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मुस्लिम परिवार ने अपने कर्मचारी की मौत पर हिंदू रीति से निभाई रस्में

उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम परिवार ने अपने हिंदू कर्मचारी की मौत के बाद कुछ ऐसा किया कि हर कोई उनकी तारीफ करता नहीं थक रहा. जानिये क्या है पूरा मामला......

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Published : Jun 27, 2019, 2:07 PM IST

भदोही: हिन्दुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल को अमल में लाते हुए उत्तर प्रदेश के भदोही गांव के एक मुस्लिम परिवार ने अपने एक कर्मचारी की मौत के बाद हिन्दू रीति-रिवाज से उसका दाह संस्कार किया और तेरहवीं की रस्म निभायी.

तेरहवीं भोज के लिए बांटे गए कार्ड पर नीचे शोकाकुल परिवार में इरफान अहमद खान और फरीद खान का नाम छपा होने के साथ भवदीय में उनकी फर्म का नाम लिखा गया. ये ब्राह्मण भोज इरफान और फरीद ने अपने सहयोगी मुरारी लाल श्रीवास्तव की आत्मा की शांति के लिए 25 जून की रात शहर के हरिराम पुर में किया जिसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के एक हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए.

कोतवाली पुलिस के मुताबिक मुरारी लाल श्रीवास्तव (65) को पिछले दिनों खेत में किसी जहरीले जंतु ने काट लिया था जिससे इलाज के दौरान 13 जून को उनकी मौत हो गई थी. मुरारी के परिवार में किसी के ना होने पर उनका शव इरफान और फरीद के परिवार को सौंप दिया गया. दोनों ने कुछ सहयोगियों की मदद से पूरे विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया.
इरफान और फरीद ने गुरुवार को बताया कि मुरारी हमारे घर के सदस्य की तरह पिछले 15 साल से हम लोगों के साथ जुड़े रहे और हमेशा घर के सदस्य की तरह हमें उनका समर्थन मिला.

पढ़ें: अंबाला में IAF का जगुआर पक्षी से टकराया, पायलट ने करवाई इमरजेंसी लैंडिंग

इरफान के मुताबिक मुरारी उनके घर के बुज़ुर्ग सदस्य की तरह थे इसलिए हम लोगों ने वही किया जो हम घर के किसी सदस्य के लिये करते. साथ ही कहा कि जब हम लोग तेरहवीं का कार्ड बांटने हर जगह गए तो सभी ने आश्चर्य जताया.

उन्होंने बताया कि ब्राह्मण भोज से पहले 22 जून को बाकायदा बाल उतारने की रस्म अदा की गयी और 25 जून को रखे गए ब्राह्मण भोज में एक हजार से ज्यादा हिन्दू -मुस्लिम सभी ने इसमें भाग लिया.

मुस्लिम परिवार द्वारा ये सभी रस्में अदा किया जाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

भदोही: हिन्दुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल को अमल में लाते हुए उत्तर प्रदेश के भदोही गांव के एक मुस्लिम परिवार ने अपने एक कर्मचारी की मौत के बाद हिन्दू रीति-रिवाज से उसका दाह संस्कार किया और तेरहवीं की रस्म निभायी.

तेरहवीं भोज के लिए बांटे गए कार्ड पर नीचे शोकाकुल परिवार में इरफान अहमद खान और फरीद खान का नाम छपा होने के साथ भवदीय में उनकी फर्म का नाम लिखा गया. ये ब्राह्मण भोज इरफान और फरीद ने अपने सहयोगी मुरारी लाल श्रीवास्तव की आत्मा की शांति के लिए 25 जून की रात शहर के हरिराम पुर में किया जिसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के एक हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए.

