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नासा ने 66 नए एक्सोप्लैनेट्स खोजे, पृथ्वी जैसा ग्रह भी मिला

यूएसए एजेंसी ने कहा कि अपने दो साल लंबे मिशन में नासा के ग्रह खोजी टीईएसएस ने हमारे सौर मंडल से परे 66 नए एक्सोप्लैनेट्स खोजे. मिशन की नवीनतम ग्रहों की खोजों में पृथ्वी के आकार का पहला ग्रह खोजा गया है, जिसका नाम TOI 700 d है.

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Published : Aug 13, 2020, 3:32 PM IST

66 नए एक्सोप्लैनेट्स खोजे
66 नए एक्सोप्लैनेट्स खोजे

वाशिंगटन: यूएसए एजेंसी ने कहा कि अपने दो साल लंबे मिशन में नासा के ग्रह खोजी टीईएसएस ने हमारे सौर मंडल से परे 66 नए एक्सोप्लैनेट्स खोजे. साथ ही लगभग 2,100 खगोलविद इसकी पुष्टि करने का काम कर रहे हैं.

नासा ने कहा कि टीईएसएस, जिसका पूरा नाम ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट है, ने लगभग 75 प्रतिशत आकाशगंगा का स्कैन किया.

मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में टीएईएस के परियोजना वैज्ञानिक पेट्रीसिया बॉयड ने कहा कि टीईएसएस अच्छे परिणाम दे रहा है. जो विज्ञान विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है.

टीईएसएस ने अपने चार कैमरों का उपयोग करके लगभग एक महीने तक आकाश की निगरानी की.

इस मिशन के पहले साल में दक्षिणी आकाश के 13 सेक्टर को देखने में बिताया और फिर उत्तरी आकाश की इमेजिंग फोटो भेजते हुए एक और साल बिताया.

नासा ने कहा कि अब अपने विस्तारित मिशन में टीईएसएस ने दक्षिण आकाश का रुख किया है.

टीईएसएस का विस्तारित मिशन सितंबर 2022 में पूरा हो जाएगा.

दक्षिणी आकाश में एक साल बिताने के बाद टीईएसएस को उत्तर में अतिरिक्त डेटा को एकत्र करने और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा के समीप के क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के लिए और 15 महीने का समय लगेगा.

मिशन की नवीनतम ग्रहों की खोजों में पृथ्वी के आकार का पहला ग्रह खोजा गया है, जिसका नाम TOI 700 d है और यह अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र में स्थित है.

टीईएसएस ने एक नवनिर्मित ग्रह का पता लगाया और नेप्च्यून के आकार के ग्रह को दो सूर्य की परिक्रमा करते हुए पाया.

अपनी ग्रह संबंधी खोजों के अलावा, टीईएसएस ने हमारे सौर मंडल में धूमकेतु के प्रकोप के साथ-साथ कई विस्फोटक सितारों का भी अवलोकन किया है.

नासा ने कहा कि इससे भी ज्यादा उल्लेखनीय बात यह है कि टीईएसएस ने एक दूर की आकाशगंगा में एक ब्लैक होल को देखा जिसमें सूर्य जैसा तारा था.

यह भी पढें - अमेरिकी उपराष्ट्रपति चुनाव : कौन हैं कमला हैरिस और क्या है भारत से उनका नाता, जानें

वाशिंगटन: यूएसए एजेंसी ने कहा कि अपने दो साल लंबे मिशन में नासा के ग्रह खोजी टीईएसएस ने हमारे सौर मंडल से परे 66 नए एक्सोप्लैनेट्स खोजे. साथ ही लगभग 2,100 खगोलविद इसकी पुष्टि करने का काम कर रहे हैं.

नासा ने कहा कि टीईएसएस, जिसका पूरा नाम ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट है, ने लगभग 75 प्रतिशत आकाशगंगा का स्कैन किया.

मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में टीएईएस के परियोजना वैज्ञानिक पेट्रीसिया बॉयड ने कहा कि टीईएसएस अच्छे परिणाम दे रहा है. जो विज्ञान विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है.

टीईएसएस ने अपने चार कैमरों का उपयोग करके लगभग एक महीने तक आकाश की निगरानी की.

इस मिशन के पहले साल में दक्षिणी आकाश के 13 सेक्टर को देखने में बिताया और फिर उत्तरी आकाश की इमेजिंग फोटो भेजते हुए एक और साल बिताया.

नासा ने कहा कि अब अपने विस्तारित मिशन में टीईएसएस ने दक्षिण आकाश का रुख किया है.

टीईएसएस का विस्तारित मिशन सितंबर 2022 में पूरा हो जाएगा.

दक्षिणी आकाश में एक साल बिताने के बाद टीईएसएस को उत्तर में अतिरिक्त डेटा को एकत्र करने और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा के समीप के क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के लिए और 15 महीने का समय लगेगा.

मिशन की नवीनतम ग्रहों की खोजों में पृथ्वी के आकार का पहला ग्रह खोजा गया है, जिसका नाम TOI 700 d है और यह अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र में स्थित है.

टीईएसएस ने एक नवनिर्मित ग्रह का पता लगाया और नेप्च्यून के आकार के ग्रह को दो सूर्य की परिक्रमा करते हुए पाया.

अपनी ग्रह संबंधी खोजों के अलावा, टीईएसएस ने हमारे सौर मंडल में धूमकेतु के प्रकोप के साथ-साथ कई विस्फोटक सितारों का भी अवलोकन किया है.

नासा ने कहा कि इससे भी ज्यादा उल्लेखनीय बात यह है कि टीईएसएस ने एक दूर की आकाशगंगा में एक ब्लैक होल को देखा जिसमें सूर्य जैसा तारा था.

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