ETV Bharat / bharat

श्रमिकों के बच्चों की देखभाल की व्यवस्था करें स्थानीय प्रशासन : एनसीपीसीआर - लॉकडाउन श्रमिकों के बच्चे

एनसीपीसीआर ने प्रवासी कामगारों के पैदल पलायन का हवाला देते हुए मजदूरों एवं गरीबों के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही. इसे लेकर एनसीपीसीआर ने राज्यों को एक परामर्श भी जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर...

-NCPCR on children of workers
कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Mar 28, 2020, 6:02 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आज राज्यों को परामर्श जारी कर कहा कि वह लॉकडाउन (बंद) के दौरान अपने परिजनों के साथ जा रहे मजदूरों एवं गरीबों के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

इस संबंध में आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों एवं राज्य बाल आयोगों को ईमेल भेजकर परामर्श जारी किया है.

कानूनगो ने परामर्श में यह भी कहा कि सभी बेसहारा बच्चों और बाल गृहों में रहने वाले बच्चों के लिए खाने-पीने और चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाए.

ये भी पढ़ें : राष्ट्रीय बंदी- कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम जारी

उन्होंने इन दिनों प्रवासी कामगारों के पैदल पलायन का हवाला देते हुए कहा, 'श्रमिकों के बच्चों के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से खाने-पीने, रहने और चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई जाए. इसकी निगरानी जिला अधिकारी के स्तर से होनी चाहिए.'

इसके अलावा आयोग ने यह भी कहा कि सभी इलाकों में 'चाइल्डलाइन' सेवा को सक्रिय रखा जाए ताकि हर जरूरतमंद बच्चे की मदद हो सके.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आज राज्यों को परामर्श जारी कर कहा कि वह लॉकडाउन (बंद) के दौरान अपने परिजनों के साथ जा रहे मजदूरों एवं गरीबों के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

इस संबंध में आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों एवं राज्य बाल आयोगों को ईमेल भेजकर परामर्श जारी किया है.

कानूनगो ने परामर्श में यह भी कहा कि सभी बेसहारा बच्चों और बाल गृहों में रहने वाले बच्चों के लिए खाने-पीने और चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाए.

ये भी पढ़ें : राष्ट्रीय बंदी- कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम जारी

उन्होंने इन दिनों प्रवासी कामगारों के पैदल पलायन का हवाला देते हुए कहा, 'श्रमिकों के बच्चों के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से खाने-पीने, रहने और चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई जाए. इसकी निगरानी जिला अधिकारी के स्तर से होनी चाहिए.'

इसके अलावा आयोग ने यह भी कहा कि सभी इलाकों में 'चाइल्डलाइन' सेवा को सक्रिय रखा जाए ताकि हर जरूरतमंद बच्चे की मदद हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.