कोतवाली पुलिस के मुताबिक मुरारी लाल श्रीवास्तव (65) को पिछले दिनों खेत में किसी जहरीले जंतु ने काट लिया था जिससे इलाज के दौरान 13 जून को उनकी मौत हो गई थी. मुरारी के परिवार में किसी के ना होने पर उनका शव इरफान और फरीद के परिवार को सौंप दिया गया. दोनों ने कुछ सहयोगियों की मदद से पूरे विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया.
इरफान और फरीद ने गुरुवार को बताया कि मुरारी हमारे घर के सदस्य की तरह पिछले 15 साल से हम लोगों के साथ जुड़े रहे और हमेशा घर के सदस्य की तरह हमें उनका समर्थन मिला.

पढ़ें: अंबाला में IAF का जगुआर पक्षी से टकराया, पायलट ने करवाई इमरजेंसी लैंडिंग

इरफान के मुताबिक मुरारी उनके घर के बुज़ुर्ग सदस्य की तरह थे इसलिए हम लोगों ने वही किया जो हम घर के किसी सदस्य के लिये करते. साथ ही कहा कि जब हम लोग तेरहवीं का कार्ड बांटने हर जगह गए तो सभी ने आश्चर्य जताया.

उन्होंने बताया कि ब्राह्मण भोज से पहले 22 जून को बाकायदा बाल उतारने की रस्म अदा की गयी और 25 जून को रखे गए ब्राह्मण भोज में एक हजार से ज्यादा हिन्दू -मुस्लिम सभी ने इसमें भाग लिया.

मुस्लिम परिवार द्वारा ये सभी रस्में अदा किया जाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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Print Printपीटीआई-भाषा संवाददाता 11:40 HRS IST

मुस्लिम परिवार ने अपने कर्मचारी की 13वीं की, चर्चा का विषय बना उनका फैसला

भदोही (उप्र), 26 जून (भाषा) हिन्दुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल को अमल में लाते हुए भदोही के एक मुस्लिम परिवार ने अपने एक कर्मचारी की मौत के बाद हिन्दू रीति-रिवाज़ से उसका दाह संस्कार किया और तेरहवीं की रस्म निभायी।



तेरहवीं भोज के लिए बांटे गए कार्ड पर नीचे शोकाकुल परिवार में इरफ़ान अहमद खान और फरीद खान का नाम छपा होने के साथ भवदीय में उनकी फर्म का नाम लिखा गया। ये ब्राह्मण भोज इरफ़ान और फरीद ने अपने सहयोगी मुरारी लाल श्रीवास्तव की आत्मा की शांति के लिए 25 जून की रात शहर के हरिराम पुर में किया जिसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के एक हज़ार से ज़्यादा लोग शामिल हुए।



कोतवाली पुलिस के मुताबिक मुरारी लाल श्रीवास्तव (65) को पिछले दिनों खेत में किसी ज़हरीले जंतु ने काट लिया था जिससे इलाज के दौरान 13 जून को उनकी मौत हो गई थी। मुरारी के परिवार में किसी के ना होने पर उनका शव इरफान और फरीद के परिवार को सौंप दिया गया। दोनों ने कुछ सहयोगियों की मदद से पूरे विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया।



इरफान और फरीद ने गुरुवार को 'भाषा' को बताया कि मुरारी हमारे घर के सदस्य की तरह पिछले 15 साल से हम लोगों के साथ जुड़े रहे और हमेशा घर के सदस्य की तरह हमें उनका समर्थन मिला।



इरफ़ान के मुताबिक मुरारी उनके घर के बुज़ुर्ग सदस्य की तरह थे इसलिए हम लोगों ने वही किया जो हम घर के किसी सदस्य के लिये करते। साथ ही कहा कि जब हम लोग तेरहवीं का कार्ड बांटने हर जगह गए तो सभी ने आश्चर्य जताया।



उन्होंने बताया कि ब्राह्मण भोज से पहले 22 जून को बाकायदा बाल उतारने की रस्म अदा की गयी और 25 जून को रखे गए ब्राह्मण भोज में एक हज़ार से ज़्यादा हिन्दू -मुस्लिम सभी ने इसमें भाग लिया।



मुस्लिम परिवार द्वारा ये सभी रस्में अदा किया जाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।


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