नई दिल्ली : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) में 100 से ज्यादा महिला आपदा सैनिकों को शामिल किया गया है. अभी बचाव कार्य में पुरुष जांबाज ही मोर्चा संभालते थे, लेकिन अब महिलाएं भी उनके साथ डटेंगीं.
एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ में सौ से अधिक महिला लड़ाकों एवं बचावकर्मियों के पहले जत्थे को शामिल किया गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की प्रशिक्षित महिलाओं की पहली टीम को हाल में उत्तरप्रदेश के गढ़ मुक्तेश्वर शहर में गंगा नदी के किनारे आपात सेवाओं में तैनात किया गया.
एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने एक साक्षात्कार में बताया कि 'महिलाओं की पहली बचाव टीम तैनात है. हाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने एनडीआरएफ की एक टीम भेजने का आग्रह किया था और वे (महिलाएं) वहां (गढ़ मुक्तेश्वर) गईं. टीम बचाव नौकाओं एवं संबंधित उपकरणों का संचालन करती है.' उन्होंने कहा, 'इन कर्मियों के पास बचावकर्मी कहे जाने वाले सभी कौशल हैं.'
देश भर के बटालियनों में तैनात किया जाएगा
करीब एक दशक पहले तैयार इस बल में अभी तक सभी पुरुष कर्मी थे. एनडीआरएफ में महिला कर्मियों को शामिल करने की पहल पिछले कुछ समय से चल रही थी. महानिदेशक ने कहा कि एनडीआरएफ में पिछले कुछ महीने में सौ से अधिक महिला कर्मी शामिल हुई हैं और उन्हें देश भर के बटालियनों में तैनात किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में महिला कर्मियों की संख्या 200 हो सकती है.
उन्होंने बताया कि जो महिला कर्मी शामिल हो रही हैं, वे कॉन्स्टेबल और सब-ऑफिसर (सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर) रैंक की हैं. मंजूरी के मुताबिक एक हजार से अधिक कर्मियों वाले एनडीआरएफ की प्रत्येक बटालियन में 108 महिला बचावकर्मी हो सकती हैं.
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एनडीआरएफ की विभिन्न राज्यों में 12 ऑपरेशनल बटालियन हैं. यह एक विशेष इकाई है जिसे 2006 में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं या जानलेवा स्थितियों के दौरान राहत और बचाव के विशिष्ट कार्यों के लिए बनाया गया था.
(पीटीआई-भाषा)