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हिंदू-मुस्लिम सौहार्द, मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम शख्स ने दान की जमीन

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए कर्नाटक के होसकोटे में रहने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के निर्माण के लिए भूमि दान की है. पढ़े पूरी खबर...

land donation
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Published : Dec 9, 2020, 9:50 PM IST

बेंगलुरु (कर्नाटक) : बेंगलुरु के होसकोटे में मुस्लिम समुदाय के एचएमजी बाशा ने होसकोटे में अंजनेय (हनुमान) मंदिर के निर्माण के लिए लाखों रुपये की भूमि दान की है.

उन्होंने सभी धर्मों के प्रति अपना सम्मान और प्यार दिखाते हुए अंजनेय मंदिर ट्रस्ट को अपनी तीन एकड़ जमीन में से 1.5 गन्टा हिस्सा दान में दे दिया है. उन्होंने बताया कि वह जमीन का स्वामित्व वीरंजन्य स्वामी सेवा ट्रस्ट को हस्तांतरित कर देंगे.

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

अंजनेय की मूर्ति तीन दशक पहले एक छोटे से मंदिर में स्थापित की गई थी. यह स्थान बाशा की तीन एकड़ भूमि से जुड़ा हुआ था. ग्रामीण मंदिर निर्माण का कार्य करने की योजना बना रहे थे, तभी बाशा ने मंदिर का निर्माण करने के लिए जमीन दान दे दी.

पढ़ें :- हिंदू-मुस्लिम नहीं देखती इंसानियत, पढ़ें लक्ष्मी-शाहिदा की कहानी

बाशा का कहना है कि वह हर धर्म का सम्मान करते हैं. कोरोना के चलते भूमि अब तक स्थानांतरित नहीं की गई लेकिन बहुत जल्द जमीन को निर्माण के लिए दे दिया जाएगा. इस भूमि की कीमत 70 से 80 लाख है. उन्होंने कहा कि हम कामना करते हैं कि मंदिर वहीं बने और लोग वहां पूजा करें. देश हमारा है मस्जिद बने या मंदिर बने मेरे लिए सब कुछ उतना ही मायने रखता है.

बेंगलुरु (कर्नाटक) : बेंगलुरु के होसकोटे में मुस्लिम समुदाय के एचएमजी बाशा ने होसकोटे में अंजनेय (हनुमान) मंदिर के निर्माण के लिए लाखों रुपये की भूमि दान की है.

उन्होंने सभी धर्मों के प्रति अपना सम्मान और प्यार दिखाते हुए अंजनेय मंदिर ट्रस्ट को अपनी तीन एकड़ जमीन में से 1.5 गन्टा हिस्सा दान में दे दिया है. उन्होंने बताया कि वह जमीन का स्वामित्व वीरंजन्य स्वामी सेवा ट्रस्ट को हस्तांतरित कर देंगे.

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

अंजनेय की मूर्ति तीन दशक पहले एक छोटे से मंदिर में स्थापित की गई थी. यह स्थान बाशा की तीन एकड़ भूमि से जुड़ा हुआ था. ग्रामीण मंदिर निर्माण का कार्य करने की योजना बना रहे थे, तभी बाशा ने मंदिर का निर्माण करने के लिए जमीन दान दे दी.

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बाशा का कहना है कि वह हर धर्म का सम्मान करते हैं. कोरोना के चलते भूमि अब तक स्थानांतरित नहीं की गई लेकिन बहुत जल्द जमीन को निर्माण के लिए दे दिया जाएगा. इस भूमि की कीमत 70 से 80 लाख है. उन्होंने कहा कि हम कामना करते हैं कि मंदिर वहीं बने और लोग वहां पूजा करें. देश हमारा है मस्जिद बने या मंदिर बने मेरे लिए सब कुछ उतना ही मायने रखता है.

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