रायपुर : छत्तीसगढ़ में शनिवार को सुकमा में हुए नक्सली हमले में 17 जवान शहीद हो गए हैं. नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर पीछे से फायरिंग की थी. आज ड्रोन की मदद से दो जवानों के शव देखे गए. घटना के 30 घंटे के बाद भी जवानों के शव कैंप में नहीं लाए जा सके हैं.
शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को देर रात पोस्टमार्टम के बाद पुलिस के आला अधिकारियों की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. इसके बाद सभी को श्रद्धांजलि देते हुए अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव भेज दिया जाएगा.
इस हमले में पहले 17 जवानों के लापता होने की जानकारी मिली थी. आज लापता 17 जवानों में तीन को सर्चिंग पार्टी ने ढूंढ निकाला, जिसके बाद सारे लापता जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई है.
घटना में घायल 14 जवानों को एयरलिफ्ट कर राजधानी रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ शनिवार दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर शुरू हुई थी. मुठभेड़ में शामिल डीआरजी के एक जवान ने मुठभेड़ की पुष्टि की थी.
चिंतागुफा के मीनपा के जंगलों में नक्सली कमांडर हीड़मा के कैंप करने की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ पुलिस के 250 से 300 जवान इलाके में ऑपरेशन के लिए निकले थे. इसमें DRG और STF के जवान शामिल थे. ऑपरेशन के बाद चिंतागुफा कैंप लौटते वक्त 12 बजकर 40 मिनट पर मीनपा और बुर्कापाल के बीच जवानों पर नक्सलियों ने छिपकर फायरिंग कर दी.
बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए थे नक्सली
घटना के दौरान मौजूद जवान के मुताबिक नक्सली बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए थे और हेलमेट लगाए हुए थे. बताया जा रहा है कि नक्सलियों का सरगना हिड़मा, विनोद और देवा इस एनकाउंटर में शामिल थे.
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रायपुर लाए गए घायल जवान
दोपहर से चल रहे इस एनकाउंटर में जवानों को रेस्क्यू करने आई टीम सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन की टीम पर भी नक्सलियों ने हमला कर दिया. नक्सलियों और जवानों के बीच रात नौ बजे तक फायरिंग चली. अब तक सभी जवानों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है.