नई दिल्ली : एन 95 मास्क बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षा देने में काफी मददगार है और इसलिए इस नए कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने में भी मदद करता है. हालांकि बाकी के साधारण या सर्जिकल मास्क वायरस के ट्रांसमिशन को नहीं रोक सकते. यही वजह है कि N95 मास्क की बिक्री काफी तेज हो गई है. मांग बढ़ने के कारण बाजार में मास्क की कमी हो रही है. अब इसके पुन: प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है. कुछ जानकारों का मानना है कि मास्क को गर्म (हीटिंग) करने से उसे दोबार पहनने योग्य बनाया जा सकता है.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन से पता चला है कि एन 95 मास्क का पुन: उपयोग करना सुरक्षित है. इसके लिए एन95 मास्क को एक विशिष्ट तापमान पर गर्म करके कोरोना से काफी हद तक बचा जा सकता है.
इस पर शोधकर्ताओं ने सुरक्षित उपायों को अपनाकर पुन: उपयोग कैसे किया जाए, इस पर एक अध्ययन करके कुछ अवलोकन (जांच पड़ताल) किए हैं.
एन 95 मास्क में पिघले हुए पॉली-प्रोफिलीन फाइबर की एक परत होती है. इस मास्क में छह लेयर होते हैं जो माइक्रो बैक्टीरिया और वायरस को अंदर आने से रोकता है.
ऐसे मास्क की क्षमता होती है कम
एक अध्ययन में यह पाया गया कि इथेनॉल या क्लोरीन ब्लीच के घोल से सफाई करने के बाद एन95 मास्क की फिल्टरिंग क्षमता कम हो जाती है. यह भी पाया गया कि वाष्प प्रक्रिया का उपयोग करने से एन 95 मास्क की क्षमता कम हो जाती है.
कारगर है यह उपाय
हालांकि गर्म करने के स्थान पर मॉस्क पर अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रयोग करके वायरस को खत्म किया जा सकता है.
अध्ययन में कहा गया है कि मास्क को 20 मिनट के लिए 85 डिग्री सेल्सियस पर गर्म करने से इसे लगभग 50 बार उपयोग में लाया जा सकता है.
अंत में शोधकर्ताओं ने एक निष्कर्ष निकाला कि एन 95 मास्क का पुन: उपयोग करने के लिए हीटिंग सबसे अच्छी प्रक्रिया है. हालांकि, यह भी चेतावनी दी कि अक्सर इस्तेमाल करने और हटाने से मास्क प्रभावित होता है.
कोरोना महामारी से बचने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश का पालन अवश्य करें.