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चुनाव खत्म होते ही बंद भी हो जाएगा नमो टीवी- सुरेश बाफना

चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियां अपना अपना प्रचार करने के लिए लेती हैं विभिमन्न माध्यमों का सहारा.कि चुनाव खत्म होते ही बंद भी हो जाएगा नमो टीवी.

राजनीतिक विशेषज्ञ सुरेश बाफना
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Published : Apr 5, 2019, 12:14 AM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित किए जा रहे नमो टीवी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस मामले में जवाब मांगा है.

इसी मामले पर राजनीतिक विशेषज्ञ सुरेश बाफना ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि नमो टीवी सेटेलाइट के माध्यम से विज्ञापन के स्वरूप में प्रसारित किया जाने वाला चुनावी चैनल है जो कि चुनाव खत्म होते ही बंद भी हो जाएगा.

ईटीवी भारत के संवाददाता से बात करते सुरेश बाफना

सुरेश बाफना ने कहा की चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियां अपना अपना प्रचार करती हैं जिसके लिए वह विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करती हैं ताकि वह अपनी बात जनता तक पहुंचा सकें. नमो टीवी भी इसी तरह काम कर रहा है, इस तरीके का प्रसारण अन्य पार्टियों द्वारा भी किया जा सकता है. इसमें किसी भी तरीके की आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात सामने नहीं आती है.

पढ़ें-NAMO टीवी मामला: आयोग ने केन्द्र से जानकारी मांगी, कांग्रेस का लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप

उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा बार बार आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कहा कि चुनाव आयोग उल्लंघन करने वालों को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता लेकिन आयोग के पास इतना अधिकार है कि वह नेताओं द्वारा की गई गलत बातों को जनता तक पहुंचा सके.

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान यदि किसी ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌प्रत्याशी पर आपराधिक कार्य करने का आरोप लगता है तो ऐसी स्थिति में हमारे देश के संविधान में ऐसे कानून भी हैं जिससे उनको दंड दिया जा सके.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित किए जा रहे नमो टीवी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस मामले में जवाब मांगा है.

इसी मामले पर राजनीतिक विशेषज्ञ सुरेश बाफना ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि नमो टीवी सेटेलाइट के माध्यम से विज्ञापन के स्वरूप में प्रसारित किया जाने वाला चुनावी चैनल है जो कि चुनाव खत्म होते ही बंद भी हो जाएगा.

ईटीवी भारत के संवाददाता से बात करते सुरेश बाफना

सुरेश बाफना ने कहा की चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियां अपना अपना प्रचार करती हैं जिसके लिए वह विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करती हैं ताकि वह अपनी बात जनता तक पहुंचा सकें. नमो टीवी भी इसी तरह काम कर रहा है, इस तरीके का प्रसारण अन्य पार्टियों द्वारा भी किया जा सकता है. इसमें किसी भी तरीके की आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात सामने नहीं आती है.

पढ़ें-NAMO टीवी मामला: आयोग ने केन्द्र से जानकारी मांगी, कांग्रेस का लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप

उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा बार बार आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कहा कि चुनाव आयोग उल्लंघन करने वालों को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता लेकिन आयोग के पास इतना अधिकार है कि वह नेताओं द्वारा की गई गलत बातों को जनता तक पहुंचा सके.

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान यदि किसी ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌प्रत्याशी पर आपराधिक कार्य करने का आरोप लगता है तो ऐसी स्थिति में हमारे देश के संविधान में ऐसे कानून भी हैं जिससे उनको दंड दिया जा सके.

Intro:नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित किए जा रहे नमो टीवी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस मामले में जवाब मांगा है। इस सिलसिले में ईटीवी भारत से बात करते हुए राजनीतिक विशेषज्ञ सुरेश बाफना ने कहा कि या सेटेलाइट के माध्यम से चलने वाला एक विज्ञापन के स्वरूप में प्रसारित किया जाने वाला चुनावी चैनल है जो कि चुनाव खत्म होते ही बंद भी हो जाएगा।




Body:
सुरेश बाफना ने कहा की चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियां अपना प्रचार करती हैं जिसके लिए वह विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करती हैं जिसके जरिए वह अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए कोशिश करती हैं। नमो टीवी भी इसी तरह काम कर रहा है, इस तरीके का प्रसारण अन्य पार्टियों द्वारा भी किया जा सकता है इसमें किसी भी तरीके की आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात सामने नहीं आती है।


Conclusion:ईटीवी भारत ने सुरेश बाफना से पूछा कि चुनाव आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को राजनीतिक पार्टियां गम्भीरता से नहीं लेती हैं और और बार-बार आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं, इसपर अपना विचार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर चुनाव आयोग उनको चुनाव लड़ने से तोड़ नहीं रोक सकता लेकिन आयोग के पास इतना अधिकार है कि वह नेताओं द्वारा की गई गलत बातों को जनता तक पहुंचा सके। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान यदि किसी ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌प्रत्याशी पर अपराधिक कार्य करने का आरोप लगता है तो ऐसी स्थिति में हमारे देश के संविधान के संविधान में ऐसे कानून भी हैं जिससे उनको दंड दिया जा सके।
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