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कश्मीर के मुद्दे पर जमकर बरसे जेपी नड्डा, कहा- अनुच्छेद 370 नेहरू की देन

चुनावी माहौल में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा चंडीगढ़ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे. यहां अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर उन्होंने जमकर विपक्ष को घेरा. पढ़ें पूरी खबर...

जेपी नड्डा
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Published : Oct 1, 2019, 12:08 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 4:52 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. सभी पार्टियों ने अपने दौरे तेज कर दिए हैं. चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे. चंडीगढ़ में बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

विपक्ष पर जमकर बरसे जेपी नड्डा
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने अनुच्छेद 370 का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का जन्म नेहरू की जीत की वजह से हुआ था. नेहरू और शेख अब्दुल्लाह अच्छे दोस्त थे और नेहरु किसी भी तरीके से शेख अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर में स्थापित करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की जिद ठान ली थी. नेहरु चाहते थे कि ये काम शेख अब्दुल्लाह के हाथों से हो ताकि शेख अब्दुल्लाह जम्मू-कश्मीर में एक नेता के तौर पर स्थापित हो जाएं.

बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान

सरदार पटेल ने एक सूत्र में बांधा भारत
पूरे भारत की रियासतों को एक सूत्र में बांधने का काम सरदार पटेल का था. उन्होंने यह काम बेहतरीन तरीके से पूरा भी किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी जवाहर लाल नेहरू की थी. उन्होंने अपने स्वार्थों की वजह से उसे 370 जैसे काले कानून में धकेल दिया.

370 के विरोध में साहब भीमराव अंबेडकर
जब नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को धारा 370 का मसौदा तैयार करवाने के लिए तत्कालीन कानून मंत्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पास भेजा था, तब इस बात को सुनकर बाबा साहब अंबेडकर नाराज हो गए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह देश के साथ धोखा है. मेरे रहते कभी भी यह मसौदा तैयार नहीं हो सकता.

साथ ही बाबा साहब ने कहा था कि कश्मीर में भारत सरकार विकास कार्य करवाए, अनाज के भंडार भरे, वहां शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था भी भारत सरकार ही करें, लेकिन वहां के लोग खुद को भारत का हिस्सा ना माने. इस तरह के कानून को कभी बनाया नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें:-सीएम मनोहर लाल कल भरेंगे नामांकन पत्र, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे मौजूद

नेहरू की जिद की वजह से थोपा गया अनुच्छेद 370
लेकिन नेहरू की जिद की वजह से अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर पर थोप दिया गया. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर आतंकवाद और अलगाववाद का शिकार हो गया. वहां पर कोई विकास कार्य नहीं हो पाया, ना ही वहां शिक्षा के अवसर बढ़े और ना ही लोगों को रोजगार मिला. इस धारा की वजह से कश्मीर बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ा.

विकास के रास्ते पर जम्म-कश्मीर
साथ ही नड्डा ने कहा कि हमारी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया. अब जम्मू कश्मीर फिर से धीरे-धीरे मुख्यधारा में शामिल हो रहा है. सरकार वहां के लोगों की हर तरह से मदद कर रही है. सरकार के इस काम में हम सब को एकजुट होना होगा. कश्मीर को संभालना और उसे विकास के रास्ते पर ले कर आना हम सबकी जिम्मेदारी है.

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. सभी पार्टियों ने अपने दौरे तेज कर दिए हैं. चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे. चंडीगढ़ में बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

विपक्ष पर जमकर बरसे जेपी नड्डा
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने अनुच्छेद 370 का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का जन्म नेहरू की जीत की वजह से हुआ था. नेहरू और शेख अब्दुल्लाह अच्छे दोस्त थे और नेहरु किसी भी तरीके से शेख अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर में स्थापित करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की जिद ठान ली थी. नेहरु चाहते थे कि ये काम शेख अब्दुल्लाह के हाथों से हो ताकि शेख अब्दुल्लाह जम्मू-कश्मीर में एक नेता के तौर पर स्थापित हो जाएं.

बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान

सरदार पटेल ने एक सूत्र में बांधा भारत
पूरे भारत की रियासतों को एक सूत्र में बांधने का काम सरदार पटेल का था. उन्होंने यह काम बेहतरीन तरीके से पूरा भी किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी जवाहर लाल नेहरू की थी. उन्होंने अपने स्वार्थों की वजह से उसे 370 जैसे काले कानून में धकेल दिया.

370 के विरोध में साहब भीमराव अंबेडकर
जब नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को धारा 370 का मसौदा तैयार करवाने के लिए तत्कालीन कानून मंत्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पास भेजा था, तब इस बात को सुनकर बाबा साहब अंबेडकर नाराज हो गए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह देश के साथ धोखा है. मेरे रहते कभी भी यह मसौदा तैयार नहीं हो सकता.

