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अखिलेश-शिवपाल को साथ लाने में जुटे मुलायम, पूरे कुनबे के साथ की मुलाकात - loksabha elections

मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश और भाई शिवपाल के बीच फिर एक बार फिर सुलह कराने की कोशिश की है. पढ़ें पूरी खबर......

परिवार को जोड़ने की मुलायम की नई कोशिश
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Published : Jun 9, 2019, 11:41 PM IST

नई दिल्लीः हाल में हुए लोकसभा चुनावों में सपा का निराशाजनक प्रदर्शन रहा. इसे देखते हुए पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और भाई शिवपाल के बीच फिर एक बार सुलह कराने की कोशिश की है. पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मतभेद दूर करने के लिए पिछले कुछ दिन में मुलायम ने अखिलेश, शिवपाल और पूरे कुनबे से मुलाकात की.

बता दें, यह मुलाकातें उत्तर प्रदेश के सैफई में हुई हैं.

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की कोशिश फिल्हाल कामियाब होती नजर नहीं आ रही हैं. क्योंकि उनके भाई शिवपाल ने अपनी पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का सपा में विलय से इंकार कर दिया है.

etvbharat mulayam singh
मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव

बता दें शिवपाल पिछले साल सपा से अलग हो गए थे और उन्होंने समाजवादी सेक्युलर नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली थी.

पारिवारिक फूट की वजह के लिए उन्होंने अपने रिश्ते के भाई एवं पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव को जिम्मेदार ठहराया था.

पढ़ेंः अमर सिंह का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू, मुलायम से लेकर अमिताभ तक के खोले कई राज

सूत्रों ने बताया कि शिवपाल को उत्तर प्रदेश में होने वाले 12 उपचुनावों में सपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं हैं.

भाजपा के नौ और सपा,बसपा से एक-एक विधायक लोकसभा चुनाव जीत गए हैं. इससे 11 सीटें रिक्त हुईं हैं वहीं हत्या के मामले में भाजपा के एक विधायक को दोषी ठहराए जाने के बाद उसे अयोग्य ठहराए जाने से एक सीट रिक्त हुई है.

बताया जा रहा है कि मुलायम ने अखिलेश और शिवपाल दोनों को समझाया है कि अगर परिवार में एका नहीं हुआ तो इसके राजनीतिक परिणाम भुगतने पड़ सकते है.

नई दिल्लीः हाल में हुए लोकसभा चुनावों में सपा का निराशाजनक प्रदर्शन रहा. इसे देखते हुए पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और भाई शिवपाल के बीच फिर एक बार सुलह कराने की कोशिश की है. पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मतभेद दूर करने के लिए पिछले कुछ दिन में मुलायम ने अखिलेश, शिवपाल और पूरे कुनबे से मुलाकात की.

बता दें, यह मुलाकातें उत्तर प्रदेश के सैफई में हुई हैं.

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की कोशिश फिल्हाल कामियाब होती नजर नहीं आ रही हैं. क्योंकि उनके भाई शिवपाल ने अपनी पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का सपा में विलय से इंकार कर दिया है.

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मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव

बता दें शिवपाल पिछले साल सपा से अलग हो गए थे और उन्होंने समाजवादी सेक्युलर नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली थी.

पारिवारिक फूट की वजह के लिए उन्होंने अपने रिश्ते के भाई एवं पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव को जिम्मेदार ठहराया था.

पढ़ेंः अमर सिंह का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू, मुलायम से लेकर अमिताभ तक के खोले कई राज

सूत्रों ने बताया कि शिवपाल को उत्तर प्रदेश में होने वाले 12 उपचुनावों में सपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं हैं.

भाजपा के नौ और सपा,बसपा से एक-एक विधायक लोकसभा चुनाव जीत गए हैं. इससे 11 सीटें रिक्त हुईं हैं वहीं हत्या के मामले में भाजपा के एक विधायक को दोषी ठहराए जाने के बाद उसे अयोग्य ठहराए जाने से एक सीट रिक्त हुई है.

बताया जा रहा है कि मुलायम ने अखिलेश और शिवपाल दोनों को समझाया है कि अगर परिवार में एका नहीं हुआ तो इसके राजनीतिक परिणाम भुगतने पड़ सकते है.

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POL-SP-MULAYAM
Mulayam launches fresh efforts to unite clan
         New Delhi, Jun 9 (PTI) After Samajwadi Party's dismal performance in the Lok Sabha elections, party patriarch Mulayam Singh Yadav has launched fresh efforts to end acrimony between his son Akhilesh and brother Shivpal, sources in the party have said.
         Over the past few days, Mulayam separately met Akhilesh and Shivpal, and the entire clan to settle the differences, they said.
         The meetings have taken place in Delhi and Saifai in Uttar Pradesh.
         His initial efforts have not yielded much results as Shivpal has refused to merge his Pragatisheel Samajwadi Party with the SP which he had left in August last year.
         He has blamed cousin and SP general secretary Ram Gopal Yadav for the split in the clan.
         But, the sources claimed that Shivpal is not averse to contesting the coming 12 bypolls to the Uttar Pradesh assembly with the SP.
         Nine BJP and one MLA each from SP and BSP won the Lok Sabha elections. Another vacancy was created when a BJP MLA was disqualified upon his conviction in a murder case.
         Mulayam is learnt to have told Shivpal and Akhilesh that if the clan does not unite, it may face severe political consequences.
         Mulayam initiated the efforts to settle differences between Shivpal and Akhilesh after the LS poll results when the SP-Bahujan Samaj Party alliance failed miserably.
         Shivpal's party was blamed by SP and BSP for splitting Yadav votes.
         Akhikesh's wife Dimple and cousins Dharmendra and Akshay faced defeats in the Lok Sabha elections. PTI NAB
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