधवार को असम की तर्ज पर पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) तैयार करने की कवायद किये जाने के बयान के बाद बनर्जी ने यह टिप्पणी की है.

ममता ने असम में एनआरसी को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए असम समझौते के तहत बताते हुए कहा कि इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता.

मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी में जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, 'कुछ लोग ऐसे हैं, जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे.'

ममता ने कहा, 'कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता. आप इस देश के नागरिक हैं और हमेशा रहेंगे। धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा.'

इसे धर्म के नाम पर बंटवारे की कोशिश करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि बंगाल को साम्प्रदायिक आधार पर बांटना आसान है तो वह इंसान गलतफहमी में जी रहा है.

पढ़ें- बंगाल : ममता बनर्जी ने आतंकी हमले में मारे गए मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की

गौरतलब है कि बांग्लादेश के साथ बंगाल एक लंबी सीमा साझा करता है और राज्य की लगभग 30 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है.

असम में एनआरसी की अंतिम सूची में 19.6 लाख लोगों के नाम नहीं आने के बाद बंगाल में प्रस्तावित एनआरसी से लोगों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया, जिसमें 11 लोगों की जान चली गयी.

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बंगाल में एनआरसी को कभी लागू नहीं होने देंगे : ममता बनर्जी



सागरदिघी (पश्चिम बंगाल), 20 नवम्बर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बार फिर विवादास्पद एनआरसी मुद्दे पर केन्द्र पर हमला बोलते हुए कहा कि इसे कभी राज्य में लागू नहीं होने देंगे।

गृह मंत्री अमित शाह के बुधवार को असम की तर्ज पर पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) तैयार करने की कवायद किए जाने के बयान के बाद बनर्जी ने यह टिप्पणी की है।

बनर्जी ने असम में एनआरसी को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए असम समझौते के तहत बताते हुए कहा कि इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता।

मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता है। आप इस देश के नागरिक हैं और हमेशा रहेंगे। धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा।’’

इसे धर्म के नाम पर बंटवारे की कोशिश करार देते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि बंगाल को सांप्रदायिक आधार पर बांटना आसान है तो वह इंसान गलतफहमी में जी रहा है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश के साथ बंगाल एक लंबी सीमा साझा करता हैं और राज्य की लगभग 30 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है।

असम में एनआरसी की अंतिम सूची में 19.6 लाख लोगों के नाम नहीं आने के बाद बंगाल में प्रस्तावित एनआरसी से लोगों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई।


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Last Updated : Nov 20, 2019, 11:02 PM IST
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