सोलन : कोरोना के चलते इस बार हर व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ा है. ऐसे में किसानों को उनकी फसल के बारे में जानकारी देने वाली नौणी यूनिवर्सिटी पर भी इसका असर देखने को मिला है.
सोलन में स्थित नौणी विश्वविद्यालय किसानों को बेहतरीन फसल उगाने के लिए उन्हें जागरूक करता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण शिविर नहीं लगा पाया. उन्होंने किसानों को जागरूक करने और फसलों की सही जानकारी देने के लिए नौणी विश्वविद्यालय ने नायाब तरीका अपनाया है.
फेसबुक पेज बनाकर दी जा रही जानकारी
कोविड-19 के बीच भी नौणी यूनिवर्सिटी की ओर से देश भर के लाखों किसानों-बागवानों को जागरूक किया जा रहा है. नौणी यूनिवर्सिटी ने किसानों के लिए फेसबुक पेज बनाया और अब अलग-अलग वीडियो तैयार कर इन्हें पेज पर डाला जा रहा है. अबतक फेसबुक पर करीब 6 लाख किसान प्रशिक्षण हासिल कर रहें है.
यूएचएफ किसान सेवा फेसबुक पेज पर दी जा रही जानकारी
यह वीडियो यू-ट्यूब पर भी डाली गई हैं, जिससे यूएचएफ किसान सेवा फेसबुक पेज प्रदेश के साथ-साथ देशभर में लोकप्रिय हो गया है. इस पेज पर केवल खेती, बागवानी, एडवायजरी संबंधित वीडियो ही अपलोड किए जा रहे हैं, जिनकी पहुंच लाखों लोगों तक है. इन वीडियोज को हजारों लाइक और काफी अधिक शेयर मिल रहे हैं.
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यूट्यूब के माध्यम से प्रशिक्षण
नौणी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने बताया कि इन वीडियो में सभी जानकारी प्रयोगात्मक रूप से दी जाती है, जिससे किसानों व बागवानों को इसे समझने में परेशानी न हो. अभी गेंदे की खेती को लेकर वीडियो तैयार की जा रही है. प्रशिक्षण में जहां हर बार कुछ ही किसानों को प्रशिक्षण दे पाते थे, लेकिन फेसबुक पेज और यू ट्यूब पर वीडियो शेयर होने से किसान इसे कभी भी देख सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं. यही नहीं लोग अपने सवाल भी इसी मंच पर पूछकर उसका जवाब पा सकते हैं.
इस विषय में भी दी जा रही जानकारियां
नौणी यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों ने किसानों और बागवानों के लिए किवी की तोड़ने का सही समय, अदरक के स्वस्थ कंदों का उत्पादन, पेस्टीसाइड का सुरक्षित इस्तेमाल, टमाटर, शिमला मिर्च, बीन, घीया, खीरा, मेडिसिनल प्लांट की खेती, हरड़ की खेती से संबंधित ज्ञानवर्धक वीडियो तैयार किए हैं.
नौणी विवि के वीसी डॉ. परविंदर कौशल ने बताया कि कोविड-19 के दौरान किसानों और बागवानों के साथ विवि का संपर्क नहीं हो पा रहा था. विवि के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी लॉकडाउन के कारण बंद थे. ऐसे में विवि के विस्तार शिक्षा निदेशालय ने किसानों और बागवानों से संपर्क के लिए यह तरीका निकाला.
इन देशों के युवा किसान भी ले रहे हैं जानकारी
भारत समेत नेपाल, पाकिस्तान, यूएस, यूके, सऊदी अरब, यूएई, बांग्लादेश, ग्रीस, भूटान, ऑस्ट्रेलिया कनाडा, अल्जीरिया, वियतनाम और कुवैत जैसे देशों के युवा किसान भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं, जिसमें अधिकतर 25 से 40 वर्ष के युवा किसान शामिल हैं.