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हिमाचल प्रदेश: चिकनी नदी में जहरीले पानी से हुई लाखों मछलियों की मौत

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Published : Jul 6, 2019, 7:49 PM IST

हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ के ढाणा में कई उद्योगों द्वारा बारिश की आड़ में केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में छोड़ दिया गया.जहरीला पानी चिकनी नदी में आने के कारण लाखों मछलियों की मौत हो गई. जानें क्या है पूरा मामला....

जहरीले पानी से हुई लाखों मछलियों की मौत

नालागढ़: हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के जगातखाना झूला पुल के पास चिकनी नदी में जहरीले पानी के कारण लाखों मछलियों के मरने का मामला सामने आया है. गुस्साएं लोगों ने CM जयराम ठाकुर से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

दरअसल शुक्रवार क्षेत्र में हुई बारिश की वजह से नदी का जलस्तर बढ़ गया और नालागढ़ के ढाणा में कई उद्योगों द्वारा बारिश की आड़ में केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में छोड़ दिया गया. जहरीला पानी चिकनी नदी में आने के कारण मछलियां मर गई.

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कई बार ऐसी मछलियों के मरने की घटनाएं हो चुकी है. विभाग को शिकायत करने के बावजूद भी नियमों को ताक पर रखकर सरेआम नदियों में जहरीला पानी छोड़ने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.

जहरीले पानी से हुई लाखों मछलियों की मौत

पढ़ें: उजड़े गांव की ये है कहानी, बच्चों की राह देखते-देखते पथरा गईं बुजुर्ग आंखें

ग्राम पंचायत डांग के पूर्व विधायक और पूर्व पंचायत प्रधान जगदीश रानी ने बताया कि वो जगत कान्हा पुल से अपने घर की ओर जा रहे, लेकिन जैसे ही वो नदी के पास पहुंचे तो काफी बदबू आ रही थी. उन्होंने बताया कि नीचे उतरकर देखा तो नदी के किनारे लाखों की तादात में मछलियां मरी पड़ी थी.

पूर्व पंचायत प्रधान बताया कि राजपुरा नांगल और उद्योगों द्वारा सरेआम नियमों को ताक पर रखकर केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में खुला छोड़ा जा रहा है, जिससे मछलियां मरने की घटनाएं लगातार हो है.

नालागढ़: हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के जगातखाना झूला पुल के पास चिकनी नदी में जहरीले पानी के कारण लाखों मछलियों के मरने का मामला सामने आया है. गुस्साएं लोगों ने CM जयराम ठाकुर से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

दरअसल शुक्रवार क्षेत्र में हुई बारिश की वजह से नदी का जलस्तर बढ़ गया और नालागढ़ के ढाणा में कई उद्योगों द्वारा बारिश की आड़ में केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में छोड़ दिया गया. जहरीला पानी चिकनी नदी में आने के कारण मछलियां मर गई.

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कई बार ऐसी मछलियों के मरने की घटनाएं हो चुकी है. विभाग को शिकायत करने के बावजूद भी नियमों को ताक पर रखकर सरेआम नदियों में जहरीला पानी छोड़ने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.

जहरीले पानी से हुई लाखों मछलियों की मौत

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ग्राम पंचायत डांग के पूर्व विधायक और पूर्व पंचायत प्रधान जगदीश रानी ने बताया कि वो जगत कान्हा पुल से अपने घर की ओर जा रहे, लेकिन जैसे ही वो नदी के पास पहुंचे तो काफी बदबू आ रही थी. उन्होंने बताया कि नीचे उतरकर देखा तो नदी के किनारे लाखों की तादात में मछलियां मरी पड़ी थी.

पूर्व पंचायत प्रधान बताया कि राजपुरा नांगल और उद्योगों द्वारा सरेआम नियमों को ताक पर रखकर केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में खुला छोड़ा जा रहा है, जिससे मछलियां मरने की घटनाएं लगातार हो है.

Intro:
नालागढ़ के जगातखना झूला पुल के पास चिकनी नदी में जहरीले पानी से लाखों मछलियां की मौत
बारिश की आड़ में धागा उद्योग एवं दवा उद्योंगों द्वारा द्वारा छोड़ा गया कैमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में
जहरीले पानी के कारण मरी लाखों मछलियां
पॉल्यूशन विभाग मौके पर कर रहा मामले की जांच
पहले भी मछलियों के मरने की कई बार हो चुकी है घटनाएं
बार-बार उद्योगों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर नदियों में खुला छोड़ा जा रहा है केमिकल युक्त जहरीला पानी
पलूशन विभाग व स्थानीय प्रशासन पर उठने लगे सवाल
लोगों का कहना अगर जल्द ही फैक्ट्रियों के खिलाफ नहीं की गई कार्यवाही
तो आने वाले दिनों में किया जाएगा आंदोलन


Body:औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत जगातखाना झूला पुल के पास चिकनी नदी में जहरीले पानी के कारण लाखों मछलियों के मरने का मामला सामने आया है घटना शुक्रवार देर रात की बताई जा रही है जब क्षेत्र में बारिश हो रही थी तो बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया और नालागढ़ के ढाणा में कई उद्योगों द्वारा बारिश की आड़ में केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में खुलेआम छोड़ दिया जहरीला पानी नदी में आने के कारण चिकनी नदी में जितनी भी मछलियां थी वह सभी मछलियां जहरीले पानी के कारण मर गई । ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी कई बार ऐसी मछलियों के मरने की घटनाएं हो चुकी है लेकिन बार बार विभाग को शिकायतों के बाद भी नियमों को ताक पर रखकर सरेआम नदियों में जहरीला पानी छोड़ने वाले उद्योगों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लगती जाती है हालांकि जब कोई घटना होती है तो संबंधित विभाग मौके का जायजा लेकर कार्रवाई के नाम पर लीपापोती तो करते हैं लेकिन उसके कारण नदियों में दूषित पानी छोड़ने वालों के हौसले और बढ़ जाते हैं और आए दिन वह इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं अब यह देखना होगा कि विभाग अब भी इन उद्योगों पर कोई कार्रवाई करता है या नहीं या इसी तरह आने वाले दिनों में भी मछलियों के मरने की घटनाएं जारी रहती है।
इस बारे में जब हमने ग्राम पंचायत डांग के पूर्व विधायक पूर्व पंचायत प्रधान जगदीश रानी से बात की तो उन्होंने कहा है कि वह जगत कान्हा पुल के नीचे से अपनी कार से अपने घर की ओर जा रहा था को जैसे ही वह नदी के पास पहुंचा तो काफी मात्रा में बदबू भाई तो जब वह नीचे उतर कर देखा तो नदी के किनारे लाखों की तादात में मछलियां मरी पड़ी थी उनका कहना है कि मछलियां मरने का कारण क्षेत्र के उद्योगों से दूषित पानी नदियों में खुला छोड़ने के कारण हुई है उन्होंने कहा कि राजपुरा नांगल और आदि उद्योगों द्वारा सरेआम नियमों को ताक पर रखकर केमिकल युक्त जहरीला पानी नदी में खुला छोड़ा जा रहा है जिसके कारण जहां मछलियों मरने की घटनाएं लगातार आ रही है और स्थानीय लोग भी गंभीर बारे में की चपेट में आ चुके हैं उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर को मामले में जल्द से जल्द उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।Conclusion:लोकेशन : नालागढ़
बाइट 3: जगदीश सैणी (पूर्व प्रधान ,ग्राम पंचायत ढांग)
बाइट 4: राम दास (स्थानीय निवासी)
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