नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान आंदोलन पर सरकार का पक्ष रखा, लेकिन इस पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई, जिसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में प्रकाशित खबर के हवाले से सवाल खड़े किए.
दिल्ली दंगों के आरोपी को लेकर सवाल
तोमर ने किसानों से प्रदर्शन समाप्त करने की अपील की और कहा कि अखबार में छपी तस्वीर क्या प्रदर्शित करती है. उन्होंने दिल्ली दंगों के आरोपियों की रिहाई की मांग को लेकर किसान यूनियन के नेताओं से सवाल किया. उन्होंने कहा कि इससे बचना चाहिए. यह किसान आंदोलन को बिखेरने की कार्रवाई है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, प्रस्ताव उनके (किसानों) पास है, उन लोगों की टिप्पणी अब तक हमारे पास नहीं आई है. मीडिया के माध्यम से पता चलता है कि उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. अभी उनकी तरफ से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया है, जैसे ही प्रस्ताव आएगा हम बातचीत के लिए तैयार हैं.
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तोमर ने कहा, किसान आंदोलन के दौरान यूनियन के साथ छह दौर की बातचीत हुई. सरकार का लगातार आग्रह था कि कानून के वो कौन से प्रावधान हैं जिन पर किसान को आपत्ति है, कई दौर की बातचीत में ये संभव नहीं हो सका.
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर किसानों के आंदोलन को लेकर वीडियो ट्वीट किया था. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि किसानों की मांगों को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की विस्तार से की गई बातें जरूर सुनें.
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मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें-https://t.co/B9GwPf5i3K
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— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2020
बता दें कि पिछले 26 नवंबर से ही किसान आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली हरियाणा सीमा पर सिंघु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में जुटे किसान लगातार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.