साथ ही बाबा साहब ने कहा था कि कश्मीर में भारत सरकार विकास कार्य करवाए, अनाज के भंडार भरे, वहां शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था भी भारत सरकार ही करें, लेकिन वहां के लोग खुद को भारत का हिस्सा ना माने. इस तरह के कानून को कभी बनाया नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें:-सीएम मनोहर लाल कल भरेंगे नामांकन पत्र, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे मौजूद

नेहरू की जिद की वजह से थोपा गया अनुच्छेद 370
लेकिन नेहरू की जिद की वजह से अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर पर थोप दिया गया. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर आतंकवाद और अलगाववाद का शिकार हो गया. वहां पर कोई विकास कार्य नहीं हो पाया, ना ही वहां शिक्षा के अवसर बढ़े और ना ही लोगों को रोजगार मिला. इस धारा की वजह से कश्मीर बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ा.

विकास के रास्ते पर जम्म-कश्मीर
साथ ही नड्डा ने कहा कि हमारी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया. अब जम्मू कश्मीर फिर से धीरे-धीरे मुख्यधारा में शामिल हो रहा है. सरकार वहां के लोगों की हर तरह से मदद कर रही है. सरकार के इस काम में हम सब को एकजुट होना होगा. कश्मीर को संभालना और उसे विकास के रास्ते पर ले कर आना हम सबकी जिम्मेदारी है.

Intro:भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे । यहां उन्होंने चंडीगढ़ भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अपने संबोधन में बात करते हुए उन्होंने धारा 370 का जिक्र किया।



Body:उन्होंने कहा धारा 370 का जन्म नेहरू की जीत की वजह से हुआ था। नेहरू और शेख अब्दुल्लाह अच्छे दोस्त थे और नेहरु किसी भी तरीके से शेख अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर में स्थापित करना चाहते थे । इसलिए उन्होंने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की जिस ठान ली थी। वह चाहते थे कि यह काम शेख अब्दुल्ला के हाथों से हो ताकि शेख अब्दुल्लाह जम्मू कश्मीर में एक नेता के तौर पर स्थापित हो जाए।
पूरे भारत की रियासतों को एक सूत्र में बांधने का काम सरदार पटेल का था और उन्होंने यह काम बेहतरीन तरीके से पूरा भी किया। लेकिन जम्मू कश्मीर की जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू की थी और उन्होंने अपने स्वार्थों की वजह से उसे 370 जैसे काले कानून में धकेल दिया।
जब नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को धारा 370 का मसौदा तैयार करवाने के लिए तत्कालीन कानून मंत्री बाबा साहब अंबेडकर के पास भेजा। तब इस बात को सुनकर बाबा साहब अंबेडकर नाराज हो गए और उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह देश के साथ धोखा है और मेरे रहते कभी भी यह मसौदा तैयार नहीं हो सकता। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की कश्मीर में भारत सरकार विकास कार्य करवाए, वह अनाज के भंडार भरे , वहां शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था भी भारत सरकार ही करें, लेकिन वहां के लोग खुद को भारत का हिस्सा ना माने। इस तरह के कानून को कभी बनाया नहीं जाएगा।

लेकिन नेहरू की ज़िद की वजह से धारा 370 को जम्मू कश्मीर पर थोप दिया गया । जिसके बाद जम्मू कश्मीर आतंकवाद और अलगाववाद का शिकार हो गया। वहां पर कोई विकास कार्य नहीं हो पाया , ना ही वहां शिक्षा के अवसर बढ़े और ना ही लोगों को रोजगार मिला। इस धारा की वजह से कश्मीर बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ा था।

लेकिन अब भारत सरकार ने इस धारा को वहां से हटाकर फिर से कश्मीर के लिए विकास के रास्ते खोल दिए हैं। सरकार वहां पर शिक्षा के प्रबंध कर रही है। लोगों को रोजगार दिलाने के लिए कई तरह के काम शुरू किए जा रहे हैं । एक समय पर कश्मीर में पर्यटन बहुत बड़ा व्यवसाय होता था। जो खत्म हो गया था। सरकार उसे फिर से जीवित कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य पर खास ध्यान देते हुए सरकार वहां पर चंडीगढ़ पीजीआई की तरह दो बड़े अस्पताल भी बनवा रही है । जिनमें से एक श्रीनगर में बनेगा और दूसरा जम्मू में।
नड्डा ने कहा कि जम्मू कश्मीर अब फिर से धीरे-धीरे मुख्यधारा में शामिल हो रहा है । सरकार वहां के लोगों की हर तरह से मदद कर रही है और सरकार के इस काम में हम सब को एकजुट होना होगा । क्योंकि कश्मीर को संभालना और उसे विकास के रास्ते पर ले कर आना हम सबकी जिम्मेदारी है।

बाइट- जेपी नड्डा, कार्यकारी अध्यक्ष, भाजपा


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 4:52 PM IST
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