भोपाल : राष्ट्रीय महिला आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री इमरती देवी के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से कथित तौर पर आइटम वाली टिप्प्णी किए जाने के मामले में सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर जरूरी कार्रवाई की मांग की. आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस मामले में कमलनाथ से जवाब मांगा गया है.
महिला आयोग के मुताबिक, इस मामले में जरूरी कार्रवाई के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया है. इससे पहले, महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था कि आयोग कमलनाथ को नोटिस भेज रहा है और चुनाव आयोग को भी पत्र लिख रहा है.
कमलनाथ ने अपने बयान के बचाव में सोमवार को कहा, 'मैंने कुछ कहा, यह किसी का अपमान करने के लिए नहीं था ... मुझे सिर्फ (व्यक्ति का) नाम याद नहीं था...' कमलनाथ ने अपने हाथ में पकड़ी सूची दिखाते हुए कहा कि इसमें आइटम नंबर 1, आइटम नंबर 2 लिखा होता है. उन्होंने कहा, क्या यह अपमान है.
बकौल कमलनाथ, 'शिवराज बहाने ढूंढ रहे हैं, कमलनाथ किसी का अपमान नहीं करता, मैं आपको केवल सच्चाई से अवगत कराउंगा.'
गौरतलब है कि सोमवार को भाजपा जहां कमलनाथ के बयान के के विरोध में मौन व्रत कर रही है, तो वहीं कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया की असंवेदनशीलता पर सवाल उठा रही है. रविवार को कमलनाथ ने जहां इमरती देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी तो वहीं खंडवा में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा में एक किसान की मौत हो गई थी. किसान को श्रद्धांजलि तो दी गई, लेकिन सभा चलती रही.
इन दोनों मामले में टिप्पणी करते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बीजेपी की संगत का असर होने की बात कहते हुए असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा बताया. तो वहीं इमरती देवी पर टिप्पणी को लेकर मौन व्रत कर रही बीजेपी से पूछा है कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी के समय भी बीजेपी मौन थी, वह किस परिपेक्ष्य में था.
सिंधिया पर हुआ संगत का असर
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है 'कि मैं इतना ही कहूंगा कि यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है. हमें सिंधिया से उम्मीद नहीं थी. राजनीति अपनी जगह है, लेकिन मानवता अपनी जगह है. जब मालूम पड़ गया कि उनकी सभा में आए जीवन सिंह का देहांत हो गया है तो उसी वक्त सभा को ख्त्म करना था और उसके परिवार को सांत्वना देने सिंधिया को घर जाना चाहिए था, लगता है कि संगत का असर हुआ है.'
इमरती देवी पर कमलनाथ की टिप्पणी और उसके विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और भाजपा के धरने पर चर्चा करते हुए सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि आश्चर्य की बात है. मैं नहीं जानता कि कमलनाथ ने किस संदर्भ में यह बात कही, लेकिन आज (सोमवार) को जो नौटंकी भाजपा कर रही है, उसकी क्या जरूरत थी, मैं नहीं जानता, लेकिन ग्वालियर से 250 किलोमीटर यूपी में हाथरस एक जगह है, जहां एक दलित युवती का न सिर्फ बलात्कार हुआ, बल्कि भाजपा सरकार की पुलिस ने दलित परिवार को उसका शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं दिया. तब उनका मौन किस परिप्रेक्ष्य में था. उस समय एक भी शब्द बीजेपी के किसी नेता का नहीं निकला.
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भाजपा दुष्कर्मियों का समर्थन क्यों कर रही है?
सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी क्रिकेटर की उंगली फ्रैक्चर हो जाती है तो पीएम मोदी ट्वीट करते हैं, लेकिन उस दलित युवती के साथ बलात्कार हुआ, एफआईआर नहीं हुई. उसको झूठा साबित करने फॉरेंसिक रिपोर्ट एक सप्ताह के बाद के सैंपल के आधार पर दी गई. तब बीजेपी क्यों मौन थी. भाजपा दुष्कर्मियों का समर्थन क्यों कर रही है. हाथरस के बीजेपी विधायक ने खुलेआम बलात्कारियों का समर्थन क्यों किया? इस पर शिवराज, मध्य प्रदेश बीजेपी और सिंधिया क्यों चुप रहे ? यह नाटक-नौटंकी छोड़ो.
'घबराकर मामा घुटने टेक रहे हैं'
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जनता सब बात जान चुकी है और घबराई हुई भाजपा को समझ में आने लगा है कि पूरे प्रदेश की जनता समझ चुकी है. कमलनाथ के समर्थन में सहानुभूति और लहर है. मैंने 1977 का चुनाव लड़ा था, उस समय जनता पार्टी की लहर थी. कांग्रेस के लोगों को गांव में घुसने नहीं देते थे. आज वही माहौल कांग्रेस और कमलनाथ के पक्ष में है. उससे घबराकर मामा ( शिवराज सिंह) घुटने टेक रहे हैं. कहीं उम्मीदवार लेट और लोट रहे हैं. यहां तक कि एक मंत्रीजी ने पहले मुख्यमंत्री को दंडवत किया, लेकिन दोबारा उन्हें दंडवत कराया गया, ताकि उनकी फोटो खींच सकें. यह नाटक नौंटकी बंद करें.